जयपुर. कोरोना संक्रमण के बीच मानसूनी बारिश (monsoon rain) को लेकर राजधानी के हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम ने जलभराव, बाढ़ सहित अन्य आपदाओं से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है. फिलहाल नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का भी काम शुरू हो चुका है, लेकिन पिछले साल हुई अप्रत्याशित बारिश ने सारी हकीकत सामने ला दी थी. कुछ यूं हुआ था कि शहर के कई इलाकों में घुटने तक पानी भर गया था और कहीं-कहीं तो घरों में घुसे पानी को महिलाएं निकालतीं नजर आईं थीं.
दरअसल, आसमान से होने वाली मेघ-मल्हार लोगों को जहां गर्मी और उमस से राहत देती है, तो वहीं नगरीय व्यवस्था की पोल भी खोल देती है. ऐसा ही कुछ बीते दिनों चक्रवाती तूफान तौकते (cyclone takte) के आने पर देखने को भी मिला. जब सीवरेज और नालों की सफाई के दावे हवा हो गए. मूसलाधार बारिश (heavy rain) में जयपुर का ड्रेनेज सिस्टम (drainage system) पूरी तरह फेल साबित हुआ. लाल डूंगरी इलाके के लोगों के घाव तो अब तक भी भरे नहीं हैं, क्योंकि उस बारिश ने तो उनके घरौंदे और रोजगार के साधनों को भी नेस्तनाबूद कर दिया.
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बाढ़ नियंत्रण कक्ष का काम शुरू
हेरिटेज नगर निगम के डीसी हेड क्वार्टर आशीष कुमार ने बताया कि वहीं मानसून से पूर्व आपदा प्रबंधन (disaster management) की तैयारी की जा रही है। चूंकि मानसून के दौरान राहत और बचाव की दृष्टि से कई विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। इसमे निगम प्रशासन (Municipal Corporation Jaipur) और उससे जुड़ा फायर डिपार्टमेंट (fire department Jaipur) अहम किरदार अदा करता है. इसके मद्देनजर जयपुर के दोनों निगम हेरिटेज ओर ग्रेटर में 6 से 7 बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का काम शुरू हो चुका है.
24 घंटे चलेगा कंट्रोल रूम
हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर अवधेश मीणा ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण कक्ष पर फायर डिपार्टमेंट के कर्मचारियों के साथ-साथ इंजीनियर भी तैनात रहेंगे और ये कंट्रोल रूम 24 घंटे चलेगा. बाढ़ नियंत्रण के लिए फायर वाहनों के अलावा जेसीबी, मिट्टी के कट्टे, मड पंप, कटर, रस्से और जैकेट उपलब्ध कराने के लिए जल्द टेंडर भी किया जाएगा. ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके। निगम अधिकारियों की मानें तो अभी तौकते तूफान से हुई बारिश से अनुमान लगा कि किन स्थानों पर जलभराव की स्थिति रहती है और वहां किस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके अलावा भी सर्वेक्षण करके ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है.
इस बार दोनों निगमों की सामूहिक जिम्मेदारी
ग्रेटर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर ब्रजेश चांदोलिया ने बताया कि इस बार दोनो नगर निगमों की सामूहिक जिम्मेदारी है. हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 364 और ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में आने वाले 525 नालों को चिन्हित कर सफाई की जा रही है. इसके अलावा 10 से 15 फीट गहराई वाले 14 बड़े नालों से भी मलबा बाहर निकालकर साफ किया जा रहा है. सड़क का पानी बिना बाधा के नाले में चला जाए इसके लिए नालों में पानी के प्रवेश मार्ग (शूट) भी साफ किए जा रहे हैं.
बताते चलें कि पिछले साल हुई बारिश जयपुर के लिए अप्रत्याशित थी. कई सालों के इतिहास में इस तरह की बारिश नहीं हुई थी, लेकिन निगम प्रशासन ने उससे एक सबक जरूर लिया है कि यदि इस तरह से कोई बरसात जयपुर में होती है, तो उससे निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय करने होंगे. उस लिहाज से व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है.
यहां बनाए जाएंगे बाढ़ नियंत्रण कक्ष
हेरिटेज नगर निगम-घाट गेट, फायर स्टेशन, बनी पार्क फायर स्टेशन, आमेर फायर स्टेशन,
ग्रेटर नगर निगम-मालवीय नगर फायर स्टेशन, मानसरोवर फायर स्टेशन, 22 गोदाम फायर स्टेशन