जयपुर. अजमेर और जयपुर के 2 स्कूलों की ओर से लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए स्कूल खोलकर पूरक परीक्षाएं लेने के मामले में शिक्षा मंत्री ने संज्ञान लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसका संतोषप्रद जवाब नहीं आने पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.
बीते सप्ताह 4 जुलाई को अजमेर के माहेश्वरी और 5 जुलाई को जयपुर के सेंट जेवियर स्कूल ने कोरोना महामारी के बीच में ही छात्रों की पूरक परीक्षाएं आयोजित करवाई थी. जबकि कोरोना महामारी के दौरान शासन द्वारा जारी गाइडलाइन में सभी विद्यालयों में किसी भी प्रकार की शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन नहीं कराए जाने के निर्देश हैं.
साथ ही किसी प्रकार की परीक्षा संचालन भी विद्यालय नहीं करा सकता. प्रदेश के इन निजी स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करने पर विद्यालय में परीक्षा का संचालन भी होता पाया गया. जो कि राज्य सरकार और विभाग द्वारा कोविड 19 महामारी की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का उल्लंघन है.
ऐसे में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने गैर जिम्मेदराना पूर्वक नियम विरुद्ध गतिविधि संचालित करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिन में जवाब मांगा है और संतोषप्रद जवाब नहीं आने की स्थिति में राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम 1989 नियम 1993 में वर्णित प्रावधानों, वर्तमान परिपेक्ष्य में जारी राजस्थान महामारी और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 और भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत धारा 188, 269, 270 के अंतर्गत कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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बता दें कि इन स्कूलों द्वारा कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों की पूरक परीक्षा बिना किसी परमिशन के आयोजित करवाई. छात्रों और उनके अभिभावकों पर स्कूल प्रशासन द्वारा दबाव बनाने का आरोप भी है. मामले पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने संज्ञान लिया, वहीं अब स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.