जयपुर. राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण ने एक मामले में गैर अनुदानित संस्था में कार्यरत कर्मचारी को भी ग्रेच्युटी प्राप्त करने का हकदार माना है. इसके साथ ही अधिकरण ने माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर, बयाना को निर्देश दिए हैं कि वह प्रार्थी को ग्रेच्युटी की राशि छह प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान करे. अधिकरण ने यह आदेश भीम सिंह आर्य की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है.
प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता डीपी शर्मा ने बताया कि प्रार्थी माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर बयाना, भरतपुर में शिक्षक पद पर कार्यरत है. वह संस्था में कर्मचारी की श्रेणी में हैं और संस्था नियोक्ता की श्रेणी में आती है, लेकिन शैक्षिक संस्थान ने गैर अनुदानित संस्था का हवाला देते हुए उन्हें ग्रेच्युटी राशि नहीं दी है. जवाब में विपक्षी शैक्षिक संस्थान का कहना था कि वह गैर अनुदानित संस्था है. ऐसे में वह ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य नहीं हैं. इसके अलावा अधिकरण को ग्रेच्युटी के मामलों को सुनने का क्षेत्राधिकार भी नहीं है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अधिकरण ने प्रार्थी को गैर अनुदानित संस्था से ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकारी माना है.