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जयपुर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाने वाले भवन मालिकों के खिलाफ होगी ये कार्रवाई, आदेश जारी

राजधानी जयपुर में जिन भवनों में मापदंडों के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है और वहां यह सिस्टम नहीं लगाया गया है, उन मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने पर होगी कार्रवाई
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Published : Jul 28, 2019, 4:46 PM IST

जयपुर. भवनों में मापदंडों के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने पर पहले नोटिस देने का काम स्थानीय निकाय को करना होगा. इसके साथ ही नोटिस देने के बाद भी यदि यह सिस्टम नहीं बनाया जाता है तो उन भवनों के मानचित्र को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जिला कलेक्टर ने आदेश दे दिया है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने पर होगी कार्रवाई

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि भवन उप विधियों में यदि मानक से अधिक स्थान पर मकान बनाया जाता है या निर्धारित मंजिलों से ज्यादा निर्माण किया जाता है तो वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जेडीए, नगर निगम द्वारा बनाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की जाए, क्योंकि जिन निजी भवनों के मानचित्र पास किये जाते हैं उसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शर्त भी होती है.

पढ़ें: जयपुर में हवाला कारोबार पर बड़ी कार्रवाई, 2 करोड़ जब्त...100 करोड़ से ज्यादा का मिला हिसाब

स्थानीय निकाय को यह निर्देश दिया गया है कि वे उन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करें, ताकि वाटर हार्वेस्टिंग की शर्त मैकेनिक शर्त नहीं रहे. उसका कड़ाई से पालन किया जाए, ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके. जिन भवनों के मालिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया है और बनाने के बाद उसे क्रियाशील नहीं किया है तो उन मकान मालिकों को नोटिस दिया जाए.

उन्होंने कहा कि नोटिस देने के बाद भी यदि भवन मालिक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाता है या क्रियाशील नहीं करता है तो स्थानीय निकाय भवन मालिक के खर्चे पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएगा और उसका पैसा मालिक से यूडी टैक्स या लीज मनी बकाया के रूप में वसूल करेगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि मानचित्र पारित करते समय कुछ शर्तें बताई जाती हैं और उन शर्तों के उल्लंघन करने पर स्थानीय निकाय नोटिस देकर मानचित्र रद्द कर सकती है.

जयपुर. भवनों में मापदंडों के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने पर पहले नोटिस देने का काम स्थानीय निकाय को करना होगा. इसके साथ ही नोटिस देने के बाद भी यदि यह सिस्टम नहीं बनाया जाता है तो उन भवनों के मानचित्र को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जिला कलेक्टर ने आदेश दे दिया है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने पर होगी कार्रवाई

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि भवन उप विधियों में यदि मानक से अधिक स्थान पर मकान बनाया जाता है या निर्धारित मंजिलों से ज्यादा निर्माण किया जाता है तो वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जेडीए, नगर निगम द्वारा बनाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की जाए, क्योंकि जिन निजी भवनों के मानचित्र पास किये जाते हैं उसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शर्त भी होती है.

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स्थानीय निकाय को यह निर्देश दिया गया है कि वे उन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करें, ताकि वाटर हार्वेस्टिंग की शर्त मैकेनिक शर्त नहीं रहे. उसका कड़ाई से पालन किया जाए, ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके. जिन भवनों के मालिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया है और बनाने के बाद उसे क्रियाशील नहीं किया है तो उन मकान मालिकों को नोटिस दिया जाए.

उन्होंने कहा कि नोटिस देने के बाद भी यदि भवन मालिक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाता है या क्रियाशील नहीं करता है तो स्थानीय निकाय भवन मालिक के खर्चे पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएगा और उसका पैसा मालिक से यूडी टैक्स या लीज मनी बकाया के रूप में वसूल करेगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि मानचित्र पारित करते समय कुछ शर्तें बताई जाती हैं और उन शर्तों के उल्लंघन करने पर स्थानीय निकाय नोटिस देकर मानचित्र रद्द कर सकती है.

Intro:जयपुर। जयपुर में जिन भवनों में मापदंडों के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है और वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है तो उन मालिको को नोटिस देने का काम स्थानीय निकाय को करना होगा साथ ही नोटिस देने के बाद भी यदि वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया जाता है तो उन भवनों के मानचित्र को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी इसके लिए जिला कलेक्टर ने आदेश दिया है।


Body:जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि भवन उप विधियों में यदि मानक से अधिक स्थान पर मकान बनाया जाता है या निर्धारित मंजिलों से ज्यादा निर्माण किया जाता है तो वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है। जिला कलेक्टर ने बताया कि जेडीए, नगर निगम द्वारा बनाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की जाए। साथ ही निजी भवनों के मानचित्र पास किये जाते हैं तो उसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शर्त भी होती है। स्थानीय निकाय को यह निर्देश दिया गया है कि वे उन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करें ताकि वाटर हार्वेस्टिंग की शर्त मैकेनिक शर्त नहीं रहे। उसका कड़ाई से पालन किया जाए ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके। जिन भवनों के मालिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया है और बनाने के बाद उसे क्रियाशील नहीं किया है तो उन मकान मालिकों को नोटिस दिया जाए।


Conclusion:नोटिस देने के बाद भी यदि भवन मालिक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाता है या क्रियाशील नहीं करता है तो स्थानीय निकाय भवन मालिक के खर्चे पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएगा और उसका पैसा मालिक से यूडी टैक्स या लीज मनी बकाया के रूप में वसूल करेगा।
जिला कलेक्टर जगदीप सिंह यादव ने बताया मानचित्र पारित करते समय कुछ शर्तें बताई जाती है और उन शर्तों के उल्लंघन करने पर स्थानीय निकाय नोटिस देकर मानचित्र रद्द किया जा सकता है।

बाईट जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव
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