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प्रदेश में शिक्षा विभाग ने मांगी एनसीईआरटी किताबों की डिमांड, उदयपुर सबसे पीछे...

प्रदेश में अगले सत्र से एनसीईआरटी सिलेबस पढ़ाया जाना है, इसके लिए शिक्षा विभाग ने एनसीआरटी सिलेबस की किताबों की डिमांड ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल पर मांगी थी, लेकिन कई जिले ऐसे है जिन्होंने अभी तक डिमांड ही नहीं भेजी है.

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शिक्षा विभाग ने मांगी एनसीईआरटी किताबों की डिमांड
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Published : Feb 4, 2020, 6:36 PM IST

जयपुर. प्रदेश में अगले सत्र से कक्षा 6 से 9 और 11वीं में एनसीईआरटी सिलेबस पढ़ाया जाएगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी सिलेबस की किताबों के लिए सभी जिलों के स्कूलों में नामांकन के हिसाब से किताबों की डिमांड ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल पर मांगी थी, लेकिन कई जिले ऐसे है जिन्होंने अभी तक डिमांड ही नहीं भेजी है, जिससे लगता है वे एनसीईआरटी किताबें चाहते ही नहीं है.

शिक्षा विभाग ने मांगी एनसीईआरटी किताबों की डिमांड

इन जिलों की स्थिति है खराब
प्रदेश के 33 जिलों में सबसे खराब स्थिति उदयपुर की है. उदयपुर से केवल 38.11 प्रतिशत स्कूलों की ही डिमांड दी गई है. इसी तरह ऑनलाइन डिमांड भरने में नागौर, कोटा, जालौर, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ की स्थिति बेहद खराब है.

पढ़ें- नई कृषि कनेक्शन नीति का मसौदा तैयार, अब सरकार को लेना है फैसला

इन जिलों ने दिखाई 100 प्रतिशत रुचि
प्रदेश में सबसे अच्छी स्थिति हनुमानगढ़ की है. इस जिले में जितने विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे है, उसके हिसाब से 100 प्रतिशत डिमांड ऑनलाइन भरी जा चुकी है. इसी तरह से बीकानेर में 99.67 फीसदी, बारां में 99.56, श्रीगंगानगर में 98.84, करौली में 98.26, बाड़मेर में 97.76, अजमेर में 95.35, जयपुर में 94.12 और जैसलमेर में 91.55 प्रतिशत स्कूलों की डिमांड भरी गई है. जबकि झुंझुनू, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, पाली, भीलवाड़ा, दोसा, सवाई माधोपुर, सीकर, अलवर की स्थिति संतोषजनक है.

बता दें कि नए सत्र 2020-21 से कक्षा 6 से 9 और 11 वीं में एनसीईआरटी सिलेबस लागू होगा. ऐसे में इन कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों को किताबों का वितरण होना है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क किताबों का वितरण होना है.

पढ़ें- जयपुरः यूथ फेस्ट 'मृदंग' का आगाज

शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने बताया कि जयपुर से लगभग सभी स्कूलों की डिमांड ऑनलाइन भेज दी गयी है लेकिन कुछ स्कूल बाकी है जो इसी साल क्रमोन्नत हुए हैं. उनका शाला दर्पण पोर्टल पर कुछ बदलाव बाकी है, जैसे ही वो बदलाव हो जाएंगे, उनकी भी डिमांड भेज दी जाएगी. बाकी जिले अगर डिमांड नहीं भेज रहे है तो उनको भी निदेशालय स्तर पर पाबंद किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश में अगले सत्र से कक्षा 6 से 9 और 11वीं में एनसीईआरटी सिलेबस पढ़ाया जाएगा. इसके लिए शिक्षा विभाग ने एनसीईआरटी सिलेबस की किताबों के लिए सभी जिलों के स्कूलों में नामांकन के हिसाब से किताबों की डिमांड ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल पर मांगी थी, लेकिन कई जिले ऐसे है जिन्होंने अभी तक डिमांड ही नहीं भेजी है, जिससे लगता है वे एनसीईआरटी किताबें चाहते ही नहीं है.

शिक्षा विभाग ने मांगी एनसीईआरटी किताबों की डिमांड

इन जिलों की स्थिति है खराब
प्रदेश के 33 जिलों में सबसे खराब स्थिति उदयपुर की है. उदयपुर से केवल 38.11 प्रतिशत स्कूलों की ही डिमांड दी गई है. इसी तरह ऑनलाइन डिमांड भरने में नागौर, कोटा, जालौर, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ की स्थिति बेहद खराब है.

