जयपुर. राजस्थान में कोरोना महामारी के चलते जारी लॉकडाउन में बिना भक्त के बिना ही भगवान पूजे जा रहे हैं. राज्य में 60 हजार से अधिक मंदिर है, लेकिन लॉकडाउन में भक्तों के दर्शनार्थ प्रवेश बंद है.मंदिरों में केवल महंत और अन्य सेवक ही भगवान की सेवा पूजा में लगे हुए है. ऐसे में लॉकडाउन-3 के बाद यदि मंदिर खोले जाएंगे तो, टेम्परेचर स्कैन और सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश मिलेगा.
जयपुर शहर के प्रमुख बड़े आराध्यदेव गोविंददेवजी मंदिर, प्रथम पूज्य मोतीडूंगरी गणेश जी मंदिर, खोले के हनुमानजी जैसे मंदिरों में लॉकडाउन के पहले रोजाना सुबह मंगला से शयन आरती तक हजारों दर्शनार्थी पहुंचते है. लेकिन लॉकडाउन में श्रदालु भगवान के द्वार से दूर सिर्फ ऑनलाइन ही दर्शन कर रहे है. वहीं इन प्रमुख मंदिरों के महंतों का कहना है कि यदि 17 मई के बाद प्रशासन ने भक्तों के दर्शनार्थ मंदिर खोलने की अनुमति जारी की तो, सोशल डिस्टेंसिग सहित सभी तैयारियां कर ली गई है.
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ऐसे में गोविंद देवजी मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी का कहना है, कि अब पास की व्यवस्था की जाएगी और ऑनलाइन पास लेने वाले भक्त ही ठाकुरजी के दर्शन कर सकेंगे. वहीं मोतीडूंगरी गणेशजी के महंत पंडित कैलाश शर्मा ने कहा कि यदि 18 मई से दर्शनार्थ मंदिर खुलने की प्रशासन अनुमति मिलती है, तो हम मंदिर में प्रवेश करने से पहले सभी का टेम्प्रेचर लेंगे और हाथों को सैनिटाइज कराएंगे. साथ ही सोशल डिस्टेंसिग की पालना सुनिश्चित करेंगे.