जयपुर. भवनों में मापदंडों के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं होने पर पहले नोटिस देने का काम स्थानीय निकाय को करना होगा. इसके साथ ही नोटिस देने के बाद भी यदि यह सिस्टम नहीं बनाया जाता है तो उन भवनों के मानचित्र को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए जिला कलेक्टर ने आदेश दे दिया है.
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि भवन उप विधियों में यदि मानक से अधिक स्थान पर मकान बनाया जाता है या निर्धारित मंजिलों से ज्यादा निर्माण किया जाता है तो वहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि जेडीए, नगर निगम द्वारा बनाए गए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच की जाए, क्योंकि जिन निजी भवनों के मानचित्र पास किये जाते हैं उसमें वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की शर्त भी होती है.
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स्थानीय निकाय को यह निर्देश दिया गया है कि वे उन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जांच करें, ताकि वाटर हार्वेस्टिंग की शर्त मैकेनिक शर्त नहीं रहे. उसका कड़ाई से पालन किया जाए, ताकि बारिश के पानी को बचाया जा सके. जिन भवनों के मालिकों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया है और बनाने के बाद उसे क्रियाशील नहीं किया है तो उन मकान मालिकों को नोटिस दिया जाए.
उन्होंने कहा कि नोटिस देने के बाद भी यदि भवन मालिक वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाता है या क्रियाशील नहीं करता है तो स्थानीय निकाय भवन मालिक के खर्चे पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएगा और उसका पैसा मालिक से यूडी टैक्स या लीज मनी बकाया के रूप में वसूल करेगा. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने बताया कि मानचित्र पारित करते समय कुछ शर्तें बताई जाती हैं और उन शर्तों के उल्लंघन करने पर स्थानीय निकाय नोटिस देकर मानचित्र रद्द कर सकती है.