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Dotasra Controversial Statement : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई को बताया सत्ता का संघर्ष, भाजपा नेताओं का पलटवार

महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को (Maharana Pratap and Akbar Battle of Haldighati) सत्ता का संघर्ष बताकर एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नई बहस छेड़ दी है. डोटासरा के बयान पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है. प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने डोटासरा को मतिभ्रम होने की बात (Satish Poonia Targets Govind Dotasra) कही. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बार-बार कुंठित मानसिकता का परिचय देना डोटासरा की आदत में शुमार हो गया है.

BJP hits back at Dotasra
डोटासरा के महाराणा प्रताप-अकबर से जुड़े बयान पर भड़के पूनिया और राठौड़
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Published : Feb 17, 2022, 10:57 PM IST

Updated : Feb 18, 2022, 9:43 PM IST

जयपुर. महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को (Maharana Pratap and Akbar Battle of Haldighati) सत्ता का संघर्ष बताकर एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नई बहस छेड़ दी है. नागौर के दौरे पर कांग्रेस संगठन के कार्यक्रम के दौरान डोटासरा के इस बयान को लेकर अब बखेड़ा खड़ा होता हुआ नजर आने लगा है. उनके इस बयान के आते ही भाजपा नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिए हैं.

दरअसल, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को नागौर कांग्रेस के कार्यक्रम में कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को धार्मिक लड़ाई बताकर (Dotasra Controversial Statement on Maharana Pratap) पाठ्यक्रम में शामिल करवा रखा था, जबकि ये सत्ता का संघर्ष था. भाजपा हर चीज को हिन्दू-मुस्लिम के धार्मिक चश्मे से देखती है. पीसीसी चीफ डोटासरा के इस बयान के बाद अब भाजपा हमलावर हो गई है.

Dotasra Controversial Statement

पढ़ें : महाराणा प्रताप के चक्रव्यूह में फंसी थी अकबर की सेना, एक युद्ध में 3 पीढ़ियों की शहादत

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के महाराणा प्रताप-अकबर से जुड़े कथित विवादित बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है. पूनिया ने बयान को अमर्यादित बताते हुए डोटासरा को मतिभ्रम होने की बात कही तो राठौड़ ने बयान को महाराणा प्रताप के खिलाफ कुंठित मानसिकता करार (Rajendra Rathore reply to Dotasra) दिया. वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी उन्हें इतिहास पढ़ने की सीख दे दी है.

पढ़ें : महाराणा प्रताप से जुड़ा हल्दीघाटी का इतिहासः 'इंदिरा गांधी की यात्रा के दौरान ही लगाया गया था रक्ततलाई का शिलापट्ट'

पूनिया का पलटवार...
इस मामले में गुरुवार रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा कि (Satish Poonia targets Govind Dotasra) गोविंद सिंह डोटासरा को मतिभ्रम है. कांग्रेस को मुस्लिम वोटों का मोह छूट नहीं रहा. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का अकबर के साथ युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं, राष्ट्रवाद की लड़ाई थी. स्वाभिमान और देश की अस्मिता की रक्षा का संघर्ष था. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस अकबर को महान बताकर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का अपमान कर चुकी है.

पढ़ें: शिक्षकों से सीएम गहलोत ने मंच से पूछा- क्या तबादले के लिए देने पड़ते हैं पैसे, जवाब मिला 'हां'

वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में ट्वीट कर डोटासरा पर निशाना साधा. राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा कि गोविंद डोटासरा जी महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई (Maharana Pratap Controversy in Rajasthan) संप्रभुता, स्वतंत्रता और स्वाभिमान की लड़ाई थी, जो भारतीय संविधान के आदर्श हैं न कि सत्ता की लड़ाई. राजस्थान की आन, बान और शान के प्रतीक महाराणा प्रताप के खिलाफ बार-बार कुंठित मानसिकता का परिचय देना आपकी आदत में शुमार हो गया है.

कटारिया ने साधा निशाना- नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने डोटासरा के पूरे बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन पर जुबानी हमला किया. कटारिया ने कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री डोटासरा विद्वान व्यक्ति हैं. कटारिया ने कहा कि जिस तरह का गोविंद सिंह डोटासरा ने बयान दिया उनसे मैं यह जानना चाहता हूं कि महाराणा प्रताप कहां की सत्ता प्राप्त करने के लिए युद्ध किया. उन्होंने कहा कि प्रताप ने युद्ध किया तो स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए युद्ध किया. इसलिए अगर गोविंद सिंह डोटासरा इतिहास नहीं पढ़े हो तो दोबारा पढ़ लीजिए.

