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सूर्य ग्रहण 2020: कोरोना के कारण श्रद्धालु नहीं लगा सकेंगे गलताजी में आस्था की डुबकी

सूर्य ग्रहण पर छोटी काशी जयपुर में धार्मिक स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. धार्मिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सूर्य ग्रहण पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे.

Corona impact on solar eclipse,  Solar Eclipse
गलताजी में नहीं लगेगी आस्था की डुबकी
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Published : Jun 21, 2020, 6:20 AM IST

Updated : Jun 21, 2020, 3:15 PM IST

जयपुर. कोरोना महामारी ने ना सिर्फ इंसान बल्कि तीज-त्योहार और यहां तक कि अब ग्रहण को भी अपने आगोश में ले लिया है. यही वजह है कि रविवार को सूर्य ग्रहण पर छोटी काशी जयपुर में धार्मिक स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. धार्मिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सूर्य ग्रहण पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे.

गलताजी में नहीं लगेगी आस्था की डुबकी

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का रविवार को सूर्य ग्रहण है. ऐसे में हर कोई ग्रहण की शुद्धि के लिए सरोवर में आस्था की डुबकी लगाना चाहता है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते धार्मिकस्थलों पर बैन है. जिसके चलते जयपुर के गलताजी सरोवर में जल से मंदिर के भगवान और उनमें आस्था रखने वाले श्रद्धालु सूर्य ग्रहण शुद्धि स्नान सरोवर में नहीं कर पाएंगे. जिला प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए एतिहातन गलताजी मे आस्था की डुबकी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है.

पढ़ें- सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

दरअसल, सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र, गुरु मंत्र, नारायण मंत्र का जप और ध्यान करना सर्वोत्तम माना गया है. ऐसा करने से सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं. वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद पानी मे गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर पूजा पाठ कर दान-पुण्य भी करें, इससे आर्थिक प्रगति होती है. ऐसे में ग्रहण काल में तीर्थ सरोवर पर जप-तक और दान पुण्य की विशेष महत्व के चलते शहरवासी गलता जी तीर्थ सरोवर पर आते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के चलते हिंदू धर्म के इतिहास में पहली बार होगा, जब हिंदू धर्म के लोग गलता स्नान से वंचित रहेंगे.

जयपुर. कोरोना महामारी ने ना सिर्फ इंसान बल्कि तीज-त्योहार और यहां तक कि अब ग्रहण को भी अपने आगोश में ले लिया है. यही वजह है कि रविवार को सूर्य ग्रहण पर छोटी काशी जयपुर में धार्मिक स्नान पर प्रतिबंध रहेगा. धार्मिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सूर्य ग्रहण पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे.

गलताजी में नहीं लगेगी आस्था की डुबकी

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या का रविवार को सूर्य ग्रहण है. ऐसे में हर कोई ग्रहण की शुद्धि के लिए सरोवर में आस्था की डुबकी लगाना चाहता है, लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते धार्मिकस्थलों पर बैन है. जिसके चलते जयपुर के गलताजी सरोवर में जल से मंदिर के भगवान और उनमें आस्था रखने वाले श्रद्धालु सूर्य ग्रहण शुद्धि स्नान सरोवर में नहीं कर पाएंगे. जिला प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए एतिहातन गलताजी मे आस्था की डुबकी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है.

पढ़ें- सूर्य ग्रहण पर ज्योतिष गुरु पवन सिन्हा से जानें हरेक सवाल का जवाब

दरअसल, सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र, सूर्य मंत्र, गुरु मंत्र, नारायण मंत्र का जप और ध्यान करना सर्वोत्तम माना गया है. ऐसा करने से सभी ग्रहों के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं. वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद पानी मे गंगाजल डालकर स्नान करें और फिर पूजा पाठ कर दान-पुण्य भी करें, इससे आर्थिक प्रगति होती है. ऐसे में ग्रहण काल में तीर्थ सरोवर पर जप-तक और दान पुण्य की विशेष महत्व के चलते शहरवासी गलता जी तीर्थ सरोवर पर आते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के चलते हिंदू धर्म के इतिहास में पहली बार होगा, जब हिंदू धर्म के लोग गलता स्नान से वंचित रहेंगे.

Last Updated : Jun 21, 2020, 3:15 PM IST
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