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हाईड्रोलिक पार्किंग प्रोजेक्ट से कवर किए जाएंगे नाले, कचरा नहीं होने से पानी की निकासी में नहीं होगी समस्या

नगर निगम की ओर से नाला सफाई को लेकर लगातार काम चल रहा है लेकिन लोगों के कचरा फेंकने से अक्सर यह चोक होने लगता है. ऐसे में हाईड्रोलिक पार्किंग प्रोजेक्ट के तहत नालों को कवर किए जाने की प्लानिंग है. इससे पार्किंग की समस्या भी हल हो जाएगी और नालों में कचरा न जाने से पानी की निकासी भी होती रहेगी.

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हाईड्रोलिक पार्किंग प्रोजेक्ट से कवर होंगे नाले
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Published : Jul 24, 2021, 9:15 PM IST

जयपुर. मानसून से पहले नगर निगम की ओर से नाला सफाई को लेकर जोनवार टेंडर किए गए हैं. ऐसा इसलिए ताकि नालों का कचरा और मलबा निकाल कर पानी की सुगम निकासी की जा सके, लेकिन लोगों के नालों में कचरा फेंकने से समस्या बढ़ गई है. इस समस्या का हल निकालने के लिए अब शहर के नालों को कवर कर पार्किंग, ग्रीन बेल्ट या फिर कमर्शियल डेवलपमेंट करने का प्लान बनाया जा रहा है.

बीते साल जयपुर के सी-स्कीम में अशोक मार्ग पर बनी हाईड्रोलिक मल्टी स्टोरी पार्किंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. जहां 400 चौपहिया वाहन पार्क करने की व्यवस्था है. ये हाईड्रोलिक पार्किंग अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जो नाले पर बनाया गया है. इसके बाद से इस नाले में पानी का प्रवाह भी पहले से बेहतर हो गया जिसका बड़ा कारण है कि नाले में कचरा इकट्ठा नहीं होता. यही वजह है कि अब शहर के कई बड़े नालों को इसी तर्ज पर विकसित करने का प्लान बनाया जा रहा है.

हाईड्रोलिक पार्किंग प्रोजेक्ट से कवर होंगे नाले

पढ़ें: जयपुर हो रहा है स्मार्ट: पार्किंग से लेकर सीवरेज, लाइटिंग भी स्मार्ट सेंसर्स पर करेंगी काम

इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर और स्मार्ट सिटी सीईओ अवधेश मीणा ने बताया कि शहर के बड़े नालों को कवर कर वहां पार्किंग, ग्रीन बेल्ट या कमर्शियल डेवलपमेंट करने के लिए कई बार आम जनता और जनप्रतिनिधियों की डिमांड आई है. इस संबंध में लागत और मॉडल का मूल्यांकन किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल महल के नजदीक नाले को कवर करने का प्रोजेक्ट लाने की तैयारी की जा रही है जिसकी डीपीआर पर काम शुरू कर दिया गया है.

पढ़ें: 'स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पहले नंबर पर राजस्थान, बीजेपी शासित राज्य का एक भी शहर टॉप 5 में नहीं'

उन्होंने दावा किया कि लगभग सभी नालों की सफाई एक बार हो चुकी है. जैसे-जैसे बारिश आ रही है नालों में और कचरा इकट्ठा हो रहा है. उसकी भी नियमित सफाई की जा रही है. इसके अलावा जो शहर में चेक पॉइंट हैं जहां बार-बार पानी भरता है, उनका समाधान करने की कोशिश की जा रही है.

बहरहाल राजधानी में नालों की सफाई नहीं होने से आलम ये है कि बारिश में नालों का पानी सड़कों पर इकट्ठा हो जाता है और निगम ने बड़े नालों की सफाई का टेंडर ही नहीं किया. हालांकि अब बड़े नालों को कवर करने की प्लानिंग जरूर की जा रही है, लेकिन इस मानसून में इसका फायदा नहीं मिल पाएगा.

जयपुर. मानसून से पहले नगर निगम की ओर से नाला सफाई को लेकर जोनवार टेंडर किए गए हैं. ऐसा इसलिए ताकि नालों का कचरा और मलबा निकाल कर पानी की सुगम निकासी की जा सके, लेकिन लोगों के नालों में कचरा फेंकने से समस्या बढ़ गई है. इस समस्या का हल निकालने के लिए अब शहर के नालों को कवर कर पार्किंग, ग्रीन बेल्ट या फिर कमर्शियल डेवलपमेंट करने का प्लान बनाया जा रहा है.

बीते साल जयपुर के सी-स्कीम में अशोक मार्ग पर बनी हाईड्रोलिक मल्टी स्टोरी पार्किंग प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. जहां 400 चौपहिया वाहन पार्क करने की व्यवस्था है. ये हाईड्रोलिक पार्किंग अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट है, जो नाले पर बनाया गया है. इसके बाद से इस नाले में पानी का प्रवाह भी पहले से बेहतर हो गया जिसका बड़ा कारण है कि नाले में कचरा इकट्ठा नहीं होता. यही वजह है कि अब शहर के कई बड़े नालों को इसी तर्ज पर विकसित करने का प्लान बनाया जा रहा है.

हाईड्रोलिक पार्किंग प्रोजेक्ट से कवर होंगे नाले

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इस संबंध में हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर और स्मार्ट सिटी सीईओ अवधेश मीणा ने बताया कि शहर के बड़े नालों को कवर कर वहां पार्किंग, ग्रीन बेल्ट या कमर्शियल डेवलपमेंट करने के लिए कई बार आम जनता और जनप्रतिनिधियों की डिमांड आई है. इस संबंध में लागत और मॉडल का मूल्यांकन किया जा रहा है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल महल के नजदीक नाले को कवर करने का प्रोजेक्ट लाने की तैयारी की जा रही है जिसकी डीपीआर पर काम शुरू कर दिया गया है.

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उन्होंने दावा किया कि लगभग सभी नालों की सफाई एक बार हो चुकी है. जैसे-जैसे बारिश आ रही है नालों में और कचरा इकट्ठा हो रहा है. उसकी भी नियमित सफाई की जा रही है. इसके अलावा जो शहर में चेक पॉइंट हैं जहां बार-बार पानी भरता है, उनका समाधान करने की कोशिश की जा रही है.

बहरहाल राजधानी में नालों की सफाई नहीं होने से आलम ये है कि बारिश में नालों का पानी सड़कों पर इकट्ठा हो जाता है और निगम ने बड़े नालों की सफाई का टेंडर ही नहीं किया. हालांकि अब बड़े नालों को कवर करने की प्लानिंग जरूर की जा रही है, लेकिन इस मानसून में इसका फायदा नहीं मिल पाएगा.

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