जयपुर. राजस्थान में खनिज संपदा का बड़ा भंडार है और प्रदेश में अवैध खनन भी बड़ी मात्रा में होता है. सरकार भले ही किसी की भी हो, लेकिन इस अवैध खनन पर लगाम लगाने में वह नाकाम ही रहती है. गहलोत सरकार ने भी अवैध खनन को रोकने का प्रयास किया, लेकिन खनन माफियाओं के साथ प्रशासन की मुठभेड़ और मिलीभगत से अब भी अवैध खनन जारी है.
गहलोत सरकार अब इसको रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों जैसे जीपीएस और ड्रोन का इस्तेमाल करने जा रही है. इसके लिए प्रदेश में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की अध्यक्षता में राजस्थान स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट का गठन किया गया है.
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दरअसल, राजस्थान देश के खनिज उत्पादन मूल्य में 20.26 फीसदी हिस्सेदारी निभा रहा है, लेकिन अवैध खनन के कारण सरकारी राजस्व को जबरदस्त नुकसान हो रहा है. इस ट्रस्ट के गठन से प्रदेश में खनिज संपदा की खोज, खनिज संसाधनों का विकास और आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक से दोहन कर अधिक से अधिक उत्पादन और प्रदेश के लिए राजस्व को बढ़ाना तो होगा ही. साथ ही अन्वेषण परियोजनाओं को लॉजिस्टिक सुविधा सहित जीपीएस और जीएनएसएस सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएगी.
इस सिस्टम से सरकार की नजर इस बात पर रह सकेगी कि माइंस में क्या कुछ कार्रवाई चल रही है. इसके साथ ही अब खोज कार्य को गति देने और खनन गतिविधियों की निगरानी के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी में ड्रोन सर्वेक्षण का उपयोग किया जाएगा, जिससे अवैध खनन गतिविधियों पर भी अंकुश लग सकेगा. बता दें, राजस्थान स्टेट मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के लिए प्रधान खनिजों पर ली जा रही रॉयल्टी पर 2 फीसदी सेस राशि और अवैध खनन से प्राप्त राजस्व की 10 फीसदी राशि से एक कोष बनाया जाएगा.