पढ़ें : महाराणा प्रताप और रानी पद्मावती की प्रतिमाएं अब दुबई की धरती पर यश व संघर्ष की गाथा बयां करेंगी

डोटासरा का नागौर दौरा और भाजपा पर निशाना... प्रदेश कांग्रेस कमेटी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा गुरुवार को नागौर जिले के दौरे पर रहे. डोटासरा के नागौर पहुंचने पर पूर्व उप जिला प्रमुख डॉ. सहदेव चौधरी के नेतृत्व मे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और नागौर जिला कांग्रेस कार्यालय में नवनिर्मित भवन की नींव का शिलान्यास किया गया. इसके बाद पीसीसी चीफ ने कांग्रेस के दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति में सिद्धांत और कल्चर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की गहलोत सरकार के द्वारा जो जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, उससे आमजन लाभान्वित हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का मान सम्मान होगा. इसके साथ ही इस मौके पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा व आरएसएस से जुड़े लोग योजनाबद तरीके से अब बेरोजगार युवाओं को गुमराह कर रहे हैं. रीट परीक्षा के नाम पर भाजपा युवाओं को गुमराह कर रही है.

पढ़ें : रीट पर रार : मेरे या मेरे परिवार की REET परीक्षा में सूई मात्र की भूमिका हो तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा : डोटासरा

उन्होंने कहा कि भाजपा को कोई और मुद्दा नहीं मिला, इसीलिए वह रीट परीक्षा के नाम पर प्रदेश की शांति वाली छवि को खराब करने में लगी हुई है. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में. उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में लोग थाने में जाकर मुकदमा दर्ज नहीं करा सकते थे. लेकिन आज थाने में नहीं तो एसपी के समक्ष भी सरकार ने यह व्यवस्था कर दी है कि कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. उन्होंने कहा कि भाजपा नो इशू को भी इशू बनाना चाहती है.

इस दौरान अलवर की घटना का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि ने कहा कि अलवर की घटना में रेप की बात साबित नहीं हुई थी, लेकिन उसके बावजूद भी भाजपा ने इस पूरे मामले में हल्ला मचाते हुए इस मुद्दे को भुनाने का पूरा प्रयास किया. SOG सही तरीके से पूरे मामलें की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म, राम मंदिर, गौ माता के नाम पर जनता को बांटने का काम कर रही है. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि चंदे में चोरी का काम भाजपा कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने 400 करोड़ रुपए का चंदा लिया और 100 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं.

पढ़ें : भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखा पत्र, मेवाड़ के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में जोड़ने की मांग की

अब वसुंधरा बोलीं- महाराणा प्रताप का अपमान करने पर माफी मांगे कांग्रेस तो पूनिया ने कहा- भारत में तो महाराणा प्रताप ही रहेंगे महान...
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हुए युद्ध को सत्ता के लिए संघर्ष बताए जाने के बाद भाजपा आक्रामक हो गई है. इस मामले पर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि अकबर के साथ महाराणा प्रताप का युद्ध सत्ता का संघर्ष नहीं, बल्कि राष्ट्र सुरक्षा का संघर्ष था. उन्होंने मेवाड़ के स्वाभिमान के लिए जंगलों में घास की रोटियां तक खाई. ऐसे पराक्रमी योद्धा के अपमान पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. राजे ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के संदेश को सिर्फ सत्ता की लड़ाई बता कर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमान के इतिहास को ललकारा है.

