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SPECIAL: मतदान सूची में दोहरे नामों को लेकर निर्वाचन विभाग की माथापच्ची जारी, ऐसे कर रही सत्यापन

राज्य निर्वाचन विभाग के सामने प्रदेश में दोहरे मतदाता की छंटनी को लेकर मशक्कत जारी है. निर्वाचन विभाग ने अब तक 96 हजार से अधिक दोहरे नाम को हटा दिया है, लेकिन अभी भी 7 हजार नामों का सत्यापन होना बाकी है.

Double voter becomes trouble,  State election commission
दोहरे मतदाता बने मुसीबत
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Published : Aug 25, 2020, 10:26 PM IST

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में अभी 3 साल से अधिक का समय बचा है. इस बीच राज्य निर्वाचन विभाग इस कोशिश में लगा है कि प्रदेश में कोई भी दोहरे मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं रहे. राज्य निर्वाचन विभाग के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 1,28,559 कुल दोहरे नामों की एंट्री सामने आई, जिसे सुधारने का कार्य निरंतर जारी है.

विभाग की मानें तो 96,919 मामलों को फोटो के जरिए सत्यापन कर दोहरे नाम से हटा दिया गया है. साथ ही 24,000 एंट्री का क्रॉस चेक के लिए अधीनस्थ कर्मचारियों के पास भेजा गया है. वहीं, 7000 नामों का सत्यापन होना बाकी है.

दोहरे मतदाता बने मुसीबत, देखें रिपोर्ट

पढ़ें- टारगेट से बहुत दूर गहलोत सरकार!... डेढ़ साल में नहीं दे पाई रोजगार, हर साल की थी 75 हजार नौकरी देने की घोषणा

दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची में लगातार अपडेशन संशोधन की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दोहरे मतदाताओं के नाम को लेकर काफी बवाल मचा था. इसके बाद राज्य निर्वाचन विभाग ने बड़े स्तर पर प्रदेश में मतदाता सूची अपडेशन का कार्य शुरू किया. इसके तहत 1,28,559 दोहरे नामों की एंट्री पाई गई.

Double voter becomes trouble,  State election commission
मतदान के दौरान की तस्वीर (फाइल)

हालांकि, राज्य निर्वाचन विभाग इन नामों को फर्जी नाम नहीं देने की बजाए दोहरे नाम की एंट्री का नाम दे रहा है. इसके साथ ही मतदाता के नाम जुड़वाने, हटाने और त्रुटि को ठीक करने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से सूची अपडेशन का कार्य निरंतर जारी रहता है. किसी भी मतदाता को अगर नाम जुड़वाना है, हटाना है या कोई संशोधन करवाना है वो कभी भी करवा सकता है. इसके लिए निर्वाचन विभाग की ओर से अलग-अलग तरह के फॉर्म दिए जाते हैं.

इस तरह से होता है मतदाता सूची अपडेशन का काम

फॉर्म 6

  • फॉर्म 6 नाम जोड़ने के लिए होता है.
  • इसके जरिए मतदाता अपना मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकता है.
  • फॉर्म 6 के जरिए अब तक 80,682 आवेदन आए हैं.

फॉर्म 7

  • फॉर्म 7 नाम हटाने के लिए होता है.
  • इसके जरिए मतदाता अपना नाम मतदाता सूची से हटवा सकता है.
  • फॉर्म 7 के जरिए अब तक 24,893 आवेदन आए हैं.

फॉर्म 8

  • फॉर्म 8 के जरिए नाम में संशोधन किया जा सकता है.
  • इसके जरिए मतदाता एक विधानसभा से दूसरी विधानसभा में जाता है तो वो अपने नाम को बदलवा सकता है.
  • फॉर्म 8 के जरिए अब तक 96,914 आवेदन आए हैं.

फॉर्म 8 A

  • फॉर्म 8 A के जरिए एक ही विधानसभा में मतदाता अपना एड्रेस चेंज करवा सकता है.
  • फॉर्म 8 A के जरिए अब तक 5 हजार से अधिक आवेदन आए हैं.
    Double voter becomes trouble,  State election commission
    वोट आईडी दिखाते वोटर्स (फाइल)

बता दें कि दोहरे मतदाता वो होते हैं जिनका नाम मतदात सूची में एक से ज्यादा जगह दर्ज हो. पिछले चुनाव में इन्हें फर्जी मतदाता के नाम से भी पुकारा गया, लेकिन बाद में निर्वाचन विभाग ने इसको लेकर आपत्ति की. विभाग ने इस पर कहा था कि ये वे मतदाता हैं, जिन्होंने अपना मकान बदल लिया या फिर शहर बदल लिया हो, इसलिए इन्हें दोहरे मतदाता कहेंगे.

पढ़ें- Special: अब लेटर बॉक्स की डिजिटल मॉनिटरिंग, लेटलतीफी पर लगेगी लगाम

ERONET (Centralized Software for Electoral Roll Management and Form Processing) के जरिए सतत अपडेशन कार्यक्रम में अब तक कुल 2,00,008 फॉर्म प्राप्त हुए. इनमें से 1,41,000 आवेदन को निस्तारित कर दिया गया है. जबकि 63 हजार आवेदन को निस्तारित होने के लिए बाकी है.

क्या है ERO नेट?

मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने और देश के सभी निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) को आपस में जोड़ने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने ERO नेट एप बनाया है. ERO नेट वेब आधारित एक एप है, जिसे आयोग ने मतदाताओं एवं मतदाता-सूची की पारदर्शिता के लिए तैयार किया है. एप द्वारा देश के सभी ERO आपस में जुड़ जाएंगे और कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए अपना पंजीकरण घर बैठे ऑनलाइन कर सकेगा. एप के माध्यम से पूरे साल किसी भी समय ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा.

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में अभी 3 साल से अधिक का समय बचा है. इस बीच राज्य निर्वाचन विभाग इस कोशिश में लगा है कि प्रदेश में कोई भी दोहरे मतदाता का नाम मतदाता सूची में नहीं रहे. राज्य निर्वाचन विभाग के ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में 1,28,559 कुल दोहरे नामों की एंट्री सामने आई, जिसे सुधारने का कार्य निरंतर जारी है.

विभाग की मानें तो 96,919 मामलों को फोटो के जरिए सत्यापन कर दोहरे नाम से हटा दिया गया है. साथ ही 24,000 एंट्री का क्रॉस चेक के लिए अधीनस्थ कर्मचारियों के पास भेजा गया है. वहीं, 7000 नामों का सत्यापन होना बाकी है.

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दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची में लगातार अपडेशन संशोधन की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में दोहरे मतदाताओं के नाम को लेकर काफी बवाल मचा था. इसके बाद राज्य निर्वाचन विभाग ने बड़े स्तर पर प्रदेश में मतदाता सूची अपडेशन का कार्य शुरू किया. इसके तहत 1,28,559 दोहरे नामों की एंट्री पाई गई.

Double voter becomes trouble,  State election commission
मतदान के दौरान की तस्वीर (फाइल)

हालांकि, राज्य निर्वाचन विभाग इन नामों को फर्जी नाम नहीं देने की बजाए दोहरे नाम की एंट्री का नाम दे रहा है. इसके साथ ही मतदाता के नाम जुड़वाने, हटाने और त्रुटि को ठीक करने के लिए निर्वाचन विभाग की ओर से सूची अपडेशन का कार्य निरंतर जारी रहता है. किसी भी मतदाता को अगर नाम जुड़वाना है, हटाना है या कोई संशोधन करवाना है वो कभी भी करवा सकता है. इसके लिए निर्वाचन विभाग की ओर से अलग-अलग तरह के फॉर्म दिए जाते हैं.

इस तरह से होता है मतदाता सूची अपडेशन का काम

फॉर्म 6

  • फॉर्म 6 नाम जोड़ने के लिए होता है.
  • इसके जरिए मतदाता अपना मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकता है.
  • फॉर्म 6 के जरिए अब तक 80,682 आवेदन आए हैं.

फॉर्म 7

  • फॉर्म 7 नाम हटाने के लिए होता है.
  • इसके जरिए मतदाता अपना नाम मतदाता सूची से हटवा सकता है.
  • फॉर्म 7 के जरिए अब तक 24,893 आवेदन आए हैं.

फॉर्म 8

  • फॉर्म 8 के जरिए नाम में संशोधन किया जा सकता है.
  • इसके जरिए मतदाता एक विधानसभा से दूसरी विधानसभा में जाता है तो वो अपने नाम को बदलवा सकता है.
  • फॉर्म 8 के जरिए अब तक 96,914 आवेदन आए हैं.

फॉर्म 8 A

  • फॉर्म 8 A के जरिए एक ही विधानसभा में मतदाता अपना एड्रेस चेंज करवा सकता है.
  • फॉर्म 8 A के जरिए अब तक 5 हजार से अधिक आवेदन आए हैं.
    Double voter becomes trouble,  State election commission
    वोट आईडी दिखाते वोटर्स (फाइल)

बता दें कि दोहरे मतदाता वो होते हैं जिनका नाम मतदात सूची में एक से ज्यादा जगह दर्ज हो. पिछले चुनाव में इन्हें फर्जी मतदाता के नाम से भी पुकारा गया, लेकिन बाद में निर्वाचन विभाग ने इसको लेकर आपत्ति की. विभाग ने इस पर कहा था कि ये वे मतदाता हैं, जिन्होंने अपना मकान बदल लिया या फिर शहर बदल लिया हो, इसलिए इन्हें दोहरे मतदाता कहेंगे.

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ERONET (Centralized Software for Electoral Roll Management and Form Processing) के जरिए सतत अपडेशन कार्यक्रम में अब तक कुल 2,00,008 फॉर्म प्राप्त हुए. इनमें से 1,41,000 आवेदन को निस्तारित कर दिया गया है. जबकि 63 हजार आवेदन को निस्तारित होने के लिए बाकी है.

क्या है ERO नेट?

मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने और देश के सभी निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) को आपस में जोड़ने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने ERO नेट एप बनाया है. ERO नेट वेब आधारित एक एप है, जिसे आयोग ने मतदाताओं एवं मतदाता-सूची की पारदर्शिता के लिए तैयार किया है. एप द्वारा देश के सभी ERO आपस में जुड़ जाएंगे और कोई भी व्यक्ति मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए अपना पंजीकरण घर बैठे ऑनलाइन कर सकेगा. एप के माध्यम से पूरे साल किसी भी समय ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा.

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