ETV Bharat / city

औषधि नियंत्रक विभाग की जयपुर के निजी अस्पताल पर कार्रवाई, रेमडेसीविर इंजेक्शन के वसूले जा रहे थे अधिक दाम - जयपुर नारकोटिक्स विभाग

जयपुर में औषधि नियंत्रक विभाग और नारकोटिक्स विभाग की टीम ने एक संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया. कोरोना और नारकोटिक्स की दवाइयों के क्रय विक्रय से संबंधित जांच की गई.

औषधि नियंत्रक विभाग, Drugs Controller Department
औषधि नियंत्रक विभाग की जयपुर के निजी अस्पताल पर कार्रवाई
author img

By

Published : Jun 5, 2021, 9:20 PM IST

जयपुर. जयपुर में औषधि नियंत्रक विभाग और नारकोटिक्स विभाग की टीम ने एक संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया. जहां मानसरोवर स्थित इंडस अस्पताल में दवाइयों की खरीद और बिक्री से जुड़ी अनियमितताएं देखने को मिली और कुछ दवाएं तो बिना लाइसेंस के अस्पताल की फार्मेसी की ओर से बेची जा रही थी.

पढ़ेंः Corona Update: राजस्थान में 942 नए मामले आए सामने, 32 मौत...कुल आंकड़ा 9,45,442

जयपुर के मानसरोवर स्थित निजी अस्पताल में कार्रवाई को अंजाम दिया. जहां कोरोना और नारकोटिक्स की दवाइयों के क्रय विक्रय से संबंधित जांच की गई. जांच में अस्पताल की 24 घंटे चलने वाली फार्मेसी में एक भी फार्मासिस्ट उपस्थित नहीं पाया गया.

अप्रैल-मई माह में जब कोरोना संक्रमण चरम पर था तो राज्य सरकार की ओर से कोरोना से संबंधित औषधि रेमडेसीविर का अधिकतम मूल्य 2800 रुपए निर्धारित किया गया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उक्त औषधि को 4 हजार रुपए में विक्रय किया जाना पाया गया. रेमडेसिविर के स्टॉक में भी गड़बड़ियां पाई गई. इसके अलावा आई.सी.यू. एवं क्रिटिकल केयर के इंजेक्शन (मिडाजोलम, Cipremi एवं Doxycyline) को बिना बिल के विक्रय किया जाना पाया गया.

पढ़ेंः Twitter Blue Tick को जानें : क्या होता है ट्विटर अकाउंट के ब्लू टिक का मतलब...साइबर एक्सपर्ट से समझिये

अस्पताल में काम आने वाले शेड्यूल-X औषधियों के लिए तो अस्पताल की ओर से लाइसेंस ही नहीं लिया गया था और औषधियों का संधारण भी सही नहीं पाया गया.अस्पताल फार्मेसी द्वारा शेड्यूल H1 औषधियों का रिकॉर्ड भी संधारित नही पाया गया. ऐसे में टीम ने अस्पताल फार्मेसी के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए है. इस कार्रवाई को सहायक औषधि नियंत्रक महेंद्र जोनवाल, डीसीओ सिंधु कुमारी, महेश बयाडवाल की टीम की ओर से अंजाम दिया गया.

जयपुर. जयपुर में औषधि नियंत्रक विभाग और नारकोटिक्स विभाग की टीम ने एक संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया. जहां मानसरोवर स्थित इंडस अस्पताल में दवाइयों की खरीद और बिक्री से जुड़ी अनियमितताएं देखने को मिली और कुछ दवाएं तो बिना लाइसेंस के अस्पताल की फार्मेसी की ओर से बेची जा रही थी.

पढ़ेंः Corona Update: राजस्थान में 942 नए मामले आए सामने, 32 मौत...कुल आंकड़ा 9,45,442

जयपुर के मानसरोवर स्थित निजी अस्पताल में कार्रवाई को अंजाम दिया. जहां कोरोना और नारकोटिक्स की दवाइयों के क्रय विक्रय से संबंधित जांच की गई. जांच में अस्पताल की 24 घंटे चलने वाली फार्मेसी में एक भी फार्मासिस्ट उपस्थित नहीं पाया गया.

अप्रैल-मई माह में जब कोरोना संक्रमण चरम पर था तो राज्य सरकार की ओर से कोरोना से संबंधित औषधि रेमडेसीविर का अधिकतम मूल्य 2800 रुपए निर्धारित किया गया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से उक्त औषधि को 4 हजार रुपए में विक्रय किया जाना पाया गया. रेमडेसिविर के स्टॉक में भी गड़बड़ियां पाई गई. इसके अलावा आई.सी.यू. एवं क्रिटिकल केयर के इंजेक्शन (मिडाजोलम, Cipremi एवं Doxycyline) को बिना बिल के विक्रय किया जाना पाया गया.

पढ़ेंः Twitter Blue Tick को जानें : क्या होता है ट्विटर अकाउंट के ब्लू टिक का मतलब...साइबर एक्सपर्ट से समझिये

अस्पताल में काम आने वाले शेड्यूल-X औषधियों के लिए तो अस्पताल की ओर से लाइसेंस ही नहीं लिया गया था और औषधियों का संधारण भी सही नहीं पाया गया.अस्पताल फार्मेसी द्वारा शेड्यूल H1 औषधियों का रिकॉर्ड भी संधारित नही पाया गया. ऐसे में टीम ने अस्पताल फार्मेसी के विरुद्ध औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए है. इस कार्रवाई को सहायक औषधि नियंत्रक महेंद्र जोनवाल, डीसीओ सिंधु कुमारी, महेश बयाडवाल की टीम की ओर से अंजाम दिया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.