जयपुर. कोरोना संकट में चल रहे लॉकडाउन ने आम आदमी के साथ ही सरकार की भी आर्थिक रूप से कमर तोड़ दी है. यही कारण है कि लगातार उठ रही बिजली, पानी के बिल माफी की मांग को अब प्रदेश सरकार ने सिरे से नकार दिया है.
यही नहीं ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि बिजली के बिल माफ करने की मांग उपभोक्ता तो कर ही नहीं रहा है. ये तो केवल बीजेपी के नेता ही मांग कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें केवल सियासत करना है. कल्ला के अनुसार मौजूदा परिस्थिति में सरकार की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है. ऐसे में सरकार बिल भुगतान 31 मई तक डेफर करके जो राहत दे सकती थी, वो दे दिया. बाकी यदि बिजली के बिल माफ कराने की मांग भाजपा के नेता कर रहे हैं, तो इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. जिससे कि वह प्रदेश सरकार को आर्थिक पैकेज दे. जिससे प्रदेश सरकार जनता को और अधिक राहत दे सके.
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दरअसल लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया नेता, प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़ के साथ ही बीजेपी के तमाम जिला अध्यक्ष, सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता भी सरकार से बिजली पानी के बिल माफ करने की मांग कर रहे थे. रविवार को मुख्यमंत्री से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हुए संवाद में भी भाजपा के कई नेताओं ने यही मांग दोहराई. लेकिन मौजूदा हालातों में सरकार का खजाना भी लगभग खाली है. ऐसे में सरकार बिल डेफर कर राहत दे सकती है. लेकिन बिना केंद्र सरकार की मदद से बिल पूरी तरह माफ करने की हिम्मत नहीं जुटा सकती. यही कारण है कि अब भाजपा नेताओं की इस मांग को सरकार के मंत्रियों ने सिरे से खारिज करना शुरू कर दिया हैं.