जयपुर. वेतन कटौती बंद करने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि 24 से 28 फरवरी तक राजधानी जयपुर में धरना देंगे. फिर भी सरकार समय रहते उनकी मांगों पर निणर्य नहीं करती है, तो फिर 28 फरवरी को उग्र आंदोलन को तैयार रहें.
कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि महासंघ ने 17 फरवरी को जिला मुख्यालय पर धरना देकर सरकार को अपनी 11 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा. लेकिन बावजूद इसके सरकार ने कमर्चारी की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. बजट में 5 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाकर कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश किए, लेकिन वो इससे खुश होने वाले नहीं हैं.
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वेतन कटौती बंद करने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने कई बार सरकार को चेतावनी दी है. लेकिन सरकार को इसका कोई फर्क नही पढ़ रहा है. महासंघ की ओर से 24 से 28 फरवरी तक राजधानी में धरना देंगे. फिर भी सरकार समय रहते उनकी मांगों पर निणर्य नहीं करती है तो फिर 28 फरवरी को उग्र आंदोलन की रणनीति पर चर्चा होगी.
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महासंघ ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स की वेतन कटौती को भी बंद करने की मांग की. अगर सरकार ने मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तो प्रदेश के सात लाख से अधिक कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे और सरकार से दो-दो हाथ करने पर मजबूर होंगे.
उन्होंने कहा कि कर्मचारी अपनी जायज मांगों को लेकर सरकार के सामने गुहार लगा रहे हैं. लेकिन जिस तरीके से पिछले प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने पर कोई विचार नहीं कर रहे. ऐसे में अब कर्मचारियों के सामने एक ही रास्ता बचता है कि वह अपनी मांगों के लिए आंदोलन करेंगे.