जयपुर. प्रदेश के 6 नगर निगमों में 5 अप्रैल को चुनाव होंगे. इसके लिए गुरुवार को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन भी हो चुका है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनावी कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन 6 नगर निगम क्षेत्रों में आचार संहिता लागू हो चुकी है. इन 6 नगर निगम में करीब 35 लाख 97 हजार मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. सबसे ज्यादा मतदाता जयपुर ग्रेटर नगर निगम में है.
चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही संबंधित नगर निगम क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं और यह चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति तक लागू रहेंगे. इसके अनुसार संबंधित नगर निगमों में विभिन्न विभागों के विकास कार्य जिसके कार्य आदेश आचार संहिता के प्रभाव में आने से पहले ही जारी किए जा चुके हैं, या जो विकास कार्य पहले से ही चल रहे हैं, वे सभी आचार संहिता से प्रभावित नहीं होंगे. नई स्कीम, नए विकास कार्य और नए कार्य आदेश आचार संहिता के लागू होने से पूर्णतया प्रतिबंधित रहेंगे. नगर निगम क्षेत्र से होने वाले स्थानान्तरण, संबंधित नगर निगम क्षेत्र में किए जाने वाले पदस्थापन स्थानांतरण पर भी पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा. यह आचार संहिता 17 अप्रैल तक जारी रहेगी.
35 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे मताधिकार का उपयोग
राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि 5 अप्रैल को होने वाले इन नगर निगमों के चुनाव में 35 लाख 97 हजार 873 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें 17 लाख 21 हजार 637 महिला और 18 लाख 76 हजार 195 पुरुष मतदाता शामिल है. सबसे ज्यादा मतदाता जयपुर ग्रेटर नगर निगम में 12 लाख 28 हजार 754 मतदाता है. वहीं जयपुर हैरिटेज नगर निगम में 9 लाख 32 हजार 807, जोधपुर उत्तर नगर निगम में 3 लाख 87 हजार 794, जोधपुर दक्षिण नगर निगम में 3 लाख 39 हजार 537, कोटा उत्तर में 3 लाख 32 हजार 655 और कोटा दक्षिण नगर निगम में 3 लाख 76 हजार 326 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे.
यह भी पढ़ें- सदन में पारित हुआ आवासन मंडल संशोधन विधेयक 2020
560 वार्डों में बनाए गए 3241 मतदान केंद्र
पीएस मेहरा ने बताया कि प्रदेश के इन 6 नगर निगम में 3241 मतदान केंद्र बनाये गए है. इन 6 नगर निगमों में कुल वार्डों की संख्या 560 है. जयपुर हेरिटेज के 100 वार्डों में 845, जयपुर ग्रेटर के 150 वार्डों में 1096, जोधपुर उत्तर के 80 वार्डों में 355, जोधपुर दक्षिण के 80 वार्डों में 296, कोटा उत्तर के 70 वार्डों में 307 और कोटा दक्षिण के 80 वार्डों में 342 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
वोट करने के लिए इनमें से कोई एक पहचान पत्र
वहीं पीएस मेहरा ने बताया कि पहचान पत्र के अलावा राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अनुमोदित किए गए 12 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है. आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र, नरेगा जॉब कार्ड, सांसदों, विधानसभा सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, राज्य पब्लिक लिमिटेड कंपनी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की ओर से अपने कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटो युक्त सेवा पहचान पत्र, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना स्मार्ट कार्ड, फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज जैसे भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, भूतपूर्व सैनिक विधवा, आश्रित प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन आदेश, विधवा पेंशन आदेश, सक्षम अधिकारी की ओर से जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान पत्र, सक्षम प्राधिकारियों की ओर से जारी फोटोयुक्त शारीरिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, सहकारी बैंक, डाकघर की ओर से जारी फोटोयुक्त पासबुक शामिल है.
चुनाव लड़ने के लिए ढाई लाख रुपए की सीमा
पीएस मेहरा ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले व्यक्तियों की ओर से चुनाव के लिए खर्च की सीमा निर्धारित की गई है. नगर निगम के सदस्य के चुनाव लड़ने के लिए यह सीमा ढाई लाख रुपए निर्धारित की गई है. इससे पहले 2014 में चुनावी खर्च की सीमा 80 हजार थी. खर्च का पूरा विवरण परिणामों की घोषणा के 15 दिन के भीतर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी या प्राधिकृत अधिकारी को प्रस्तुत करना आवश्यक होगा. चुनाव आयुक्त ने बताया कि 6 नगर निगमों के लिए मतदान मतगणना और अन्य कार्य के लिए लगभग 15 हजार कार्मियों को लगाया गया है.