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गैस प्लांट में सुरक्षा मानकों अब होगी नियमित जांच, कलेक्टर ने दिए निर्देश

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Published : Feb 28, 2020, 1:14 PM IST

जयपुर में गैस सिलेंडरों के प्लांटों की नियमित रूप से जांच कराने व नियमित मॉनिटरिंग व्यवस्था व सुरक्षा मानकों का पालन करने का दिशा निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिया गया है साथ ही गैस कंपनी और जिला रसद अधिकारी के संग एक दल बनाकर जांच की कार्रवाई भी की जाएगी. वहीं, बैठक में जिला कलेक्टर ने कई दिशा निर्देश भी दिए.

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जिला रसद अधिकारी और गैस कंपनियों के संयुक्त दल अब करेंगे प्लांटों की जांच

जयपुर. शहर में गैस सिलेंडरों के प्लांटों की नियमित जांच कराने और नियमित मॉनिटरिंग व्यवस्था व सुरक्षा मानकों की पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश जिला कलेक्टर जोगाराम ने दिए हैं. इसके लिए गैस कंपनी और जिला रसद अधिकारी के संग दल बनाकर जांच की कार्रवाई की जाएगी. जिला कलेक्टर जोगाराम ने यह निर्देश गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में एलपीजी गैस कंपनी के कार्यों की मॉनिटरिंग व गैस सिलेंडर की सुरक्षा मानकों के संबंध में गैस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में दिए.

जिला रसद अधिकारी और गैस कंपनियों के संयुक्त दल अब करेंगे प्लांटों की जांच

उन्होंने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर्स व डिलीवरी मैन को व्यापक रूप से प्रशिक्षण दिया जाए साथ ही उपभोक्ता द्वारा आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए कस्टमर केयर व आपातकालीन नंबर 1906 का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए. वहीं जिला कलेक्टर जोगाराम ने खराब गुणवत्ता के सिलेंडर उपभोक्ताओं तक पहुंचने की स्थिति में सुधार के लिए गुणवत्ता जांच को और बेहतर करने के भी निर्देश दिए है, साथ ही कंपनियों से खराब सिलेंडर की रिपोर्ट भी देने को कहा है.

पढ़ें: स्पेशल स्टोरी: गरीब नवाज की दरगाह पर हर दर्द का है 'मरहम', 'रौशनी' के वक्त दुआओं के लिए उठते हैं हजारों हाथ

जिला कलेक्टर ने गैस कंपनी के विक्रय अधिकारी, फील्ड स्टाफ द्वारा स्वतंत्र रूप से प्रतिमाह आवश्यक रूप से अधिनियम के अंतर्गत 6ए इत्यादि के प्रकरण पेश करने और की गई कार्रवाई से अवगत कराने के निर्देश दिए. कंपनियों ने बताया कि अभी तक गैस एजेंसियों द्वारा 6ए का एक भी प्रकरण नहीं बनाया गया है और वहीं जिला कलेक्टर ने घरेलू गैस सिलेंडर के व्यवसायिक उपयोग की जांच करवाने के भी निर्देश दिए.

अवैध रूप से संचालित डंपिंग प्वाइंट की होगी जांच..
जिला कलेक्टर का कहना है कि सिलेंडर को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्टेबिलिटी के लिए आवश्यक सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो सके. बैठक में बताया गया कि गैस सिलेंडरों की सप्लाई सीधे प्लांट से डिस्ट्रीब्यूटर व डिस्ट्रीब्यूटर से उपभोक्ता को किए जाने का प्रावधान है,अन्य कोई डंपिंग प्वाइंट अधिकृत नहीं है.

डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा एक से अधिक डंपिंग प्वाइंट के माध्यम से गैस सिलेंडर उपभोक्ता को वितरण किया जाता है इस पर जिला कलेक्टर ने सभी गैस कंपनियों को निर्देशित किया कि अवैध रूप से संचालित डंपिंग प्वाइंट की जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए और की गई कार्रवाई से जिला प्रशासन को भी अवगत कराया जाए.

पढ़ें: उत्तर पश्चिम रेलवे की मोनिका ने सीनियर नेशनल वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

नुकसान की स्थिति में यह है बीमा का प्रावधान..
गैस कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि कंपनी द्वारा रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के लिए आईसीआईसीआई लोंबार्ड बीमा कंपनी का बीमा कराया जाता है. रजिस्टर्ड उपभोक्ता के निवास स्थान पर किसी भी तरह का हादसा होने पर रजिस्टर्ड उपभोक्ता की मौत होने की दशा में 6 लाख का भुगतान देय होता है.