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, बल्कि वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए यह कांग्रेस की परंपरा रही है. पूनिया ने कहा कि इतिहास में जब इन्होंने पढ़ाया तो केवल विकृत इतिहास ही पढ़ाया, लेकिन इस देश में महाराणा प्रताप ही महान रहेंगे. पूनिया ने कहा कि जो बयान डोटासरा ने महाराणा प्रताप और अकबर के बीच संघर्ष को सत्ता का संघर्ष बता कर दिया है, यह पूरी दुनिया जानती है कि हल्दीघाटी संघर्ष का प्रतीक है और राष्ट्रवाद देश की अस्मिता और स्वाभिमान को बचाने के लिए लड़ा गया. मुगलों के खिलाफ इस संघर्ष का साक्षी इतिहास है. ऐसे में इस तरीके की टिप्पणी करना उनकी ओछी मानसिकता है. पूनिया ने कहा कि अब समय बदल गया है और पीढ़ी भी बदल गई है. इसलिए अब जो प्रमाणित इतिहास है, उसको बदला नहीं जा सकता.

डोटासरा ने महाराणा प्रताप के स्वर्णिम इतिहास को कलंकित करने का प्रयास किया: देननानी
अजमेर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान की निंदा करते हुए पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने पलटवार किया है. कांग्रेस का स्वभाव रहा है कि वह वीरों का अपमान करती आई है. देवनानी ने डोटासरा के अकबर और महाराणा प्रताप के बीच सत्ता के लिए संघर्ष के बयान को निंदनीय बताया है. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने महाराणा प्रताप के शौर्य और बलिदान का अपमान किया है.

देवनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी. सत्ता की भूख के लिए लड़ाई नहीं लड़ी थी. वह चाहते तो अकबर की अधीनता स्वीकार कर ऐशो आराम से जिंदगी जी सकते थे, लेकिन महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए अकबर से युद्ध किया. देवनानी ने कहा कि डोटासरा ने महाराणा प्रताप के स्वर्णिम इतिहास को कलंकित करने का प्रयास किया है.

डोटासरा पहले इतिहास को पढ़ें, फिर कुछ बोलें: सांसद दीया कुमारी

उदयपुर. राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी ने डोटासरा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया. सांसद ने लिखा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप मातृभूमि की आन, बान और शान के लिए सत्ता का सुख छोड़ वर्षों तक जंगल में घास की रोटी खाई, मगर मेवाड़ का स्वाभिमान झुकने नहीं दिया. लेकिन कांग्रेस के नेता जिस तरह का बयान दे रहे हैं वह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के संघर्ष को सत्ता की लड़ाई बता कर कांग्रेस नेता डोटासरा ने मेवाड़ के स्वाभिमान और इतिहास को ललकारा है. ऐसे में डोटासरा को कुछ कहने से पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए.

जयपुर. महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को (Maharana Pratap and Akbar Battle of Haldighati) सत्ता का संघर्ष बताकर एक बार फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नई बहस छेड़ दी है. नागौर के दौरे पर कांग्रेस संगठन के कार्यक्रम के दौरान डोटासरा के इस बयान को लेकर अब बखेड़ा खड़ा होता हुआ नजर आने लगा है. उनके इस बयान के आते ही भाजपा नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिए हैं.

दरअसल, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को नागौर कांग्रेस के कार्यक्रम में कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को धार्मिक लड़ाई बताकर (Dotasra Controversial Statement on Maharana Pratap) पाठ्यक्रम में शामिल करवा रखा था, जबकि ये सत्ता का संघर्ष था. भाजपा हर चीज को हिन्दू-मुस्लिम के धार्मिक चश्मे से देखती है. पीसीसी चीफ डोटासरा के इस बयान के बाद अब भाजपा हमलावर हो गई है.

Dotasra Controversial Statement

पढ़ें : महाराणा प्रताप के चक्रव्यूह में फंसी थी अकबर की सेना, एक युद्ध में 3 पीढ़ियों की शहादत

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के महाराणा प्रताप-अकबर से जुड़े कथित विवादित बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार किया है. पूनिया ने बयान को अमर्यादित बताते हुए डोटासरा को मतिभ्रम होने की बात कही तो राठौड़ ने बयान को महाराणा प्रताप के खिलाफ कुंठित मानसिकता करार (Rajendra Rathore reply to Dotasra) दिया. वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी उन्हें इतिहास पढ़ने की सीख दे दी है.

पढ़ें : महाराणा प्रताप से जुड़ा हल्दीघाटी का इतिहासः 'इंदिरा गांधी की यात्रा के दौरान ही लगाया गया था रक्ततलाई का शिलापट्ट'

पूनिया का पलटवार...
इस मामले में गुरुवार रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा कि (Satish Poonia targets Govind Dotasra) गोविंद सिंह डोटासरा को मतिभ्रम है. कांग्रेस को मुस्लिम वोटों का मोह छूट नहीं रहा. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का अकबर के साथ युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं, राष्ट्रवाद की लड़ाई थी. स्वाभिमान और देश की अस्मिता की रक्षा का संघर्ष था. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस अकबर को महान बताकर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का अपमान कर चुकी है.

