जयपुर. कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन जारी है. यहां तक कि पलायन कर रहे मजदूरों को रोकने के लिए देश के सभी राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील भी कर दिया है. इन हालातों के बीच मजदूरों की परेशानी ईटीवी भारत पर आने के बाद प्रशासन चेता और कई जगहों पर शेल्टर होम बनाए गए.
बता दें कि जयपुर शहर में 7 और जयपुर जिले में कुल 34 जगहों पर अस्थाई आवास पलायन कर रहे मजदूरों के लिए उपलब्ध करवाए गए हैं. लेकिन इन अस्थाई आवासों की हकीकत यह है कि यहां ठहराए गए मजदूरों को बुनियादी सुविधाओं तक की दरकार है.
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ईटीवी भारत की टीम मंगलवार को जयपुर शहर के बनाए गए पानी पेच स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय वाटर वर्क्स स्थित शेल्टर होम पर पहुंचा. इस शेल्टर होम पर करीब 60 मजदूरों को और पलायन कर रहे लोगों को रोका गया था. इनमें से कुछ फुटपाथ पर रहने वाले थे, कुछ बिहार और उत्तर प्रदेश के थे तो कुछ जयपुर जिले के अलग-अलग हिस्सों के थे.
सरकार ने सभी व्यवस्थाएं शुरू की हैः शेल्टर होम प्रभारी
इस दौरान ईटीवी भारत ने राज्य सेवा में पटवारी और शेल्टर होम प्रभारी मनोज फौजदार से बातचीत की. शेल्टर होम प्रभारी का कहना था, कि सरकार ने सभी व्यवस्थाएं शुरू की है. भोजन-पानी और स्वच्छ शौचालय का प्रबंध किया गया है.
शेल्टर होम की हकीकत दावों को बौना साबित कर रही...
वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने अंदर जाकर देखी तो अंदर की हकीकत दावों को बौना साबित कर रही थी. शेल्टर होम के अंदर कमरों में सैनिटाइजेशन का दावा किया गया था और साफ-सफाई की बात की गई थी. लेकिन कमरों की हालत साफ बयां कर रही थी की इन्हें अभी और सफाई की जरूरत है. इसी तरह से भोजन का प्रबंध तो समाजसेवियों की तरफ से किया जा रहा था.
बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग
वहीं, मासूम बच्चों के साथ आई महिलाएं भी बिस्तरों के लिए तरसती रही. किसी ने यूं ही फर्श पर रात गुजारी तो किसी के पास जो बैग में था, उसी को बिछाकर सो गया. हालात यह थे कि मच्छरों से इन लोगों को बचाने वाला कोई नहीं था और यह लोग भी डर रहे थे कि कहीं संक्रमण इन तक ना पहुंच जाए. इससे बेहतर होता कि वे अपने घर के लिए रुखसत हो जाते.
शेल्टर होम में संक्रमण का खतरा
बता दें कि ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में शेल्टर होम में संक्रमण का खतरा ज्यादा नजर आया. किसी मरीज को खांसी जुकाम थी तो किसी को बुखार था, लेकिन शेल्टर होम पर डॉक्टर का इंतजाम नहीं था. साथ ही शेल्टर होम पर जो रुके हुए हैं उनमें से किसी मरीज की स्क्रीनिंग तक नहीं की गई है.
शेल्टर होम में नजर आईं कमियां
ऐसे हालात में अगर कोई अपने साथ संक्रमण लेकर आ जाता है तो फिर शेल्टर होम में मौजूद बाकी लोगों के लिए भी यह बात जानलेवा साबित हो सकती है. ऐसे में आनन-फानन में शुरू की गई शेल्टर होम की व्यवस्था में बुनियादी तौर पर कमियां नजर आई. इसमें बस ठीक यही था कि पलायन कर रहे लोगों के लिए अस्थाई आवासों के इंतजाम हो गए.