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नगर निगम चुनाव में क्या किसी बड़े नेता के चहेते को मिलेगी कुर्सी? जानिए क्या कहते हैं राजस्थान के मुख्य सचेतक - राजस्थान नगर निकाय चुनाव 2020

निकाय चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. इस बार जयपुर में दो नगर निगमों के लिए चुनाव होंगे. ऐसे में अब प्रत्याशी टिकट के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं को रिझाने में जुट गए हैं. महेश जोशी के घर के बाहर भी कई प्रत्याशी टिकट मिलने की आस में पहुंच रहे हैं. वहीं यह अनुमान लगाया जा रहा है कि महेश जोशी के परिवार से कोई महापौर हो सकता है. इस बारे में मुख्य सचेतक ने ईटीवी भारत से क्या कहा, आप खुद ही सुनिए...

rajasthan latest news , rajasthan local body elections,  महेश जोशी का बयान,  राजस्थान के मुख्य सचेतक से जुड़ी खबर
महेश जोशी से ईटीवी भारत की बातचीत
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Published : Oct 15, 2020, 2:09 PM IST

जयपुर: राजस्थान में नगर निगम चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. निकाय चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी माहौल गरम हो गया है. जयपुर, जोधपुर, कोटा के 6 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं. पार्षद बनने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है. हालांकि अभी प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिले हैं. ऐसे में टिकट की मांग को लेकर प्रत्याशी बड़े नेताओं के घरों पर चक्कर काट रहे हैं.

महेश जोशी से ईटीवी भारत की बातचीत

बता दें कि इस बार राजस्थान में नगर निगम के चुनाव में महापौर का चयन प्रत्यक्ष तरीके से ना होकर होकर अप्रत्यक्ष रूप से होगा. ऐसे में हाइब्रिड फार्मूले के आधार पर मेयर चुना जाएगा. इसके बाद से एक बार फिर चर्चा होने लगी है कि कांग्रेस के किसी बड़े नेता के चहेते को तो मेयर पद के लिए बैक डोर एंट्री देने के लिए यह सारी कवायद तो नहीं है. लेकिन राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आज यह बिल्कुल साफ कर दिया है कि नगर निगम चुनाव में महापौर वही बनेगा, जो पार्षद का चुनाव जीतेगा.

केवल एक परिस्थिति में होगा हाइब्रिड फार्मूले का उपयोग

महेश जोशी ने कहा कि हाइब्रिड फार्मूला अस्तित्व में जरूर है लेकिन इसका उपयोग केवल उसी स्थिति में होगा, जब कोई ओबीसी महिला चुनाव नहीं जीतती है. इन चुनाव में यह भी कहा जा रहा था कि हाइब्रिड फार्मूला बड़े नेताओं के लिए महापौर बनने की बैक डोर एंट्री होगी. लगातार यह चर्चाएं की जा रही थी कि खुद मुख्य सचेतक महेश जोशी के परिवार से उनकी पुत्रवधू महापौर की प्रत्याशी हो सकती हैं. लेकिन आज महेश जोशी ने बिल्कुल साफ कर दिया कि उनके परिवार से न तो कोई पार्षद का चुनाव लड़ रहा है ना ही कोई महापौर का प्रत्याशी होगा.

बागी प्रत्याशियों से समझाइश की होगी कोशिश

मुख्य सचेतक का कहना है कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता टिकट मांगने पहुंच रहे हैं. यह दिखाता है कि कांग्रेस के प्रति लोगों में कितना रुझान है. हालांकि ज्यादा प्रत्याशी होने से बगावत का डर भी हो सकता है. महेश जोशी ने यहा भी कहा कि कांग्रेस का जो भी प्रत्याशी होगा, उसके समर्थन में बाकी प्रत्याशी आ जाएंगे. लेकिन अगर कहीं बगावत होती भी है, तो ऐसे में बागी प्रत्याशियों को भी समझाने की कोशिश की जाएगी.