पढ़ें: शिक्षकों से सीएम गहलोत ने मंच से पूछा- क्या तबादले के लिए देने पड़ते हैं पैसे, जवाब मिला 'हां'

वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने भी इस मामले में ट्वीट कर डोटासरा पर निशाना साधा. राठौड़ ने अपने ट्वीट में लिखा कि गोविंद डोटासरा जी महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई (Maharana Pratap Controversy in Rajasthan) संप्रभुता, स्वतंत्रता और स्वाभिमान की लड़ाई थी, जो भारतीय संविधान के आदर्श हैं न कि सत्ता की लड़ाई. राजस्थान की आन, बान और शान के प्रतीक महाराणा प्रताप के खिलाफ बार-बार कुंठित मानसिकता का परिचय देना आपकी आदत में शुमार हो गया है.

कटारिया ने साधा निशाना- नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने डोटासरा के पूरे बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उन पर जुबानी हमला किया. कटारिया ने कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री डोटासरा विद्वान व्यक्ति हैं. कटारिया ने कहा कि जिस तरह का गोविंद सिंह डोटासरा ने बयान दिया उनसे मैं यह जानना चाहता हूं कि महाराणा प्रताप कहां की सत्ता प्राप्त करने के लिए युद्ध किया. उन्होंने कहा कि प्रताप ने युद्ध किया तो स्वाभिमान और स्वतंत्रता के लिए युद्ध किया. इसलिए अगर गोविंद सिंह डोटासरा इतिहास नहीं पढ़े हो तो दोबारा पढ़ लीजिए.

पढ़ें : महाराणा प्रताप और रानी पद्मावती की प्रतिमाएं अब दुबई की धरती पर यश व संघर्ष की गाथा बयां करेंगी

डोटासरा का नागौर दौरा और भाजपा पर निशाना... प्रदेश कांग्रेस कमेटी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा गुरुवार को नागौर जिले के दौरे पर रहे. डोटासरा के नागौर पहुंचने पर पूर्व उप जिला प्रमुख डॉ. सहदेव चौधरी के नेतृत्व मे पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और नागौर जिला कांग्रेस कार्यालय में नवनिर्मित भवन की नींव का शिलान्यास किया गया. इसके बाद पीसीसी चीफ ने कांग्रेस के दो दिवसीय जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

इस मौके पर उन्होंने कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी की रीति-नीति में सिद्धांत और कल्चर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश की गहलोत सरकार के द्वारा जो जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, उससे आमजन लाभान्वित हो रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का मान सम्मान होगा. इसके साथ ही इस मौके पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा व आरएसएस से जुड़े लोग योजनाबद तरीके से अब बेरोजगार युवाओं को गुमराह कर रहे हैं. रीट परीक्षा के नाम पर भाजपा युवाओं को गुमराह कर रही है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा को कोई और मुद्दा नहीं मिला, इसीलिए वह रीट परीक्षा के नाम पर प्रदेश की शांति वाली छवि को खराब करने में लगी हुई है. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में. उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में लोग थाने में जाकर मुकदमा दर्ज नहीं करा सकते थे. लेकिन आज थाने में नहीं तो एसपी के समक्ष भी सरकार ने यह व्यवस्था कर दी है कि कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. उन्होंने कहा कि भाजपा नो इशू को भी इशू बनाना चाहती है.

इस दौरान अलवर की घटना का जिक्र करते हुए डोटासरा ने कहा कि ने कहा कि अलवर की घटना में रेप की बात साबित नहीं हुई थी, लेकिन उसके बावजूद भी भाजपा ने इस पूरे मामले में हल्ला मचाते हुए इस मुद्दे को भुनाने का पूरा प्रयास किया. SOG सही तरीके से पूरे मामलें की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा धर्म, राम मंदिर, गौ माता के नाम पर जनता को बांटने का काम कर रही है. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि चंदे में चोरी का काम भाजपा कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने 400 करोड़ रुपए का चंदा लिया और 100 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं.

