जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. इसी के तहत रेलवे भी लगातार प्रयासरत है. उत्तर-पश्चिम रेलवे की ओर से ई-ऑफिस का शुभारंभ भी किया गया है. उत्तर-पश्चिम रेलवे पर सर्वप्रथम यह शुभारंभ 24 मार्च 2019 को प्रधान कार्यालय में शुरू किया गया था. इसके साथ ही 24 अप्रैल 2019 को जोधपुर मंडल में भी ई-ऑफिस का शुभारंभ किया गया था.
इसके बाद चरणबद्ध तरीके से सभी कार्यालयों पर ई-ऑफिस का शुभारंभ करते हुए इस वर्ष में अब बीकानेर कार्यशाला में ई-ऑफिस को प्रारंभ कर संपूर्ण उत्तर-पश्चिम रेलवे पर ई-ऑफिस इंप्लीमेंटेशन का कार्य संपन्न किया जा चुका है. ई-ऑफिस के लिए उत्पादकता, गुणवत्ता संसाधन प्रबंधन बदलाव के समय में सुधार करना निर्धारित उद्देश्य है. ई-ऑफिस की शुरुआत ने कर्मचारियों की सटीकता और दक्षता में सुधार भी किया है और इस प्रकार सेवा के स्तर में सुधार हो रहा है.
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उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी और उप महाप्रबंधक लेफ्टिनेंट शशिकिरण ने बताया, "हरित पर्यावरण के लिए भारतीय रेलवे हमेशा पहल करती हुई और एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आई है. डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ते हुए भारतीय रेलवे की ओर ही ई-ऑफिस यानी कि इलेक्ट्रॉनिक फाइलों का आदान-प्रदान करना शुरू कर दिया है. भारतीय रेलवे और उत्तर-पश्चिम रेलवे के सभी कार्यालयों में भी ई-ऑफिस को अब शुरू कर दिया गया है."
बता दें, उत्तर-पश्चिम रेलवे में यह शुरुआत जुलाई 2019 के अंतर्गत की गई थी. शशिकिरण ने बताया, "अब 2021 के अंतर्गत उत्तर-पश्चिम रेलवे के सभी मंडल सभी कार्यालय सभी वर्कशॉप ई-ऑफिस प्लेटफार्म पर आ चुके हैं. फाइलों का आदान-प्रदान ई-ऑफिस के माध्यम से ही अब किया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे पेपर की बचत होती है और हम हरित पर्यावरण की ओर आगे बढ़ते हैं."