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हर महीने तय होगी जयपुर संभाग के जिलों और विभागों की रैंकिंग और ग्रेडिंग, कार्य निष्पादन के आधार पर सीकर जिला रहा अव्वल

जयपुर में संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने सतत विकास लक्ष्यों से सम्बद्ध 53 मूल्यांकन सूचकांकों के आधार पर संभाग के पांचों जिलों में जिला प्रशासन और प्रमुख विभागों के जिलेवार मासिक मूल्यांकन एवं रैंकिंग की नई व्यवस्था शुरू की है. इस मूल्यांकन में सीकर जिला अव्वल रहा है.

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जयपुर संभागीय आयुक्त ने मीटिंग की
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Published : Jan 31, 2021, 11:02 PM IST

जयपुर. संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने सतत विकास लक्ष्यों से सम्बद्ध कार्य मूल्यांकन सूचकांकों के आधार पर संभाग के पांचों जिलों में जिला प्रशासन और प्रमुख विभागों के जिलेवार मासिक मूल्यांकन एवं रैंकिंग की नई व्यवस्था शुरू की है. यह व्यवस्था लागू होने के बाद किये गए पहले मूल्यांकन में सीकर जिला अव्वल रहा है. दूसरा स्थान झुंझुनू और तीसरा स्थान अलवर जिले ने हासिल किया है.

समित शर्मा ने बताया कि यह सूचकांक राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं वाले 10 विभागों एवं क्षेत्रोंं से संबंधित हैं. रैंकिंग और ग्रेडिंग का आधार लक्ष्यों के विरुद्ध प्रति माह होने वाली उपलब्धि है. इससे लोगों के कार्यों के निस्तारण में तेजी आएगी. राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जा सकेगा एवं आमजन के कार्यों और शिकायतों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित हो सकेगा.

इस तरह मिलेगी ग्रेडिंग

संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि जिलों एवं विभागों के कार्य निष्पादन के आधार पर समीक्षा की इस अंक आधारित प्रणाली से जिलों एवं विभागों के कार्यों के विश्लेषण और क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि जिलों और विभागों का रिपोर्ट कार्ड हर महीने तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर उनकी रैंकिंग की जाएगी. 80 या अधिक अंक लाने वाले विभागों और जिलों को (A+) उत्कृष्ट, 70 से 79 के मध्य अंक पर बहुत अच्छा (A), 60 से 69 के बीच अंक लाने पर रैंकिंग अच्छा (B+) रहेगी. इसी प्रकार 50 से 59 के बीच अंक प्राप्त होने पर परफॉर्मेंस औसत (B) मानी जायेगी. उन्होंने बताया कि अगर किसी जिले या विभाग को 40 से कम अंक प्राप्त होते हैं तो यह परफॉर्मेंस असंतोषजनक (C) मानी जायेगी.

पढ़ें- एनसीसी निदेशालय राजस्थान ने ऑल इंडिया स्तर पर प्राप्त की छठवीं रैंक, पूजा राठौड़ बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पायलट

इन विभागों की सेवाएं होगी आधार

संभाग में शामिल जिलों और विभागों के कार्य निष्पादन मूल्यांकन आधारित श्रेणीकरण और रैंकिंग के लिए शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, राजस्व, श्रम विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, स्थानीय निकाय, आयोजना, राजस्थान संपर्क एवं ई-मित्र सेवाओं के क्षेत्र में विभागों और जिलों की परफॉर्मेंस को आधार बनाया गया है. इन सूचकांकों को मूलतः स्वस्थ प्रतियोगिता के साथ सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है जिसकी मॉनिटरिंग के लिए अनेक विभागों के सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, पोर्टल आदि से डाटा लिया गया है.

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में दर्ज होगी परफॉर्मेंस

संभागीय आयुक्त ने बताया कि रैंकिंग एवं ग्रेडिंग के आधार पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में भी टिप्पणी की जा सकेगी. इस व्यवस्था को अगले माह ब्लॉक स्तर पर भी लागू किया जायेगा और सूचकांकों की संख्या को बढ़ाया जायेगा.

जयपुर. संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने सतत विकास लक्ष्यों से सम्बद्ध कार्य मूल्यांकन सूचकांकों के आधार पर संभाग के पांचों जिलों में जिला प्रशासन और प्रमुख विभागों के जिलेवार मासिक मूल्यांकन एवं रैंकिंग की नई व्यवस्था शुरू की है. यह व्यवस्था लागू होने के बाद किये गए पहले मूल्यांकन में सीकर जिला अव्वल रहा है. दूसरा स्थान झुंझुनू और तीसरा स्थान अलवर जिले ने हासिल किया है.

समित शर्मा ने बताया कि यह सूचकांक राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं वाले 10 विभागों एवं क्षेत्रोंं से संबंधित हैं. रैंकिंग और ग्रेडिंग का आधार लक्ष्यों के विरुद्ध प्रति माह होने वाली उपलब्धि है. इससे लोगों के कार्यों के निस्तारण में तेजी आएगी. राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण किया जा सकेगा एवं आमजन के कार्यों और शिकायतों का समय पर निस्तारण सुनिश्चित हो सकेगा.

इस तरह मिलेगी ग्रेडिंग

संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा ने बताया कि जिलों एवं विभागों के कार्य निष्पादन के आधार पर समीक्षा की इस अंक आधारित प्रणाली से जिलों एवं विभागों के कार्यों के विश्लेषण और क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि जिलों और विभागों का रिपोर्ट कार्ड हर महीने तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर उनकी रैंकिंग की जाएगी. 80 या अधिक अंक लाने वाले विभागों और जिलों को (A+) उत्कृष्ट, 70 से 79 के मध्य अंक पर बहुत अच्छा (A), 60 से 69 के बीच अंक लाने पर रैंकिंग अच्छा (B+) रहेगी. इसी प्रकार 50 से 59 के बीच अंक प्राप्त होने पर परफॉर्मेंस औसत (B) मानी जायेगी. उन्होंने बताया कि अगर किसी जिले या विभाग को 40 से कम अंक प्राप्त होते हैं तो यह परफॉर्मेंस असंतोषजनक (C) मानी जायेगी.

पढ़ें- एनसीसी निदेशालय राजस्थान ने ऑल इंडिया स्तर पर प्राप्त की छठवीं रैंक, पूजा राठौड़ बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पायलट

इन विभागों की सेवाएं होगी आधार

संभाग में शामिल जिलों और विभागों के कार्य निष्पादन मूल्यांकन आधारित श्रेणीकरण और रैंकिंग के लिए शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, राजस्व, श्रम विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, स्थानीय निकाय, आयोजना, राजस्थान संपर्क एवं ई-मित्र सेवाओं के क्षेत्र में विभागों और जिलों की परफॉर्मेंस को आधार बनाया गया है. इन सूचकांकों को मूलतः स्वस्थ प्रतियोगिता के साथ सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है जिसकी मॉनिटरिंग के लिए अनेक विभागों के सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन, पोर्टल आदि से डाटा लिया गया है.

वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में दर्ज होगी परफॉर्मेंस

संभागीय आयुक्त ने बताया कि रैंकिंग एवं ग्रेडिंग के आधार पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में भी टिप्पणी की जा सकेगी. इस व्यवस्था को अगले माह ब्लॉक स्तर पर भी लागू किया जायेगा और सूचकांकों की संख्या को बढ़ाया जायेगा.

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