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Special: कोरोना से रेलवे वेंडर्स की आर्थिक 'सेहत' खराब, जानिए वजह...

कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हो रही है. लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से रेल यातायात पर असर पड़ रहा है. यात्रियों की संख्या घटने से रेलवे वेंडर्स की आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
वेंडर्स की आर्थिक 'सेहत' खराब
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Published : May 23, 2021, 10:31 PM IST

Updated : May 27, 2021, 10:40 PM IST

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से यात्री भार कम होने से लगातार कई ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. कई रेल सेवाओं के फेरों में भी कमी की जा रही है. यात्रियों की कमी होने से रेलवे को हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है.

वेंडर्स की आर्थिक 'सेहत' खराब

पढ़ें- SPECIAL : कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर प्रोटोकॉल के साथ परिजनों को सौंपा जाता है शव...जानिये पूरी प्रक्रिया

रेलवे वेंडर्स परेशान

जयपुर जंक्शन पर पहले करीब 75 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था. अब केवल 40 ट्रेनें ही संचालित हो रही हैं. इसका सीधा असर रेलवे स्टेशन पर दुकान लगाकर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने वाले वेंडर्स पर भी पड़ रहा है.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
जयपुर मंडल पर ट्रेन यात्री भार

कोरोना की वजह से कुछ भी खरीदने से बच रहे

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का टोटा होने लगा है. जिसके चलते स्टेशन भी अब सूने नजर आने लगे हैं. ऐसे में मजदूर वर्ग के लोग ही यात्रा करने पहुंचते हैं. यात्री न के बराबर नजर आते हैं. वेंडर इमरान खान ने बताया कि कोरोना के डर से जो यात्री स्टेशन आते हैं, वह भी खाने पीने का सामान खरीदने से बचते हैं. यात्री खाने-पीने का सामान घर से ही लाना पसंद कर रहे हैं. ऐसे में वेंडर्स की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
जयपुर मंडल पर रेलवे की आय

रेलवे वेंडर्स मायूस, मदद की गुहार

सुबह से शाम तक बिक्री नहीं होने से वेंडर्स मायूस नजर आ रहे हैं. घर-परिवार का पालन-पोषण भी मुश्किल हो रहा है. वेंडर बृजभूषण ने बताया कि किराए के मकान में रह रहे हैं. ऐसी स्थिति में मकान का किराया देना भी मुश्किल हो रहा है. परिवार का पालन पोषण भी मुश्किल हो गया है. संकट की घड़ी में वेंडर्स को सहायता की सख्त जरूरत है. वेंडर्स का काम-धंधा बिल्कुल खत्म हो गया है.

पढ़ें- Special: सवारी को तरस रहे ऑटो चालकों की दर्द-ए-दास्तां सुनिए....

लाइसेंस फीस में राहत की मांग

पहले की तुलना में अब वेंडर्स की बिक्री 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है. वेंडर्स के पास दूसरा कोई आय का स्रोत नहीं है, जिसके चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. वेंडर्स को बिजली का बिल भरना पड़ रहा है. लाइसेंस फीस भी जमा करानी पड़ती है. ऐसे में वेंडर्स के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो गई है. दुकानों पर बिक्री नहीं होने से वेंडर्स ने लाइसेंस फीस में राहत देने की मांग की है. वेंडर्स का कहना है कि यात्रियों की कमी होने से दुकानों पर बिक्री नहीं हो पा रही है, जिसके चलते बिजली का बिल और वेंडर्स का खर्चा भी नहीं निकल पाता है. लाइसेंस फीस देना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में वेंडर्स की फीस माफ की जाए.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
ग्राहक का इंतजार

