जयपुर. शहर के विस्तार के साथ बाहरी बस्तियों और सड़कों पर अनेक मैरिज गार्डन बिना सक्षम अनुमति, बिना सुरक्षा उपायों और बिना भूमि परिवर्तन करवाए बना लिए गए हैं. पंजीकृत नहीं होने के कारण भी इनकी समुचित निगरानी नही हो पा रही है. फायर एनओसी, पार्किंग, साफ-सफाई आदि के संबंध में निगम क्षेत्र में निगम द्वारा कार्रवाई की जाती है, लेकिन बाहरी इलाकों में जेडीए क्षेत्र में इन पर कोई नियंत्रण नहीं है. ऐसे में अवैध मैरिज गार्डनों पर संबंधित तहसीलदार के माध्यम से जेडीए को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त करने, कचरा संग्रहण के लिए जिम्मेदार कंपनी को संसाधनों के आधार पर कार्यक्षेत्र देने और काम नहीं करने वाले खराब रिकॉर्ड वाले सबलेट संवेदकों को हटाने के निर्देश दिए. शहर में आवारा पशुओं की समस्या के लिए ठोस योजना प्रस्तुत करने को भी कहा. बैठक में जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शहर में पेयजल व्यवस्था से बिना जुड़े क्षेत्रों पानी के लिए नलकूप खोदे गए हैं. एयरपोर्ट व प्रताप नगर में पुराने नलकूपों के सुख जाने के कारण इस इलाके को बीसलपुर पाइपलाइन से जोड़ा जाना है.
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चिकित्सा विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि अब तक करीब 100 विद्यालयों में डेंगू के बारे में विद्यार्थियों शिक्षकों को जानकारी दी गई है. डेंगू का मामला सामने आते ही नगर निगम के सहयोग से फोगिंग कराई जा रही है. नवंबर में अब तक जयपुर में डेंगू के 1123 मामले सामने आए हैं. साथ ही फ़ूड सेफ्टी कानून के अंतर्गत लगातार कार्रवाई की जा रही है. यादव को निगम अधिकारियों ने बताया कि रूफटॉफ होटल्स, कोचिंग इंस्टीट्यूट आदि के संबंध में विभाग द्वारा बायलॉज बनाने की कवायद जारी है.
जेडीए क्षेत्र में 180 कोचिंग सेंटर 152 और 72 रूफटॉप होटल्स में से 71 को नोटिस जारी किए जा चुके हैं. यादव ने बताया कि सांभर झील क्षेत्र में अवैध नमक उत्पादन के लिए बिछाए गए विद्युत कनेक्शन को हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है. जिला कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को रात में 7 घंटे दी जा रही बिजली लगातार दी जाए और फीडर को सुचारु रखा जाए. विशेषकर सांभर में जोबनेर, चौमू में और खेजरोली को लेकर शिकायतें आ रही है.