पढ़ें- नई कृषि कनेक्शन नीति का मसौदा तैयार, अब सरकार को लेना है फैसला

इन जिलों ने दिखाई 100 प्रतिशत रुचि
प्रदेश में सबसे अच्छी स्थिति हनुमानगढ़ की है. इस जिले में जितने विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे है, उसके हिसाब से 100 प्रतिशत डिमांड ऑनलाइन भरी जा चुकी है. इसी तरह से बीकानेर में 99.67 फीसदी, बारां में 99.56, श्रीगंगानगर में 98.84, करौली में 98.26, बाड़मेर में 97.76, अजमेर में 95.35, जयपुर में 94.12 और जैसलमेर में 91.55 प्रतिशत स्कूलों की डिमांड भरी गई है. जबकि झुंझुनू, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, पाली, भीलवाड़ा, दोसा, सवाई माधोपुर, सीकर, अलवर की स्थिति संतोषजनक है.

बता दें कि नए सत्र 2020-21 से कक्षा 6 से 9 और 11 वीं में एनसीईआरटी सिलेबस लागू होगा. ऐसे में इन कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों को किताबों का वितरण होना है. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क किताबों का वितरण होना है.

पढ़ें- जयपुरः यूथ फेस्ट 'मृदंग' का आगाज

शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने बताया कि जयपुर से लगभग सभी स्कूलों की डिमांड ऑनलाइन भेज दी गयी है लेकिन कुछ स्कूल बाकी है जो इसी साल क्रमोन्नत हुए हैं. उनका शाला दर्पण पोर्टल पर कुछ बदलाव बाकी है, जैसे ही वो बदलाव हो जाएंगे, उनकी भी डिमांड भेज दी जाएगी. बाकी जिले अगर डिमांड नहीं भेज रहे है तो उनको भी निदेशालय स्तर पर पाबंद किया जाएगा.

Intro:जयपुर- प्रदेश में अगले सत्र से कक्षा 6 से 9 और 11वीं में एनसीआरटी सिलेबस पढ़ाया जाएगा। एनसीआरटी सिलेबस की किताबों के लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के स्कूलों में नामांकन के हिसाब से किताबों की डिमांड ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल पर मांगी थी। लेकिन कई जिले ऐसे जिन्होंने अभी तक डिमांड ही नहीं भेजी है, जिससे लगता है वे एनसीआरटी किताबे चाहते ही नहीं है।

इन जिलों की स्थिति है खराब
प्रदेश के 33 जिलों में सबसे खराब स्थिति उदयपुर की है। उदयपुर से केवल 38.11प्रतिशत स्कूलों की डिमांड दी गई है। इसी तरह ऑनलाइन डिमांड भरने में नागौर, कोटा, जालौर, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ की स्थिति बेहद खराब है।

इन जिलों ने दिखाई 100 प्रतिशत रुचि
प्रदेश में सबसे अच्छी स्थिति हनुमानगढ़ की है। इस जिले में जितने विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे है, उसके हिसाब से 100 प्रतिशत डिमांड ऑनलाइन भरी जा चुकी है। इसी तरह से बीकानेर में 99.67 फीसदी, बारां में 99.56, गंगानगर में 98.84, करौली में 98.26, बाड़मेर में 97.76, अजमेर में 95.35, जयपुर में 94.12 और जैसलमेर में 91.55 प्रतिशत स्कूलों की डिमांड भरी गई है। जबकि झुंझुनू, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, पाली, भीलवाड़ा, दोसा, सवाई माधोपुर, सीकर, अलवर की स्थिति संतोषजनक है।

नए सत्र 2020-21 से कक्षा 6 से 9 और 11 वीं में एनसीईआरटी सिलेबस लागू होगा। ऐसे में इन कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों को किताबों का वितरण होना है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से पहली से 12वीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क किताबों का वितरण होना है।


Body:जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने बताया कि जयपुर जिले से लगभग सभी स्कूलों की डिमांड ऑनलाइन भेज दी गयी है। लेकिन कुछ स्कूल बाकी है जो इसी साल क्रमोन्नत हुए हैं उनका शाला दर्पण पोर्टल पर कुछ बदलाव बाकी है, जैसे ही वो बदलाव हो जाएंगे, उनकी भी डिमांड भेज दी जाएगी। बाकी जिले अगर डिमांड नहीं भेज रहे है तो उनको भी निदेशालय स्तर पर पाबंद किया जाएगा।

बाईट- रामचंद्र पिलानिया, जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी


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