ETV Bharat / state

जैसलमेर में खुलेगा देश का पहला ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर, ऊंटों के स्वास्थ्य और कल्याण पर होगा फोकस

जैसलमेर में देश का पहला ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर खोला जाएगा. यहां ऊंटों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष काम किया जाएगा.

First Camel Research Center
देश का पहला ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर (ETV Bharat Jaisalmer)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

जैसलमेर: प्रदेश में ऊंटों की घटती संख्या से चिंतित राज्य सरकार जैसलमेर के देगराय ओरण की 100 एकड़ भूमि पर तेल गैस कंपनी वेदांता समूह की सहायक टाको ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से देश का पहला आधुनिक सुविधायुक्त कैमल रेस्क्यू रिसर्च सेंटर खोलेगी. इसके लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार टाको कंपनी की एक टीम देगराय ओरण में जमीन और ऊंटों की उपलब्धता की जानकारी लेने पहुंची.

देश के पहले ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर में होंगी ये सुविधाएं (ETV Bharat Jaisalmer)

इनके साथ जिला कलेक्टर प्रताप सिंह के निर्देशानुसार पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ उमेश वरगंटीवार प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में साथ रहे. टीम ने ऊंटों के सरंक्षण में कार्य कर रहे ग्रीन मैन सुमेर सिंह भाटी सांवता और अन्य ऊंट पालकों से ऊंटों की उपलब्धता और समस्या के बारे में जानकारी ली और यहां रेस्क्यू सेंटर के लिए पर्याप्त जमीन की उपलब्धता की चर्चा की. यह टीम अपनी रिपोर्ट टाको को उपलब्ध कराएगी, जिसके आधार पर रेस्क्यू और अनुसंधान केंद्र की योजना को अंतिम रूप देंगे. इसमें ऑस्ट्रेलियन महिला की खास भूमिका रहने वाली हैं.

पढ़ें: Rajasthan: पुष्कर पशु मेला 2024: मेले में ऊटों की संख्या बढ़ाने के लिए नवाचार, पहली बार निकलेगी पशुओं की शोभायात्रा

रासला व सांवता को प्राथमिकता: दरअसल, वेदांता तेल गैस कम्पनी बाड़मेर जिले में कार्य कर रही है. ऐसे में उनकी प्राथमिकता बाड़मेर थी, जहां वो रेस्क्यू सेंटर स्थापित करना चाहते थे. लेकिन राज्य सरकार के साथ चर्चा में बाड़मेर की बजाय ऊंटों की उपलब्धता और आवश्यकता देखते हुए जैसलमेर में रेस्क्यू व अनुसंधान केंद्र खोलने की सलाह दी गई. इसके लिए जैसलमेर जिले के तनोट व देगराय ओरण दो स्थान सुझाए गए. ऐसे में टाको ने देगराय ओरण के रासला व सांवता को प्राथमिकता दी. वेदांता ग्रुप के एक्सपर्ट टीम ने देगराय ओरण का दौरा कर फिजिबिल्टी जांच की और रेस्क्यू सेंटर के लिए पर्याप्त जमीन की उपलब्धता देखी.

पढ़ें: ऊंटों की संख्या को लेकर आया यह अपडेट, संरक्षण की मुहिम पर उठने लगे सवाल - Camels in Rajasthan

स्वास्थ्य को लेकर लगेंगे शिविर: पशुपालन विभाग जैसलमेर के उप निदेशक डॉ उमेश वरगंटीवार ने बताया कि राज्य सरकार जैसलमेर में कैमल रेस्क्यू व अनुसंधान केंद्र स्थापित करना चाहती है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में शुष्क व अर्ध शुष्क क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास में ऊंटों के महत्व को ध्यान में रखते हुए ऊंटों को सर्रा व खुजली की बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण, चिकित्सा व पौष्टिक आहार वितरण, ऊंटों की चिकित्सा देखभाल, ऊंटों को अभयारण्य प्रदान करने के साथ-साथ उनके समर्पित मालिकों के कल्याण आदि के लिए कार्य किया जाएगा.

पढ़ें: अंतररार्ष्ट्रीय ऊंट दिवस : रियासत काल में भी महत्वपूर्ण था 'रेगिस्तान का जहाज', जानिए रोचक तथ्य - International camel day 2024

उन्होंन बताया कि इसके लिए पर्याप्त वाहन, क्रेन सहित आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं पर वेलफेयर प्रोग्राम, प्रत्यक्ष हस्तक्षेप, सामुदायिक प्रशिक्षण, निवारक उपाय, बचाव व रिहैबिलिटेशन प्रयास के साथ मुफ्त उपचार शिविरों का आयोजन किया जाएगा. यह सेंटर प्राणियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

वहीं इसको लेकर ग्रीन मैन सुमेर सिंह भाटी सांवता ने बताया कि जैसलमेर में रेस्क्यू सेंटर की महत्ती आवश्यकता थी. अब इससे क्षेत्र के ही नहीं आसपास के जिलों के ऊंटों को भी फायदा होगा. जैसलमेर में ऊंटों की बहुतायत देखते हुए ऊंट पालकों ने गत वर्ष पशुपालन निदेशक भवानी सिंह देथा से देगराय ओरण में उष्ट्र अनुसंधान केंद्र खोलने की मांग रखी थी. इस पर जिला कलेक्टर ने वेदांत ग्रुप की एक टीम रासला पशुपालन अधिकारी के साथ भेजी थी. टीम को जमीन, ओरण, ऊंट पालकों व ऊंटों की समस्याओं की विस्तृत जानकारी दी गई.

