जयपुर: अश्विन महीने की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. इस साल पूर्णिमा तिथि 19 अक्टूबर (मंगलवार) शाम 7 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर 20 अक्टूबर रात 8:27 बजे तक रहेगी. यही कारण है कि इस साल शरद पूर्णिमा मंगलवार और बुधवार दोनों दिन मनाई जाएगी. शरद पूर्णिमा पर खीर का प्रसाद बनाकर धवल और शीतल चांदनी में रखेंगे और रात 12 बजे अपने आराध्य को भोग लगाएंगे.
बताया जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को 16 कलाओं से संपन्न चंद्रमा धरती के सबसे नजदीक होता है. यह भी माना जाता है कि इस रात को चंद्रमा की रोशनी के साथ अमृत की बूंदें भी बरसती हैं. इसलिए खीर के प्रसाद को चंद्रमा की रोशनी में रखने की परंपरा है. शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी की पूजा करने की परंपरा है. देवी लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से धन की कमी दूर होकर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर का कहना है कि जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा पीड़ित है या नैसर्गिक अशुभ ग्रहों से ग्रस्त है अथवा ऐसे ग्रहों के साथ में चंद्रमा की युति है. जिन जातकों को चंद्रमा किसी भी कारण से दिक्कत दे रहा है. ऐसे जातक शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा को ज्यादा से ज्यादा निहारें या ज्यादा से ज्यादा समय चंद्रमा की रोशनी में बिताएं. इस दौरान चंद्रमा के मंत्र ॐ सोम सोमाय नमः का जाप करना चाहिए. इससे चंद्रमा से पीड़ित जातकों को राहत मिलेगी.
बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए करें यह उपाय
जिन जातकों के दाम्पत्य जीवन में किसी भी प्रकार की दिक्कत आ रही है. वे दूध में मिश्री और चावल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. जिन बच्चों की स्मरण शक्ति कमजोर है. उनके माता-पिता इस बात को लेकर परेशान रहते हैं. वे जातक एक पात्र में जल लें और उसे रात में अपने पास रख लें. इस दौरान चंद्रमा को निहारते हुए देवी सरस्वती के मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः का जाप करें. इस मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जप करें और जो पात्र में जल रखा है. उसे तीन बार फूंक मारकर यह जल बच्चों को पिला दें. इससे बच्चों की स्मरण शक्ति तेज होगी.
रातभर चांदनी में रखी खीर सूर्योदय से पूर्व खाने से आती है सुख-समृद्धि
जो जातक तंत्र साधना करना चाहते हैं या इस क्षेत्र में ख्याति हासिल करना चाहते हैं. वे जातक शिव या मां महाकाली का जो मंत्र जाप करते आ रहे हैं. उस मंत्र का शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) की रात को ज्यादा से ज्यादा जप करें. जो जातक जीवन में सुख समृद्धि चाहते हैं. वे रात्रिकाल में खीर (Kheer) बना लें और खीर के पात्र को ऐसे स्थान पर रख दें. जहां चंद्रमा की रोशनी सीधे खीर के पात्र पर पड़ती रहे. सुबह सूर्योदय से पहले घर के सभी सदस्य इस खीर का सेवन करें. ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और उन्नति आती है.