जयपुर. पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में हार्डकोर बदमाश मनोज कुमार नेहरा सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी मनोज कुमार (Plan to kill Raju theth) कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेठ को मारने के लिए मादक पदार्थों की तस्करी से पैसा एकत्रित कर रहा था. मनोज कुमार बीकानेर जेल में राजू ठेठ के सदस्य जयप्रकाश और रामपाल की हत्या में भी शामिल था. इस पर 2000 का इनाम घोषित था.
डीसीपी वेस्ट ऋचा तोमर ने बताया कि पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर अशोक पुत्र रामचंद्र, नितेश पुत्र पुत्र बंशीधर, मनोज पुत्र जेत सिंह, सुरेंद्र सिंह पुत्र माधाराम और गोगराज पुत्र मुरारी लाल को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनसे 175 किलो डोडा पोस्त और एक देशी पिस्टल भी बरामद की है.
उन्होंने बताया कि आनंदपाल की ओर से बीकानेर जेल में 2014 में किए गए जयप्रकाश और रामपाल की हत्या में मनोज कुमार सह अभियुक्त था. इस पर 2000 का इनाम भी घोषित था. जयप्रकाश और रामपाल राजू ठेठ गैंग के सदस्य थे. मनोज कुमार नेहरा के कब्जे से 175 किलो डोडा पोस्ट बरामद किया गया है. जिस गाड़ी से डोडा पोस्ट बरामद किया गया है वह गाड़ी सुरेंद्र सिंह चला रहा था और मनोज कुमार नेहरा स्कॉर्पियो से उस गाड़ी को एस्कॉर्ट कर रहा था.
मनोज कुमार नेहरा अप्रैल 2021 में चौमू निवासी अर्जुन सैनी के ज्वेलरी शोरूम पर हुई डकैती की वारदात में भी शामिल था और वारदात के बाद से ही वह फरार भी चल रहा था. मनोज कुमार नेहरा सीकर जिले के नैनवा थाना क्षेत्र के बीरबल बासनी की हत्या के अपराध में 2010 से दिसंबर 2020 तक जेल में रहा था. मनोज कुमार का साथी सुरेंद्र सिंह सीकर में रामेश्वर हत्याकांड में आजीवन कारावास में सजायाफ्ता है और हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर था.
1800 रुपए किलो में खरीदते थे डोडा पोस्त : पुलिस ने बताया कि मनोज कुमार नेहरा चित्तौड़गढ़ और मध्य प्रदेश से 1800 रुपए किलो के हिसाब से डोडा पोस्त खरीद कर शेखावाटी और हरियाणा में 3000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचते थे. अब तक यह लोग 50 से 60 लाख रुपये इस अवैध धंधे से कमा चुके हैं. मनोज कुमार नेहरा गैंगवार के बाद से ही राजू ठेठ को मारने की फिराक में था. इसलिए उसने मादक पदार्थों की तस्करी का धंधा शुरू किया. इन पैसों से वह अपने गैंग में अन्य अन्य लोगों को भर्ती करना चाहता था और अन्य संसाधन जुटाना चाहता था.
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ऑपरेशन 200 फीट बाईपास : पुलिस ने बताया यह लोग गाड़ी से एस्कॉर्ट कर मादक पदार्थों की तस्करी करते थे. तस्करी के दौरान डोडा पोस्त ले जाने वाली गाड़ी और एस्कॉर्ट करने वाली गाड़ी के बीच में एक से डेढ़ किलोमीटर का अंतर रखते थे. अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 200 फीट बाईपास पर जगह-जगह नाकाबंदी की. 15 फरवरी को सुबह करीब 5 बजे अजमेर की तरफ से एक काले रंग की स्कॉर्पियो आती हुई दिखी. इस पर करधनी थाना अधिकारी बनवारी लाल मीणा व डीएसटी प्रभारी गुरु भूपेंद्र सिंह ने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया. चालक स्कॉर्पियो को भगाकर ले गया.
इस गाड़ी में ड्राइवर सहित तीन व्यक्ति बैठे हुए थे. पुलिस ने 200 फीट बाईपास पर दोनों गाड़ियों का पीछा किया. स्कॉर्पियो के बारे में मुरलीपुरा थाना अधिकारी को सूचना दी गई. इतने में ही एक अन्य गाड़ी आती हुई दिखाई दी जिसे 200 फीट बाईपास पर डिवाइडर लगाकर रोकने का प्रयास किया गया तो चालक ने गाड़ी को डिवाइडर पर चढ़ा दिया. जिससे गाड़ी का टायर फट गया और गाड़ी वहीं रुक गई. जब दोनों शख्स उतरकर भागने लगे तो पुलिस ने पीछा कर दोनों अपराधियों को पकड़ लिया.
सूचना मिलने पर मुरलीपुरा पुलिस ने स्कॉर्पियो को भी पकड़ा और उसमें बैठे तीनों अपराधियों को दबोच लिया. पुलिस के अनुसार यह ग्रुप एक महीने में पांच से छह राउंड लगाते थे. अब तक करीब 50 क्विंटल डोडा पोस्ट की तस्करी कर चुके हैं. यह गिरोह नवंबर 2021 से मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा है.