जैसलमेर: प्रदेश में ऊंटों की घटती संख्या से चिंतित राज्य सरकार जैसलमेर के देगराय ओरण की 100 एकड़ भूमि पर तेल गैस कंपनी वेदांता समूह की सहायक टाको ऑर्गेनाइजेशन के माध्यम से देश का पहला आधुनिक सुविधायुक्त कैमल रेस्क्यू रिसर्च सेंटर खोलेगी. इसके लिए राज्य सरकार के निर्देशानुसार टाको कंपनी की एक टीम देगराय ओरण में जमीन और ऊंटों की उपलब्धता की जानकारी लेने पहुंची.

देश के पहले ऊंट रेस्क्यू रिसर्च सेंटर में होंगी ये सुविधाएं (ETV Bharat Jaisalmer)

इनके साथ जिला कलेक्टर प्रताप सिंह के निर्देशानुसार पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ उमेश वरगंटीवार प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में साथ रहे. टीम ने ऊंटों के सरंक्षण में कार्य कर रहे ग्रीन मैन सुमेर सिंह भाटी सांवता और अन्य ऊंट पालकों से ऊंटों की उपलब्धता और समस्या के बारे में जानकारी ली और यहां रेस्क्यू सेंटर के लिए पर्याप्त जमीन की उपलब्धता की चर्चा की. यह टीम अपनी रिपोर्ट टाको को उपलब्ध कराएगी, जिसके आधार पर रेस्क्यू और अनुसंधान केंद्र की योजना को अंतिम रूप देंगे. इसमें ऑस्ट्रेलियन महिला की खास भूमिका रहने वाली हैं.

पढ़ें: Rajasthan: पुष्कर पशु मेला 2024: मेले में ऊटों की संख्या बढ़ाने के लिए नवाचार, पहली बार निकलेगी पशुओं की शोभायात्रा

रासला व सांवता को प्राथमिकता: दरअसल, वेदांता तेल गैस कम्पनी बाड़मेर जिले में कार्य कर रही है. ऐसे में उनकी प्राथमिकता बाड़मेर थी, जहां वो रेस्क्यू सेंटर स्थापित करना चाहते थे. लेकिन राज्य सरकार के साथ चर्चा में बाड़मेर की बजाय ऊंटों की उपलब्धता और आवश्यकता देखते हुए जैसलमेर में रेस्क्यू व अनुसंधान केंद्र खोलने की सलाह दी गई. इसके लिए जैसलमेर जिले के तनोट व देगराय ओरण दो स्थान सुझाए गए. ऐसे में टाको ने देगराय ओरण के रासला व सांवता को प्राथमिकता दी. वेदांता ग्रुप के एक्सपर्ट टीम ने देगराय ओरण का दौरा कर फिजिबिल्टी जांच की और रेस्क्यू सेंटर के लिए पर्याप्त जमीन की उपलब्धता देखी.

पढ़ें: ऊंटों की संख्या को लेकर आया यह अपडेट, संरक्षण की मुहिम पर उठने लगे सवाल - Camels in Rajasthan

स्वास्थ्य को लेकर लगेंगे शिविर: पशुपालन विभाग जैसलमेर के उप निदेशक डॉ उमेश वरगंटीवार ने बताया कि राज्य सरकार जैसलमेर में कैमल रेस्क्यू व अनुसंधान केंद्र स्थापित करना चाहती है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में शुष्क व अर्ध शुष्क क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास में ऊंटों के महत्व को ध्यान में रखते हुए ऊंटों को सर्रा व खुजली की बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण, चिकित्सा व पौष्टिक आहार वितरण, ऊंटों की चिकित्सा देखभाल, ऊंटों को अभयारण्य प्रदान करने के साथ-साथ उनके समर्पित मालिकों के कल्याण आदि के लिए कार्य किया जाएगा.

पढ़ें: अंतररार्ष्ट्रीय ऊंट दिवस : रियासत काल में भी महत्वपूर्ण था 'रेगिस्तान का जहाज', जानिए रोचक तथ्य - International camel day 2024

उन्होंन बताया कि इसके लिए पर्याप्त वाहन, क्रेन सहित आधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे. वहीं पर वेलफेयर प्रोग्राम, प्रत्यक्ष हस्तक्षेप, सामुदायिक प्रशिक्षण, निवारक उपाय, बचाव व रिहैबिलिटेशन प्रयास के साथ मुफ्त उपचार शिविरों का आयोजन किया जाएगा. यह सेंटर प्राणियों के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

वहीं इसको लेकर ग्रीन मैन सुमेर सिंह भाटी सांवता ने बताया कि जैसलमेर में रेस्क्यू सेंटर की महत्ती आवश्यकता थी. अब इससे क्षेत्र के ही नहीं आसपास के जिलों के ऊंटों को भी फायदा होगा. जैसलमेर में ऊंटों की बहुतायत देखते हुए ऊंट पालकों ने गत वर्ष पशुपालन निदेशक भवानी सिंह देथा से देगराय ओरण में उष्ट्र अनुसंधान केंद्र खोलने की मांग रखी थी. इस पर जिला कलेक्टर ने वेदांत ग्रुप की एक टीम रासला पशुपालन अधिकारी के साथ भेजी थी. टीम को जमीन, ओरण, ऊंट पालकों व ऊंटों की समस्याओं की विस्तृत जानकारी दी गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.