पढ़ें : भाजपा सांसद ने मुख्यमंत्री गहलोत को लिखा पत्र, मेवाड़ के इतिहास को पाठ्य पुस्तकों में जोड़ने की मांग की

अब वसुंधरा बोलीं- महाराणा प्रताप का अपमान करने पर माफी मांगे कांग्रेस तो पूनिया ने कहा- भारत में तो महाराणा प्रताप ही रहेंगे महान...
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हुए युद्ध को सत्ता के लिए संघर्ष बताए जाने के बाद भाजपा आक्रामक हो गई है. इस मामले पर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि अकबर के साथ महाराणा प्रताप का युद्ध सत्ता का संघर्ष नहीं, बल्कि राष्ट्र सुरक्षा का संघर्ष था. उन्होंने मेवाड़ के स्वाभिमान के लिए जंगलों में घास की रोटियां तक खाई. ऐसे पराक्रमी योद्धा के अपमान पर कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. राजे ने अपने ट्वीट के जरिए कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के संदेश को सिर्फ सत्ता की लड़ाई बता कर कांग्रेस ने मेवाड़ के स्वाभिमान के इतिहास को ललकारा है.

वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, बल्कि वोट बैंक और तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए यह कांग्रेस की परंपरा रही है. पूनिया ने कहा कि इतिहास में जब इन्होंने पढ़ाया तो केवल विकृत इतिहास ही पढ़ाया, लेकिन इस देश में महाराणा प्रताप ही महान रहेंगे. पूनिया ने कहा कि जो बयान डोटासरा ने महाराणा प्रताप और अकबर के बीच संघर्ष को सत्ता का संघर्ष बता कर दिया है, यह पूरी दुनिया जानती है कि हल्दीघाटी संघर्ष का प्रतीक है और राष्ट्रवाद देश की अस्मिता और स्वाभिमान को बचाने के लिए लड़ा गया. मुगलों के खिलाफ इस संघर्ष का साक्षी इतिहास है. ऐसे में इस तरीके की टिप्पणी करना उनकी ओछी मानसिकता है. पूनिया ने कहा कि अब समय बदल गया है और पीढ़ी भी बदल गई है. इसलिए अब जो प्रमाणित इतिहास है, उसको बदला नहीं जा सकता.

डोटासरा ने महाराणा प्रताप के स्वर्णिम इतिहास को कलंकित करने का प्रयास किया: देननानी
अजमेर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान की निंदा करते हुए पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने पलटवार किया है. कांग्रेस का स्वभाव रहा है कि वह वीरों का अपमान करती आई है. देवनानी ने डोटासरा के अकबर और महाराणा प्रताप के बीच सत्ता के लिए संघर्ष के बयान को निंदनीय बताया है. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने महाराणा प्रताप के शौर्य और बलिदान का अपमान किया है.

देवनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी. सत्ता की भूख के लिए लड़ाई नहीं लड़ी थी. वह चाहते तो अकबर की अधीनता स्वीकार कर ऐशो आराम से जिंदगी जी सकते थे, लेकिन महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की स्वतंत्रता और स्वाभिमान के लिए अकबर से युद्ध किया. देवनानी ने कहा कि डोटासरा ने महाराणा प्रताप के स्वर्णिम इतिहास को कलंकित करने का प्रयास किया है.

डोटासरा पहले इतिहास को पढ़ें, फिर कुछ बोलें: सांसद दीया कुमारी

उदयपुर. राजसमंद से भाजपा सांसद दीया कुमारी ने डोटासरा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया. सांसद ने लिखा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप मातृभूमि की आन, बान और शान के लिए सत्ता का सुख छोड़ वर्षों तक जंगल में घास की रोटी खाई, मगर मेवाड़ का स्वाभिमान झुकने नहीं दिया. लेकिन कांग्रेस के नेता जिस तरह का बयान दे रहे हैं वह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के संघर्ष को सत्ता की लड़ाई बता कर कांग्रेस नेता डोटासरा ने मेवाड़ के स्वाभिमान और इतिहास को ललकारा है. ऐसे में डोटासरा को कुछ कहने से पहले इतिहास पढ़ लेना चाहिए.

Last Updated : Feb 18, 2022, 9:43 PM IST
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