बांसवाड़ा. बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा ने गुरुवार को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात (MP Kanakamal Katara meets PM Narendra Modi) की. कटारा ने पीएम मोदी से दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्र में वर्षों से बंद पड़ी डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाइन को शुरू करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह परियोजना शिलान्यास के बाद से ही शुरू नही हो पाई है. कटारा ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि बांसवाड़ा राजस्थान का एकमात्र ऐसा जिला है जिसके किसी भी भाग से कोई रेल लाइन नहीं गुजरती है. यह देश के किसी भी कोने से अभी तक रेल सुविधा से नहीं जुड़ा है.
कटारा ने कहा कि इस लाइन का मामला केंद्र और राज्य सरकार के मध्य परियोजना की आधी-आधी राशि की भागीदारी को लेकर फंसा हुआ है. लंबे समय से इस लाइन की मांग चल रही है और अब तक काफी प्रयास किए गए हैं लेकिन निराशा ही हाथ लगी है. इस अंचल के गरीब लोगों को मजबूरी में रोजगार के लिए और व्यापार एवं उद्योगों से जुड़े लोगों को अपने काम-धंधों के लिए निकटवर्ती गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अहमदाबाद, इंदौर, मुम्बई और अन्य नगरों में आना-जाना पड़ता है. साथ ही त्योहार के दौरान निजी बसों से आने-जाने पर कई गुना किराया देना पड़ता है.
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सांसद ने बताया कि रतलाम (म.प्र.) से डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा नई ब्रॉड रेल लाइन के लिए राजस्थान सरकार और भारत सरकार के रेल मंत्रालय के बीच एक एमओयू हुआ था और वर्ष 2010-11 के रेल बजट में इस परियोजना की घोषणा हुई थी. साथ ही परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटन किया गया था. इस अहम परियोजना को वर्ष 2017 में पूरा होना था. शुरुआत में इसकी लागत 2082.74 करोड़ रुपए थी जो वर्ष 2016-17 में बढ़ कर 3450 करोड़ और वर्ष 2019-20 में 4262 करोड़ हो गई है.
केंद्र और राज्य की 25-50 प्रतिशत भागीदारी से बनने वाली 192 किमी लम्बी इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से अपने हिस्से की राशि देने से मुकर जाने से इसका कार्य अटक गया है. परियोजना के अन्तर्गत 500 छोटे-बड़े ब्रिज बनाए जाएंगे. परियोजना के लिए 175.56 हेक्टयर जमीन भी अधिग्रहित कर ली गई है. इसके पूर्व रेल मंत्रालय के अधिकारियों की ओर से सांसदों को बजट प्रावधानों की जानकारी देने के संसद भवन में आयोजित बैठक में भी सांसद कटारा ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया.