जयपुर . प्रदेश की राजधानी में बनाए गए 2 निगमों को लेकर राजनीतिक दलों के बीच विवाद जारी है. जयपुर में बने दो निगम को भाजपा ने राजनीतिक लाभ उठाने वाला फैसला बताया है. वहीं, पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल ने दो निगम बनाने को विकास और विरासत के नाम पर लिया गया फैसला बताया है.
वहीं, ईटीवी भारत से खास बातचीत में ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि शहर दो हिस्सों में बंटा है. एक हेरिटेज सिटी जिसकी अलग समस्या है और वहां के नियम भी अलग हैं. उन्होंने कहा कि दूसरा नया मॉर्डनाइज शहर है. दो निगम होने से क्षेत्र की समस्या के अनुसार वहां पर विकास हो सकेगा.
वहीं, इस दौरान ज्योति खंडेलवाल ने विपक्ष की ओर से उठाए जा रहे सवालों का खंडन करते हुए कहा कि जयपुर में किसी एक दल के वर्चस्व की बात कभी नहीं होती. उन्होंने कहा कि जयपुर के लोग विकास के प्रति प्रतिबद्ध लोगों को ही आगे लाते हैं. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में 8 में से 5 विधानसभा पर कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की.
जयपुर का विकास कांग्रेस सरकार के शासन में ही हुआ हैः खंडेलवाल
ईटीवी से बातचीत के दौरान पूर्व मेयर खंडेलवाल ने दावा किया कि जयपुर शहर का विकास हमेशा कांग्रेस सरकार के शासन में ही हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि 2 निगम बनाने के फैसले को राजनीतिक लाभ लेने का नाम दिया जा रहा है तो कांग्रेस एक राजनीतिक दल है, ऐसे में राजनीतिक लाभ की बात में बुराई क्या है.
साथ ही ज्योति खंडेलवाल ने शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल कराने से लेकर मेट्रो ट्रेन, एलिवेटेड रोड और घाट की गुनी टनल जैसी उपलब्धियां भी गिनाई. वहीं, इसके साथ ही उन्होंने विकास और विरासत के नाम पर बनाए गए 2 निगम को शहर के हित में बताया.
जयपुर शहर को संभालेंगे दो मेयर
गौरतलब है कि जयपुर की शहरी सरकार को इस बार एक नहीं बल्कि दो मेयर संभालेंगे. इसे लेकर निगमों का बंटवारा भी हो चुका है. बता दें कि विधानसभा के वर्गीकरण के तहत किशनपोल, हवामहल, आदर्श नगर, सिविल लाइन्स और आमेर के वार्ड एक क्षेत्र में होंगे. जबकि दूसरे क्षेत्र में मालवीय नगर, सांगानेर, बगरू, विद्याधर नगर और झोटवाड़ा के वार्ड होंगे.