जयपुर. मानसून की पहली बारिश अपने साथ आफत लेकर आई है. शाम को बारिश के बाद आमेर किले के ठीक सामने पहाड़ी पर स्थित वॉच टावर पर मौसम का लुत्फ लेने, सोशल मीडिया के लिए वीडियो बनाने और सेल्फी लेने के शौकीन लोग पहुंचे थे. उनमें से आधे से ज्यादा काल का ग्रास बन गए. आकाशीय बिजली गिरने से करीब 11 लोगों की मौत हो गई. कई लोग घायल हो गए. घायलों में कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है. वहीं सिविल डिफेंस की टीम ने मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रखा है.
आमेर का किला जो अपनी खूबसूरती के चलते देश-विदेश में प्रसिद्ध है. जिसे निहारने के लिए सुहाने मौसम के बीच करीब 3 दर्जन लोग रविवार को पहाड़ियों पर स्थित वॉच टावर पर चले गए थे. किसी को मौसम का लुत्फ उठाना था तो किसी को खूबसूरत आमेर का दीदार करना था. सोशल मीडिया के जमाने में सेल्फी और वीडियो का क्रेज भी उन्हें यहां तक खींच लाया. लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये उनकी आखरी सेल्फी, आखिरी वीडियो और सुहाने मौसम के साथ आखिरी सफर होगा.
ईटीवी भारत सबसे पहले ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रत्यक्षदर्शी तौफीक ने बताया कि वॉच टावर पर शाम को आकाशीय बिजली गिरी थी. जो उनके घर से नजर आ रही थी. आमेर थाना पुलिस के 2 कांस्टेबलों के साथ वो मौके पर पहुंचे. वॉच टावर में घायल लोग दर्द से कराह रहे थे. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मौके पर काफी धुंआ था. घायल मदद के लिए गुहार लगा रहे थे. वहीं कई लोगों की मौत हो चुकी थी. आमेर थाने के कांस्टेबल रतिराम वर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय लोगों के साथ वो सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे. जहां कई लोगों के शव पड़े हुए थे. जो लोग जीवित थे, उन्हें रेस्क्यू कर एंबुलेंस के से एसएमएस अस्पताल पहुंचाया गया.
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घटनास्थल पर पहुंचे आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने बताया "पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस के जवानों ने रेस्क्यू कर करीब 30 लोगों को अस्पताल पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि रविवार होने की वजह से अस्पताल में स्टाफ की कमी थी, उसे दूर करते हुए 30 से 40 डॉक्टर्स की तत्काल ड्यूटी लगाई गई है. अस्पताल पहुंचने वाले लोगों का प्राथमिकता के साथ उपचार किया जा रहा है. इस प्राकृतिक आपदा को लेकर मुख्यमंत्री से भी बात हुई है और हताहत हुए लोगों को राहत देने की हर संभव कोशिश की जाएगी".
वहीं पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने खुद मौके का जायजा लिया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने बताया "करीब ढाई हजार सीढ़ियों पर 2 बुर्ज बनी हुई हैं. वहां कुछ लोग घूमने के लिए आए थे. अचानक बिजली गिरी, ऐसे में वहां कोई छुपने का स्थान नहीं था. जिसकी वजह से वॉच टॉवर पर पहुंचे लोग बिजली की चपेट में आ गए. करीब 4 से 5 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन और चलेगा. घटनास्थल के आस-पास गहरी खाई हैं और रात के अंधेरे की वजह से कुछ दिख नहीं रहा. हो सकता है कोई घायल झाड़ियों में पड़ा हो उसको रेस्क्यू करने की भी तैयारियां चल रही हैं".
निगम प्रशासन और फायर डिपार्टमेंट की टीम भी रेस्क्यू में मदद करने, साथ ही क्षेत्र में व्यवस्था बनाने में अपनी भूमिका अदा करती दिखी. हवामहल आमेर जोन उपायुक्त सुरेंद्र यादव ने बताया कि वॉच टावर पर काफी लोग मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं. रविवार को भी स्थानीय लोगों के साथ दूसरे राज्यों से आए पर्यटक भी यहां पहुंचे थे.