इसी तरह से प्रत्येक घटना पर 50 लाख व घायलों के लिए 40 लाख ( प्रति घायल 2 लाख तक) का बीमा भी होता है. यह बीमा भी डिस्ट्रीब्यूटर को कराना होता है जिसकी जांच नियमित रूप से की जाती है. इस तरह तृतीय पक्ष के लिए 40 लाख रुपए का बीमा डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा कराया जाता है इस संबंध में कंपनी को निर्देशित किया गया है कि बीमा की सूचना आमजन तक पहुंचाने का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.

जयपुर. शहर में गैस सिलेंडरों के प्लांटों की नियमित जांच कराने और नियमित मॉनिटरिंग व्यवस्था व सुरक्षा मानकों की पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश जिला कलेक्टर जोगाराम ने दिए हैं. इसके लिए गैस कंपनी और जिला रसद अधिकारी के संग दल बनाकर जांच की कार्रवाई की जाएगी. जिला कलेक्टर जोगाराम ने यह निर्देश गुरुवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में एलपीजी गैस कंपनी के कार्यों की मॉनिटरिंग व गैस सिलेंडर की सुरक्षा मानकों के संबंध में गैस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में दिए.

जिला रसद अधिकारी और गैस कंपनियों के संयुक्त दल अब करेंगे प्लांटों की जांच

उन्होंने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर्स व डिलीवरी मैन को व्यापक रूप से प्रशिक्षण दिया जाए साथ ही उपभोक्ता द्वारा आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए कस्टमर केयर व आपातकालीन नंबर 1906 का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए. वहीं जिला कलेक्टर जोगाराम ने खराब गुणवत्ता के सिलेंडर उपभोक्ताओं तक पहुंचने की स्थिति में सुधार के लिए गुणवत्ता जांच को और बेहतर करने के भी निर्देश दिए है, साथ ही कंपनियों से खराब सिलेंडर की रिपोर्ट भी देने को कहा है.

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जिला कलेक्टर ने गैस कंपनी के विक्रय अधिकारी, फील्ड स्टाफ द्वारा स्वतंत्र रूप से प्रतिमाह आवश्यक रूप से अधिनियम के अंतर्गत 6ए इत्यादि के प्रकरण पेश करने और की गई कार्रवाई से अवगत कराने के निर्देश दिए. कंपनियों ने बताया कि अभी तक गैस एजेंसियों द्वारा 6ए का एक भी प्रकरण नहीं बनाया गया है और वहीं जिला कलेक्टर ने घरेलू गैस सिलेंडर के व्यवसायिक उपयोग की जांच करवाने के भी निर्देश दिए.

अवैध रूप से संचालित डंपिंग प्वाइंट की होगी जांच..
जिला कलेक्टर का कहना है कि सिलेंडर को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्टेबिलिटी के लिए आवश्यक सुविधा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो सके. बैठक में बताया गया कि गैस सिलेंडरों की सप्लाई सीधे प्लांट से डिस्ट्रीब्यूटर व डिस्ट्रीब्यूटर से उपभोक्ता को किए जाने का प्रावधान है,अन्य कोई डंपिंग प्वाइंट अधिकृत नहीं है.

डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा एक से अधिक डंपिंग प्वाइंट के माध्यम से गैस सिलेंडर उपभोक्ता को वितरण किया जाता है इस पर जिला कलेक्टर ने सभी गैस कंपनियों को निर्देशित किया कि अवैध रूप से संचालित डंपिंग प्वाइंट की जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए और की गई कार्रवाई से जिला प्रशासन को भी अवगत कराया जाए.

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नुकसान की स्थिति में यह है बीमा का प्रावधान..
गैस कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि कंपनी द्वारा रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के लिए आईसीआईसीआई लोंबार्ड बीमा कंपनी का बीमा कराया जाता है. रजिस्टर्ड उपभोक्ता के निवास स्थान पर किसी भी तरह का हादसा होने पर रजिस्टर्ड उपभोक्ता की मौत होने की दशा में 6 लाख का भुगतान देय होता है.

इसी तरह से प्रत्येक घटना पर 50 लाख व घायलों के लिए 40 लाख ( प्रति घायल 2 लाख तक) का बीमा भी होता है. यह बीमा भी डिस्ट्रीब्यूटर को कराना होता है जिसकी जांच नियमित रूप से की जाती है. इस तरह तृतीय पक्ष के लिए 40 लाख रुपए का बीमा डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा कराया जाता है इस संबंध में कंपनी को निर्देशित किया गया है कि बीमा की सूचना आमजन तक पहुंचाने का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.

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