जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से चल रही जंग के बीच अब ठेके पर कार्यरत बिजली कर्मचारियों ने भी सरकार से खुद को नियमित करने की मांग की है. बिजली ठेका कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामनिवास नैनावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूर्व में घोषणा की थी कि जिन कर्मचारियों को संविदा पर सरकारी डिपार्टमेंट में 10 साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. उन्हें नियमित कर दिया जाएगा, लेकिन सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनियों में ठेका फॉर्म के माध्यम से तैनात कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है.
नैनावत ने कहा कि डिस्कॉम और अन्य सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनियों में कार्यरत ठेकाकर्मी हेल्पर, लाइनमैन और तकनीकी कर्मचारी 12 से 15 सालों से लगातार काम कर रहे हैं. लेकिन उन्हें मानदेय के नाम पर प्रतिमाह महज 6000 ही मिल रहे हैं और ना ही अब तक उन्हें नियमित किया गया है.
पढ़ेंः MSME इकाइयों में फैली अफवाह को सरकार ने नकारा, कहा- संक्रमित कार्मिकों पर कोई कार्रवाई नहीं
ठेका कर्मचारी संघ का यह भी आरोप है कि संकट की इस घड़ी में जब स्वास्थ्य, पुलिस, सफाई कर्मचारियों का सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से 50 लाख का बीमा किया है. लेकिन 24 घंटे फील्ड में रहकर अपनी सेवाएं देने वाले इन ठेका कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है.
बिजली ठेका कर्मचारी संघ ने मांग की है कि सरकार ठेका कर्मचारियों को कम से कम संकट के इस काल में स्थाई नियुक्ति देकर उपकृत करें, ताकि संकट काल में अपनी जान दांव पर लगाकर काम करने वाले ठेका बिजली कर्मचारियों की हौसला अफजाई हो सके.