जयपुर. राजस्थान में अब किसी भी आपराधिक मामले से जुड़े डीएनए टेस्ट को लेकर कानूनी कार्रवाई नहीं रुकेगी. क्योंकि अब फॉरेंसिक लैबोरेट्री के बाद प्रदेश के 3 मेडिकल कॉलेजों में डीएनए टेस्ट की सुविधा शुरू होने जा रही है.
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आमतौर पर डीएनए टेस्ट रेप, हत्या और पॉक्सो जैसे मामलों पर अधिक किया जाता है. लेकिन प्रदेश में डीएनए टेस्ट की सुविधा सिर्फ फॉरेंसिक लैबोरेट्री पर ही उपलब्ध हैं. ऐसे में कई बार डीएनए टेस्ट समय पर नहीं होने के चलते कानूनी कार्रवाई में काफी देरी हो जाती थी. जिसके बाद गृह विभाग के प्रस्ताव के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में डीएनए टेस्ट करने के लिए सैंद्धांति मंजूरी दे दी है.
मामले को लेकर चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि आमतौर पर आपराधिक मामलों को लेकर जो डीएनए टेस्ट फॉरेंसिक लैब में किए जाते थे उनकी पेंडेंसी लगातार बढ़ रही थी. इसके बाद गृह विभाग की ओर से एक प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा गया था. पहले चरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अलावा जोधपुर और उदयपुर में डीएनए टेस्ट शुरू किए जाएंगे.
वैभव गालरिया ने यह भी बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गृह विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पहले चरण में जिन तीन कॉलेजों में डीएनए टेस्ट शुरू किए जाएंगे, वहां काफी हद तक इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है. फिर भी कुछ अन्य उपकरणों की जरूरत होगी. जिसको देखते हुए प्रत्येक कॉलेज के हिसाब से चार-चार करोड़ का बजट मांगा गया है.