जयपुर. कोरोना वायरस की दहशत के बीच पर्यटन झूलता हुआ नजर आ रहा है. प्रदेशभर में विदेशी मेहमानों के आने पर रोक के बाद पर्यटन व्यवसाय को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. पूरे विश्व में कोरोना वायरस को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है. वहीं राजधानी जयपुर के पर्यटक स्थलों पर भी सैलानियों की संख्या कम होती जा रही है.
पर्यटकों की संख्या हो रही कम
जयपुर के आमेर महल में पर्यटकों की संख्या 70 फीसदी कम हो गई है. आमेर महल में पहले करीब 10 हजार से भी ज्यादा पर्यटक रोजाना भ्रमण करने पहुंच रहे थे, तो अब इन पर्यटकों की संख्या 2 से 3 हजार के बीच ही रह गई है. यानी आमेर महल में पर्यटकों की संख्या 30 प्रतिशत रह गई. साथ ही आमेर की हाथी सवारी भी पूरी तरह से ठप हो गई है. विदेशी सैलानियों के कम होने से हाथी महावत भी पर्यटको के इंतजार में खड़े रहते हैं.
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कोरोना वायरस के डर से सैलानी पर्यटक स्थलों पर नहीं पहुंच रहे हैं. कोरोना की वजह से पर्यटन व्यापार को बड़ा नुकसान हो रहा है. पर्यटन व्यवसाय से जुड़े कई लोग बेरोजगारी की कगार पर आ गए हैं. आमेर के पर्यटक स्थलों पर सैलानी मुंह पर मास्क लगाकर भ्रमण कर रहे हैं, तो वहीं आमेर महल स्टाफ कर्मी भी मास्क लगाकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.
टूरिस्ट गाइडों की मानें तो कोरोना वायरस का टूरिज्म पर बहुत बड़ा इफेक्ट हुआ. हर दिन टूरिज्म डाउन होता जा रहा है. आमेर महल में भी टूरिस्ट बहुत कम हो गए हैं. अधिकतर बुकिंग भी कैंसिल हो रही है. विदेशी सैलानियों का आना बंद हो रहा है, तो वहीं इंटरनेशनल फ्लाइट भी कैंसिल हो रही है.
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20 हजार करोड़ का नुकसान
अंदेशा जताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से गोल्डन ट्रायंगल और राजस्थान के पर्यटन उद्योग को 20 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. कोरोना वायरस की चपेट में आकर चरमराई पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका लगा है. देश और दुनिया भर में भारत की सांस्कृतिक राजदूत के तौर पर पहचान बना चुकी पैलेस ऑन व्हील के फेरे रद्द हो चुके हैं. जिससे पर्यटन और रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो रहा है.
CM की सलाह 50 से ज्यादा न हो इकठ्ठे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी और दिशा निर्देशों के क्रम में प्रदेश के सभी सार्वजनिक स्थलों पर 50 से ज्यादा लोगों के ईकट्ठा होने पर भी प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं. यह प्रतिबंध फिलहाल 31 मार्च तक लागू रहेगा और उसके बाद स्थिति की समीक्षा कर समुचित निर्णय लिया जाएगा.