पढे़ं: नगर निगम चुनाव: BJP 65 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवार को नहीं देगी टिकट, वार्ड बदलने की भी इजाजत नहीं

नगर निगम चुनाव में टिकट वितरण के लिए जो एआईसीसी के पर्यवेक्षक बनाए हैं, उनसे अब तक जयपुर के कमेटी में शामिल नेताओं की मीटिंग नहीं हुई है. इस पर महेश जोशी ने कहा कि मीटिंग प्रैक्टिकल तौर पर होना जरूरी नहीं है. वह वर्चुअल तरीके से भी आपस में बात कर लेते हैं, क्योंकि कोरोना का समय चल रहा है. ऐसे में सभी नेता आपस में वर्चुअल तरीके से जुड़े हुए हैं और योग्य प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा.

जयपुर: राजस्थान में नगर निगम चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. निकाय चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ ही सियासी माहौल गरम हो गया है. जयपुर, जोधपुर, कोटा के 6 नगर निगमों के लिए चुनाव होने हैं. पार्षद बनने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं में उत्साह देखने को मिल रहा है. हालांकि अभी प्रत्याशियों को टिकट नहीं मिले हैं. ऐसे में टिकट की मांग को लेकर प्रत्याशी बड़े नेताओं के घरों पर चक्कर काट रहे हैं.

महेश जोशी से ईटीवी भारत की बातचीत

बता दें कि इस बार राजस्थान में नगर निगम के चुनाव में महापौर का चयन प्रत्यक्ष तरीके से ना होकर होकर अप्रत्यक्ष रूप से होगा. ऐसे में हाइब्रिड फार्मूले के आधार पर मेयर चुना जाएगा. इसके बाद से एक बार फिर चर्चा होने लगी है कि कांग्रेस के किसी बड़े नेता के चहेते को तो मेयर पद के लिए बैक डोर एंट्री देने के लिए यह सारी कवायद तो नहीं है. लेकिन राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आज यह बिल्कुल साफ कर दिया है कि नगर निगम चुनाव में महापौर वही बनेगा, जो पार्षद का चुनाव जीतेगा.

केवल एक परिस्थिति में होगा हाइब्रिड फार्मूले का उपयोग

महेश जोशी ने कहा कि हाइब्रिड फार्मूला अस्तित्व में जरूर है लेकिन इसका उपयोग केवल उसी स्थिति में होगा, जब कोई ओबीसी महिला चुनाव नहीं जीतती है. इन चुनाव में यह भी कहा जा रहा था कि हाइब्रिड फार्मूला बड़े नेताओं के लिए महापौर बनने की बैक डोर एंट्री होगी. लगातार यह चर्चाएं की जा रही थी कि खुद मुख्य सचेतक महेश जोशी के परिवार से उनकी पुत्रवधू महापौर की प्रत्याशी हो सकती हैं. लेकिन आज महेश जोशी ने बिल्कुल साफ कर दिया कि उनके परिवार से न तो कोई पार्षद का चुनाव लड़ रहा है ना ही कोई महापौर का प्रत्याशी होगा.

बागी प्रत्याशियों से समझाइश की होगी कोशिश

मुख्य सचेतक का कहना है कि बड़ी संख्या में कार्यकर्ता टिकट मांगने पहुंच रहे हैं. यह दिखाता है कि कांग्रेस के प्रति लोगों में कितना रुझान है. हालांकि ज्यादा प्रत्याशी होने से बगावत का डर भी हो सकता है. महेश जोशी ने यहा भी कहा कि कांग्रेस का जो भी प्रत्याशी होगा, उसके समर्थन में बाकी प्रत्याशी आ जाएंगे. लेकिन अगर कहीं बगावत होती भी है, तो ऐसे में बागी प्रत्याशियों को भी समझाने की कोशिश की जाएगी.

पढे़ं: नगर निगम चुनाव: BJP 65 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवार को नहीं देगी टिकट, वार्ड बदलने की भी इजाजत नहीं

नगर निगम चुनाव में टिकट वितरण के लिए जो एआईसीसी के पर्यवेक्षक बनाए हैं, उनसे अब तक जयपुर के कमेटी में शामिल नेताओं की मीटिंग नहीं हुई है. इस पर महेश जोशी ने कहा कि मीटिंग प्रैक्टिकल तौर पर होना जरूरी नहीं है. वह वर्चुअल तरीके से भी आपस में बात कर लेते हैं, क्योंकि कोरोना का समय चल रहा है. ऐसे में सभी नेता आपस में वर्चुअल तरीके से जुड़े हुए हैं और योग्य प्रत्याशियों को ही टिकट दिया जाएगा.

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