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जयपुर : आलोक त्रिपाठी डीजी ACB के पद से सेवानिवृत्त - Rajasthan ACB

डॉ. आलोक त्रिपाठी बुधवार को सवा चार साल के कार्यकाल के बाद डीजी एसीबी के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. त्रिपाठी बीजेपी सरकार और गहलोत सरकार के राज के दौरान डीजी एसीबी के पद पर कार्यरत रहे. इस दौरान राजस्थान एसीबी द्वारा अनेक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

Dr. Alok Tripathi retired, डॉ. आलोक त्रिपाठी सेवानिवृत्त
डॉ. आलोक त्रिपाठी डीजी के पद से सेवानिवृत्त
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Published : Sep 30, 2020, 2:53 PM IST

जयपुर. सवा चार साल के कार्यकाल के बाद बुधवार को डॉ. आलोक त्रिपाठी डीजी एसीबी के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. डॉ.आलोक त्रिपाठी बीजेपी सरकार और गहलोत सरकार के राज के दौरान डीजी एसीबी के पद पर कार्यरत रहे. इस दौरान राजस्थान एसीबी द्वारा अनेक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

डॉ. आलोक त्रिपाठी डीजी के पद से सेवानिवृत्त

इसके साथ ही उनके द्वारा राजस्थान की जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए और अपनी पीड़ा बयां करने के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 की शुरुआत की गई. जिस पर हजारों की संख्या में लोगों ने भ्रष्टाचार की सूचनाएं एसीबी को दी.

पढ़ें- जोधपुर : मंदबुद्धि बता पति ने मुंडन कर पत्नी को घर से निकाला...महिला थाने में मामला दर्ज

डीजी एसीबी के पद से सेवानिवृत्त होने से पूर्व डॉ.आलोक त्रिपाठी ने मीडिया से रूबरू होते हुए अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गृह विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला. जिसके चलते राजस्थान एसीबी की टीम द्वारा बेहतरीन कार्य करते हुए ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इसके साथ ही राजस्थान एसीबी द्वारा लगातार रिश्वतखोरों के खिलाफ की गई. कार्रवाई के चलते जनता का एसीबी के प्रति विश्वास बढ़ा और जनता से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई. जिस पर एसीबी टीम द्वारा कार्रवाई की गई.

भ्रष्टाचार निवारण के लिए हेल्पलाइन की गई शुरू

डॉ.आलोक त्रिपाठी ने बताया कि आमजन को एसीबी के साथ जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के निर्देश दिए गए. जिस पर भ्रष्टाचार निवारण के लिए हेल्पलाइन 1064 की शुरुआत की गई. हेल्पलाइन की शुरुआती तीन से चार महीनों में 1000 से अधिक लोग फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं.

इसके साथ ही शिकायतकर्ता के अनुरोध पर उसके नाम को भी एसीबी द्वारा गोपनीय रखा जाता है. हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई अनेक शिकायतों पर एसीबी द्वारा कार्रवाई की गई है और लगभग ट्रैप की 25 कार्रवाई को शिकायत के आधार पर अंजाम दिया गया. इसके साथ ही हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई कुछ अन्य शिकायतों पर अभी एसीबी की जांच चल रही है और आय से अधिक संपत्ति के भी अनेक प्रकरण शिकायत के आधार पर दर्ज किए जा चुके हैं.

पढ़ें- पंचतत्व में विलीन हुए स्पीकर ओम बिरला के पिता...राजेंद्र राठौड़ सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

रिटायरमेंट के बाद किताब लिखने का करेंगे प्रयास

डॉ.आलोक त्रिपाठी ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी की एक नई पारी शुरू होती है. जिसको लेकर उन्होंने कोई खास कार्य योजना अभी तक नहीं बनाई है. हालांकि एसीबी के कार्यकाल के दौरान उन्हें जो संस्मरण हुए हैं. उन्हें वह लेखबद्ध कर एक किताब के रूप में जनता के सामने लाने का प्रयास करेंगे. ऐसी बातें जो वह आज तक कह नहीं सके हैं. उसे किताब के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे. इसके साथ ही पुलिस सेवा के दौरान हुए अनुभवों पर सार्थक लेखन का पूरा प्रयास करेंगे.

जयपुर. सवा चार साल के कार्यकाल के बाद बुधवार को डॉ. आलोक त्रिपाठी डीजी एसीबी के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं. डॉ.आलोक त्रिपाठी बीजेपी सरकार और गहलोत सरकार के राज के दौरान डीजी एसीबी के पद पर कार्यरत रहे. इस दौरान राजस्थान एसीबी द्वारा अनेक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.

डॉ. आलोक त्रिपाठी डीजी के पद से सेवानिवृत्त

इसके साथ ही उनके द्वारा राजस्थान की जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए और अपनी पीड़ा बयां करने के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 की शुरुआत की गई. जिस पर हजारों की संख्या में लोगों ने भ्रष्टाचार की सूचनाएं एसीबी को दी.

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डीजी एसीबी के पद से सेवानिवृत्त होने से पूर्व डॉ.आलोक त्रिपाठी ने मीडिया से रूबरू होते हुए अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गृह विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिला. जिसके चलते राजस्थान एसीबी की टीम द्वारा बेहतरीन कार्य करते हुए ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इसके साथ ही राजस्थान एसीबी द्वारा लगातार रिश्वतखोरों के खिलाफ की गई. कार्रवाई के चलते जनता का एसीबी के प्रति विश्वास बढ़ा और जनता से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई. जिस पर एसीबी टीम द्वारा कार्रवाई की गई.

भ्रष्टाचार निवारण के लिए हेल्पलाइन की गई शुरू

डॉ.आलोक त्रिपाठी ने बताया कि आमजन को एसीबी के साथ जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर शुरू करने के निर्देश दिए गए. जिस पर भ्रष्टाचार निवारण के लिए हेल्पलाइन 1064 की शुरुआत की गई. हेल्पलाइन की शुरुआती तीन से चार महीनों में 1000 से अधिक लोग फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करा चुके हैं.

इसके साथ ही शिकायतकर्ता के अनुरोध पर उसके नाम को भी एसीबी द्वारा गोपनीय रखा जाता है. हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई अनेक शिकायतों पर एसीबी द्वारा कार्रवाई की गई है और लगभग ट्रैप की 25 कार्रवाई को शिकायत के आधार पर अंजाम दिया गया. इसके साथ ही हेल्पलाइन पर प्राप्त हुई कुछ अन्य शिकायतों पर अभी एसीबी की जांच चल रही है और आय से अधिक संपत्ति के भी अनेक प्रकरण शिकायत के आधार पर दर्ज किए जा चुके हैं.

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रिटायरमेंट के बाद किताब लिखने का करेंगे प्रयास

डॉ.आलोक त्रिपाठी ने बताया कि रिटायरमेंट के बाद जिंदगी की एक नई पारी शुरू होती है. जिसको लेकर उन्होंने कोई खास कार्य योजना अभी तक नहीं बनाई है. हालांकि एसीबी के कार्यकाल के दौरान उन्हें जो संस्मरण हुए हैं. उन्हें वह लेखबद्ध कर एक किताब के रूप में जनता के सामने लाने का प्रयास करेंगे. ऐसी बातें जो वह आज तक कह नहीं सके हैं. उसे किताब के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे. इसके साथ ही पुलिस सेवा के दौरान हुए अनुभवों पर सार्थक लेखन का पूरा प्रयास करेंगे.

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