जयपुर. प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी गई है. मुख्यमंत्री निवास से सभी विधायकों को 4 बसों में गुप्त स्थान पर ले जाया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री निवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई, इसमें दावा किया गया कि कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित कुल 106 विधायक इसमें शामिल हुए.
मुख्यमंत्री निवास पर हुई विधायक दल की बैठक के बाद सभी विधायकों को निजी बसों के जरिए होटल फेयरमाउंट ले जाया गया है. खास बात यह कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद विधायकों के साथ बस में बैठ कर गए हैं. विधायकों के साथ जाते समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बस के अंदर से ही विक्ट्री साइन दिखाते हुए नजर आए. जिससे यह साफ हो गया है कि गहलोत यह बता रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ स्थित है. सरकार गिराने के किसी भी तरह के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.
पढ़ें- राजस्थान में घमासान : गहलोत का फायदा या पायलट को नुकसान
दरअसल, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और सरकार में डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने बगावती तेवर अपना लिए हैं. सचिन पायलट ने अपने साथ तीस विधायक होने और मौजूदा सरकार को अल्पमत में होने का दावा किया था. जिसके बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों को एकजुट करने में लगे हैं.
भाजपा ने विधायकों को किया अलर्ट
प्रदेश में जारी सियासी भूचाल के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भाजपा विधायकों को किसी भी समय जयपुर आने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस के पास संख्या बल कम रहा तो भाजपा राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है और तब भाजपा विधायकों को तुरंत जयपुर बुलाया जा सकता है.