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कैंसर सेल्स पर दवा के असर की होगी जांच...पहली State Of Art Molecular Hematology Lab की स्थापना - jaipur news

जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (Sawai Mansingh Medical College) के पैथोलोजी विभाग में स्टेट ऑफ आर्ट मॉलीक्यूलर हीमेटोलोजी लैब (State Of Art Molecular Hematology Lab) की स्थापना की गई है. इस लैब में यह पता लगाया जा सकेगा कि कैंसर मरीज को दी जा रही दवा कैंसर सेल्स पर काम कर रही है या नहीं.

Gehlot Government,  State Of Art Molecular Hematology Lab
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज
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Published : Jul 31, 2021, 2:19 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 2:25 PM IST

जयपुर. बीते कुछ वर्षों में कैंसर रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. सही समय पर कैंसर की पहचान हो जाए तो इसका इलाज संभव है और इसके इलाज से जुड़ी नई-नई खोज लगातार की जा रही है. ऐसे में जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (Sawai Mansingh Medical College) में एक एडवांस लैब की स्थापना की गई है, जहां यह पता लगाया जा सकेगा कि कैंसर मरीज को दी जा रही दवा कैंसर सेल्स पर काम कर रही है या नहीं.

पढ़ें- कोरोना के बाद हो रहा ब्रेन हैमरेज, न्यूरोसर्जन ने कहा- इस समस्या को सुलझाने पर जोर देना चाहिए

राज्य सरकार ने SMS मेडिकल कॉलेज के पैथोलोजी विभाग में स्टेट ऑफ आर्ट मॉलीक्यूलर हीमेटोलोजी लैब (State Of Art Molecular Hematology Lab) की स्थापना की है. यह एडवांस लैब कैंसर रोगों के अलावा यह अन्य रोगों से जुड़ी जांच कर सकेगी. इस एडवांस हेमेटोलॉजी लैब की नोडल ऑफिसर डॉक्टर संजय गुलाटी का कहना है कि इस एडवांस लैब से कई तरह के मरीजों को लाभ होने वाला है, जिसमें पहला हिमोफिलिक मरीज, दूसरा थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों को और तीसरा कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज में काफी मदद मिलेगी.

कैंसर सेल्स पर दवा के असर की होगी जांच

एडवांस हीमेटोलोजी लैब में हाल ही में 12 colour Flowcytometry मशीन स्थापित की गई है, जो राजस्थान के किसी भी राजकीय अथवा निजी चिकित्सा संस्थान में यह उपकरण उपलब्ध नहीं है. यह उपकरण कैंसर मरीजों की थैरेपी के बाद उनके रक्त में कितने ल्यूकेमिक सैल रह गए हैं, यह जानकारी देगा.

ये सुविधाएं मिलेंगी

डॉक्टर गुलाटी का कहना है कि नई मॉलीक्यूलर जांचें जैसे- BCR ABL major minor & micro PML-RARA & JAK2V167F की सुविधा यहां उपलब्ध कराई गई हैं. ये ब्लड कैंसर से पीड़ित टारगेट थैरेपी ले रहे मरीजों के जेनेटिक म्यूटेशनल टेस्ट हैं. ये जांचें कैंसर से पीड़ित मरीजों में कैंसर सेल्स पर दवा का असर जांचने के लिए बार-बार की जाती हैं.

इसके अलावा HLA associated बीमारियों से संबंधित जांचें जैसे HLA-B27 for ankylosing spondylitis, सीलियक डीजिज से पीड़ित मरीजों में ग्लूटेन के प्रति एलर्जी के लिए HLA typing आदि की जांच भी की जा सकेगी. एडवांस हीमेटोलोजी लेब में हीमोफीलिक मरीजों के लिए F-VIll inhibitors test (quantitative) भी शुरू किया गया है, जिसकी हीमोफीलिक सोसायटी द्वारा बार-बार मांग की गई थी. यह टेस्ट राज्य के किसी भी राजकीय चिकित्सा संस्थान में नहीं हो रहा है और यह हीमोफीलिक मरीजों के इलाज एवं आगे की देखभाल के लिए बहुत जरूरी है.

जयपुर. बीते कुछ वर्षों में कैंसर रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. सही समय पर कैंसर की पहचान हो जाए तो इसका इलाज संभव है और इसके इलाज से जुड़ी नई-नई खोज लगातार की जा रही है. ऐसे में जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (Sawai Mansingh Medical College) में एक एडवांस लैब की स्थापना की गई है, जहां यह पता लगाया जा सकेगा कि कैंसर मरीज को दी जा रही दवा कैंसर सेल्स पर काम कर रही है या नहीं.

पढ़ें- कोरोना के बाद हो रहा ब्रेन हैमरेज, न्यूरोसर्जन ने कहा- इस समस्या को सुलझाने पर जोर देना चाहिए

राज्य सरकार ने SMS मेडिकल कॉलेज के पैथोलोजी विभाग में स्टेट ऑफ आर्ट मॉलीक्यूलर हीमेटोलोजी लैब (State Of Art Molecular Hematology Lab) की स्थापना की है. यह एडवांस लैब कैंसर रोगों के अलावा यह अन्य रोगों से जुड़ी जांच कर सकेगी. इस एडवांस हेमेटोलॉजी लैब की नोडल ऑफिसर डॉक्टर संजय गुलाटी का कहना है कि इस एडवांस लैब से कई तरह के मरीजों को लाभ होने वाला है, जिसमें पहला हिमोफिलिक मरीज, दूसरा थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों को और तीसरा कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज में काफी मदद मिलेगी.

कैंसर सेल्स पर दवा के असर की होगी जांच

एडवांस हीमेटोलोजी लैब में हाल ही में 12 colour Flowcytometry मशीन स्थापित की गई है, जो राजस्थान के किसी भी राजकीय अथवा निजी चिकित्सा संस्थान में यह उपकरण उपलब्ध नहीं है. यह उपकरण कैंसर मरीजों की थैरेपी के बाद उनके रक्त में कितने ल्यूकेमिक सैल रह गए हैं, यह जानकारी देगा.

ये सुविधाएं मिलेंगी

डॉक्टर गुलाटी का कहना है कि नई मॉलीक्यूलर जांचें जैसे- BCR ABL major minor & micro PML-RARA & JAK2V167F की सुविधा यहां उपलब्ध कराई गई हैं. ये ब्लड कैंसर से पीड़ित टारगेट थैरेपी ले रहे मरीजों के जेनेटिक म्यूटेशनल टेस्ट हैं. ये जांचें कैंसर से पीड़ित मरीजों में कैंसर सेल्स पर दवा का असर जांचने के लिए बार-बार की जाती हैं.

इसके अलावा HLA associated बीमारियों से संबंधित जांचें जैसे HLA-B27 for ankylosing spondylitis, सीलियक डीजिज से पीड़ित मरीजों में ग्लूटेन के प्रति एलर्जी के लिए HLA typing आदि की जांच भी की जा सकेगी. एडवांस हीमेटोलोजी लेब में हीमोफीलिक मरीजों के लिए F-VIll inhibitors test (quantitative) भी शुरू किया गया है, जिसकी हीमोफीलिक सोसायटी द्वारा बार-बार मांग की गई थी. यह टेस्ट राज्य के किसी भी राजकीय चिकित्सा संस्थान में नहीं हो रहा है और यह हीमोफीलिक मरीजों के इलाज एवं आगे की देखभाल के लिए बहुत जरूरी है.

Last Updated : Jul 31, 2021, 2:25 PM IST
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