वेंडर्स की दशा दयनीय

वेंडर खुर्शीद अहमद ने बताया कि ट्रेनों का संचालन और यात्री भार कम होने से करीब 95 प्रतिशत असर पड़ा है. वेंडर्स की काफी दयनीय स्थिति बनी हुई है. संकट के समय में रेलवे प्रशासन से लाइसेंस फीस माफ करने की गुहार लगाई गई है. देश के कई राज्यों में रेलवे की ओर से वेंडर्स के लिए लाइसेंस फीस में छूट दी गई है. ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों पर भी वेंडर्स को लाइसेंस फीस में छूट मिलनी चाहिए.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
वेंडर्स की आर्थिक 'सेहत' खराब

ट्रेनों का संचालन कम

जयपुर मंडल डीआरएम मंजूषा जैन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर आने से ट्रेनों का संचालन कम हो गया है. यात्री भार बिल्कुल कम होने से कई ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ रहा है.

  • कई रूट्स पर तो कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए ट्रेन चला रखी है.
  • 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच ट्रेनें चल पा रही है.
  • जिन ट्रेनों में केवल 5 से 10 प्रतिशत यात्री रहते हैं, उनको बंद कर दिया गया है.
  • पहले की तुलना में ट्रेनों में यात्री भार करीब 20 प्रतिशत पर आ गया है.
    Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
    रेलवे वेंडर्स
  • उत्तर पश्चिम रेलवे के उप महाप्रबंधक और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशिकिरण ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों में यात्री भार में काफी कमी आई है.
  • उत्तर पश्चिम रेलवे पर यात्री भार कम होने कई ट्रेनों को रद्द भी किया गया है.
  • कोरोना संकट के दौर में करीब 50 प्रतिशत रेलगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है.
  • यात्री भार कम होने से रेलवे स्टेशनों पर आरक्षण केंद्रों के समय में भी कटौती की गई है.
  • उत्तर पश्चिम रेलवे पर करीब 42 टिकट आरक्षण केंद्रों का समय घटाकर सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कर दिया गया है.
  • रेलवे की ओर से स्पेशल रेल सेवाओं का संचालन भी किया जा रहा है.
  • रेलवे प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की जा रही है कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना करें.
  • मास्क लगाएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें.

जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से यात्री भार कम होने से लगातार कई ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. कई रेल सेवाओं के फेरों में भी कमी की जा रही है. यात्रियों की कमी होने से रेलवे को हर महीने करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है.

वेंडर्स की आर्थिक 'सेहत' खराब

पढ़ें- SPECIAL : कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर प्रोटोकॉल के साथ परिजनों को सौंपा जाता है शव...जानिये पूरी प्रक्रिया

रेलवे वेंडर्स परेशान

जयपुर जंक्शन पर पहले करीब 75 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा था. अब केवल 40 ट्रेनें ही संचालित हो रही हैं. इसका सीधा असर रेलवे स्टेशन पर दुकान लगाकर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने वाले वेंडर्स पर भी पड़ रहा है.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
जयपुर मंडल पर ट्रेन यात्री भार

कोरोना की वजह से कुछ भी खरीदने से बच रहे

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का टोटा होने लगा है. जिसके चलते स्टेशन भी अब सूने नजर आने लगे हैं. ऐसे में मजदूर वर्ग के लोग ही यात्रा करने पहुंचते हैं. यात्री न के बराबर नजर आते हैं. वेंडर इमरान खान ने बताया कि कोरोना के डर से जो यात्री स्टेशन आते हैं, वह भी खाने पीने का सामान खरीदने से बचते हैं. यात्री खाने-पीने का सामान घर से ही लाना पसंद कर रहे हैं. ऐसे में वेंडर्स की आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
जयपुर मंडल पर रेलवे की आय

रेलवे वेंडर्स मायूस, मदद की गुहार

सुबह से शाम तक बिक्री नहीं होने से वेंडर्स मायूस नजर आ रहे हैं. घर-परिवार का पालन-पोषण भी मुश्किल हो रहा है. वेंडर बृजभूषण ने बताया कि किराए के मकान में रह रहे हैं. ऐसी स्थिति में मकान का किराया देना भी मुश्किल हो रहा है. परिवार का पालन पोषण भी मुश्किल हो गया है. संकट की घड़ी में वेंडर्स को सहायता की सख्त जरूरत है. वेंडर्स का काम-धंधा बिल्कुल खत्म हो गया है.

