जयपुर. किसी भी राजकीय चिकित्सा संस्थान में वार्ड में भर्ती मरीज को मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना का लाभ उसके बेड पर ही मिलना चाहिए. भर्ती मरीज को अस्पताल के स्टाफ द्वारा ही योजना के तहत दवा लाकर दी जानी चाहिए. जांच सैंपल भी मरीज के परिजनों के साथ न भेजकर वार्ड बाॅय द्वारा ही संबंधित लैब में पहुंचाया जाए और रिपोर्ट भी उन्हीं के द्वारा लाकर दी जाए.
यह निर्देश जयपुर संभाग के जिलों में सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना सहित अन्य गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के सम्बन्ध में सोमवार को संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सम्पन्न हुई बैठक में दिए गए.
मरीज को सभी दवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश
संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना (एनएनडीवाई) के अंतर्गत कुल 750 दवाईयां उपलब्ध हैं, अतः अस्पताल में आने वाले प्रत्येक रोगी को सभी दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं. आरएमएससी द्वारा अनुपलब्ध दवाएं भी स्थानीय स्तर पर क्रय कर रोगियों को उपलब्ध करवाई जाएं. उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी रूप में दवाइयों का ऑफलाइन उपभोग नहीं किया जाए. वार्ड में भर्ती मरीज के सहायक को बाहर दवा लेने नहीं भेजा जाए. वे दवाईयां जो आवश्यक दवा सूची में सम्मिलित नहीं हैं, उन्हें परिसर में सहकारी उपभोक्ता भंडार अथवा जन औषधि योजना के माध्यम से ही कम कीमत पर उपलब्ध कराई जाए. हर मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, एसडीएच, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ओपीडी के बाद भी आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाए. काउण्टर को आवश्यकतानुसार 24 घंटे तक भी खुला रखा जा सकता है.
जांच और सैम्पलिंग का समय बढ़ाया
डाॅ. शर्मा ने मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना (एमएनजेवाई) के अंतर्गत निर्धारित सभी जांचें सुनिश्चित करने एवं सैम्पल लेने का समय 8 से 2 व 9 से 3 बजे तक बढाने के निर्देश दिए. साथ ही यथासंभव जांच रिपोर्ट उसी दिन ही ओपीडी समय में देना सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने ओपीडी समय में ही सैम्पल की जांच दो पारी में करते हुए सुबह आने वाले रोगियों को 11-12 बजे ही रिपोर्ट दिए जाने का सुझाव दिया. संभाग के हर एमसीएच, जिला अस्पताल, एसडीएच व 50 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी ओपीडी समय के बाद भी सीबीसी, बायोकेमिस्ट्री, एक्स-रे, ईसीजी जैसी आवश्यक जांचों की व्यवस्था रखने को कहा.
संभागीय आयुक्त ने बैठक में अस्पताल समय एवं निर्धारित ड्यूटी समय में नर्सिंग स्टाफ, चिकित्सकों सहित सम्पूर्ण हाॅस्पिटल स्टाफ की शत-प्रतिशत उपस्थिति, निर्धारित समय तक मरीजों का रजिस्ट्रेशन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण, सभी उपकरणों को कार्यक्षम रखने, नाॅन कोविड मरीजों की चिकित्सा सेवाएं प्रारम्भ करने एवं विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध कराए जाने, इनडोर भर्ती, सर्जरी, प्रोसेजर आदि पुनः प्रारम्भ करने सहित कई निर्देश दिए.
अस्पताल अधीक्षकों की सफाई की जिम्मेदारी
संभागीय आयुक्त ने निर्देशित किया कि अस्पतालों में साफ सफाई सुनिश्चित किए जाने का दायित्व सम्बन्धित कार्मिक के साथ नर्स ग्रेड प्रथम, यूनिट हेड एवं अस्पताल अधीक्षकों का रहेगा. उन्होंने आपातकालीन इमरजेंसी में वरिष्ठ चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने एवं आवश्यकता होने पर ही व प्राथमिक उपचार के बाद ही मरीज को उच्च केन्द्र रेफर किए जाने के निर्देश दिए. वीडियो कॉन्फ्रेंस में संभाग के सभी प्राचार्य, मेडिकल काॅलेज, अस्पताल अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अति. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, बीसीएमएचओ, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सीएचसी इन्चार्ज शामिल हुए.
इंद्रा रसोई में मरीजों-परिजनों को मिले सस्ता व शुद्ध भोजन
संभागीय आयुक्त ने सम्बन्धित मेडिकल काॅलेज प्राचार्य, अधीक्षकों व पीएमओ को अस्पताल परिसरों में इन्द्रा रसोई योजना शुरू करवाने के निर्देश दिए, ताकि 8 रुपये में मरीज व परिजनों को सस्ता व शुद्ध भोजन उपलब्ध हो सके. साथ ही मरीजों के साथ आए परिजनों के लिए छाया, पानी, स्वच्छ शौचालय, पार्किंग, ठहरने व बैठक व्यवस्था, सूचना संकेतक, सहायता केन्द्र की व्यवस्था के निर्देश दिए.