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उत्तर पश्चिम रेलवे का अब तक 2190 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण

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Published : May 6, 2021, 1:05 PM IST

रेलवे की ओर से 2023 तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने के लिए लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत उत्तर पश्चिम रेलवे पर साल 2020-21 में 566 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया है. साथ ही साल 2021-22 में 980 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.

North Western Railway, जयपुर न्यूज
उत्तर पश्चिम रेलवे में 2190 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण

जयपुर. भारतीय रेलवे की ओर से कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में भी आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के लिए कार्य किए जा रहे हैं. भारतीय रेलवे पर साल 2020-21 में पर्यावरण अनुकूल रेल संचालन के लिए 6015 रूट किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया, जो कि अभी तक का सर्वाधिक है. रेलवे की ओर से 2023 तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने के लिए लक्ष्य रखा गया है, जिसके अनुसार कार्य किया जा रहा है.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर साल 2020-21 में 566 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2190 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है. उत्तर पश्चिम रेलवे के उप महाप्रबंधक और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशिकिरण के मुताबिक उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं. इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है. संपूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है.

यह भी पढ़ें. Fuel Price Hike: 3 दिन में पेट्रोल पर 59 पैसे और डीजल पर 72 पैसे की बढ़ोतरी

उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2190 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर साल 2020-21 में 566 किलोमीटर रेलखंड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया. उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखंड रेवाड़ी-अजमेर वाया फुलेरा और रेवाड़ी-अजमेर वाया जयपुर रेलखंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही अजमेर से उदयपुर मार्ग का भी विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है.

980 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य

राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुड़ाव अजमेर, जयपुर और दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से संपर्क स्थापित हो गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2021-22 में 980 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस साल रींगस-सीकर-चूरू, सीकर-लोहारू, चूरु-रतनगढ़-लालगढ़, सूरतगढ़-लालगढ़, मारवाड़-लूणी-जोधपुर और हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर रेल मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य शुरू कर वर्ष 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

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जयपुर सवाई माधोपुर मार्ग पर अजमेर पुलिया पर विद्युतीकरण से संबंधित विशेष कार्य पूर्ण हो जाने पर जयपुर से मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा सकेगा. इसके साथ ही ब्यावर से गुड़िया मार्ग का विद्युतीकरण होने से दिल्ली से अहमदाबाद मार्ग वाया जयपुर अजमेर भी पूर्णतया विद्युतीकरण हो जाएगा.

विद्युतीकरण से होने वाले फायदे

विद्युतीकरण से कई फायदे भी होते हैं. डीजल इंजन के धुए से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिलती है. विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन किया जा सकता है. अधिक ट्रेनों का संचालन भी संभव है. इसके साथ ही ईंधन आयात पर निर्भरता में भी कमी आएगी. इलेक्ट्रिक ट्रेनों की परंपरागत गाड़ियों से फास्टर एसेलेरेशन या डिक्लेरेशन के कारण इसकी औसत गति अधिक होती है और यह यात्रियों के लिए फास्टर एंड कन्वेनिएंट होती है. डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की भी बचत होगी.

जयपुर. भारतीय रेलवे की ओर से कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में भी आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के लिए कार्य किए जा रहे हैं. भारतीय रेलवे पर साल 2020-21 में पर्यावरण अनुकूल रेल संचालन के लिए 6015 रूट किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइन का विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया, जो कि अभी तक का सर्वाधिक है. रेलवे की ओर से 2023 तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने के लिए लक्ष्य रखा गया है, जिसके अनुसार कार्य किया जा रहा है.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर साल 2020-21 में 566 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण कार्य पूरा किया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2190 किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किया जा चुका है. उत्तर पश्चिम रेलवे के उप महाप्रबंधक और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशिकिरण के मुताबिक उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किए जा रहे हैं. इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को विगत वर्षों के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है. संपूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है.

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उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2190 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर साल 2020-21 में 566 किलोमीटर रेलखंड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया. उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखंड रेवाड़ी-अजमेर वाया फुलेरा और रेवाड़ी-अजमेर वाया जयपुर रेलखंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेल सेवाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके साथ ही अजमेर से उदयपुर मार्ग का भी विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है.

980 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य

राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुड़ाव अजमेर, जयपुर और दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से संपर्क स्थापित हो गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2021-22 में 980 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इस साल रींगस-सीकर-चूरू, सीकर-लोहारू, चूरु-रतनगढ़-लालगढ़, सूरतगढ़-लालगढ़, मारवाड़-लूणी-जोधपुर और हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर रेल मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य शुरू कर वर्ष 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.

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जयपुर सवाई माधोपुर मार्ग पर अजमेर पुलिया पर विद्युतीकरण से संबंधित विशेष कार्य पूर्ण हो जाने पर जयपुर से मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर किया जा सकेगा. इसके साथ ही ब्यावर से गुड़िया मार्ग का विद्युतीकरण होने से दिल्ली से अहमदाबाद मार्ग वाया जयपुर अजमेर भी पूर्णतया विद्युतीकरण हो जाएगा.

विद्युतीकरण से होने वाले फायदे

विद्युतीकरण से कई फायदे भी होते हैं. डीजल इंजन के धुए से होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिलती है. विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन किया जा सकता है. अधिक ट्रेनों का संचालन भी संभव है. इसके साथ ही ईंधन आयात पर निर्भरता में भी कमी आएगी. इलेक्ट्रिक ट्रेनों की परंपरागत गाड़ियों से फास्टर एसेलेरेशन या डिक्लेरेशन के कारण इसकी औसत गति अधिक होती है और यह यात्रियों के लिए फास्टर एंड कन्वेनिएंट होती है. डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की भी बचत होगी.

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