पढ़ें- Special: सवारी को तरस रहे ऑटो चालकों की दर्द-ए-दास्तां सुनिए....

लाइसेंस फीस में राहत की मांग

पहले की तुलना में अब वेंडर्स की बिक्री 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है. वेंडर्स के पास दूसरा कोई आय का स्रोत नहीं है, जिसके चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. वेंडर्स को बिजली का बिल भरना पड़ रहा है. लाइसेंस फीस भी जमा करानी पड़ती है. ऐसे में वेंडर्स के लिए काफी मुश्किलें खड़ी हो गई है. दुकानों पर बिक्री नहीं होने से वेंडर्स ने लाइसेंस फीस में राहत देने की मांग की है. वेंडर्स का कहना है कि यात्रियों की कमी होने से दुकानों पर बिक्री नहीं हो पा रही है, जिसके चलते बिजली का बिल और वेंडर्स का खर्चा भी नहीं निकल पाता है. लाइसेंस फीस देना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में वेंडर्स की फीस माफ की जाए.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
ग्राहक का इंतजार

वेंडर्स की दशा दयनीय

वेंडर खुर्शीद अहमद ने बताया कि ट्रेनों का संचालन और यात्री भार कम होने से करीब 95 प्रतिशत असर पड़ा है. वेंडर्स की काफी दयनीय स्थिति बनी हुई है. संकट के समय में रेलवे प्रशासन से लाइसेंस फीस माफ करने की गुहार लगाई गई है. देश के कई राज्यों में रेलवे की ओर से वेंडर्स के लिए लाइसेंस फीस में छूट दी गई है. ऐसे में उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर स्टेशन समेत अन्य स्टेशनों पर भी वेंडर्स को लाइसेंस फीस में छूट मिलनी चाहिए.

Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
वेंडर्स की आर्थिक 'सेहत' खराब

ट्रेनों का संचालन कम

जयपुर मंडल डीआरएम मंजूषा जैन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर आने से ट्रेनों का संचालन कम हो गया है. यात्री भार बिल्कुल कम होने से कई ट्रेनों को रद्द भी करना पड़ रहा है.

  • कई रूट्स पर तो कनेक्टिविटी बनाए रखने के लिए ट्रेन चला रखी है.
  • 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच ट्रेनें चल पा रही है.
  • जिन ट्रेनों में केवल 5 से 10 प्रतिशत यात्री रहते हैं, उनको बंद कर दिया गया है.
  • पहले की तुलना में ट्रेनों में यात्री भार करीब 20 प्रतिशत पर आ गया है.
    Economic condition of railway vendors deteriorated,  Second wave of corona
    रेलवे वेंडर्स
  • उत्तर पश्चिम रेलवे के उप महाप्रबंधक और मुख्य जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशिकिरण ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों में यात्री भार में काफी कमी आई है.
  • उत्तर पश्चिम रेलवे पर यात्री भार कम होने कई ट्रेनों को रद्द भी किया गया है.
  • कोरोना संकट के दौर में करीब 50 प्रतिशत रेलगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है.
  • यात्री भार कम होने से रेलवे स्टेशनों पर आरक्षण केंद्रों के समय में भी कटौती की गई है.
  • उत्तर पश्चिम रेलवे पर करीब 42 टिकट आरक्षण केंद्रों का समय घटाकर सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कर दिया गया है.
  • रेलवे की ओर से स्पेशल रेल सेवाओं का संचालन भी किया जा रहा है.
  • रेलवे प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की जा रही है कि कोविड प्रोटोकॉल की पालना करें.
  • मास्क लगाएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें.
Last Updated : May 27, 2021, 10:40 PM IST
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