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जयपुर: 1361 आवासीय योजनाओं में एक लाख से ज्यादा पट्टे वितरित करने का रास्ता साफ

गहलोत सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के जरिए निजी खातेदारी में बसी कॉलोनियों को राहत देने की तैयारी कर रही है. जयपुर विकास प्राधिकरण ने जेडीए की योजनाओं, गृह निर्माण सहकारी समिति, निजी खातेदारी की अनुमोदित योजनाओं में बचे हुए नियमन योग्य भूखंडों के पट्टे जारी करने का फैसला लिया है.

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Published : Aug 21, 2021, 11:07 AM IST

Jaipur Development Authority, Rajasthan News
जयपुर विकास प्राधिकरण

जयपुर. राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के जरिए निजी खातेदारी में बसी कॉलोनियों को राहत देने की तैयारी कर रही है. साथ ही जून 1999 से पहले बसी ऐसी कॉलोनियां जो मास्टर प्लान के अनुरूप बसी हुई है, उन्हें भी जेडीए पट्टे जारी करेगा.

पढ़ें- झोटवाड़ा एलिवेटेड के 18 हजार 600 वर्ग मीटर जमीन का रास्ता होने लगा साफ

जयपुर विकास प्राधिकरण ने जेडीए की योजनाओं, गृह निर्माण सहकारी समिति, निजी खातेदारी की अनुमोदित योजनाओं में बचे हुए नियमन योग्य भूखंडों के पट्टे जारी करने का फैसला लिया है. जेडीए प्रशासन शहरों के संग अभियान में एक लाख पट्टे देने की तैयारी कर चुका है. जिन प्रकरणों में दिक्कत आ रही है, उनको दूर करने और निस्तारण करने के लिए एंपावर्ड कमेटी में फैसला लिया जाएगा.

दरअसल, जेडीए की योजनाओं में 2 लाख 7 हजार 738 भूखंडों में से 1 लाख 23 हजार 874 भूखंडों का पट्टा देना बाकी है. इनके लिए विशेष शिविर आयोजित किया जाएगा. वहीं, निजी खातेदारी की जमीन पर बसी 1361 आवासीय योजनाओं को भी प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने की तैयारी की गई है. इन कॉलोनियों में 1 लाख 832 भूखंड है. साथ ही 17 जून 1999 से पहले बसी ऐसी कॉलोनियों को भी पट्टे दिए जाएंगे, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है लेकिन मास्टर प्लान के अनुरूप बची हुई है.

योजना प्रस्तावित संख्यापट्टों की संख्या
अनुमोदित खातेदारी 1036 50396
गैर अनुमोदित खातेदारी142 15819
गृह निर्माण सहकारी समिति99 26275

इसके साथ ही जेडीए अधिकारियों को पूर्व में स्वीकृत लेआउट प्लान में बचे हुए पट्टों की जानकारी तैयार करने, सुओमोटो आधार पर धारा 90 ए की कार्रवाई, सहकारी समितियों की बची हुई योजनाओं और जिनका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, मास्टर प्लान में अनुमोदित व्यवसायिक दुकानें/शोरूम के संबंध में, रियासतकाल में बसी योजनाओं में प्रभावितों के संबंध में, पूर्व में लगे शिविर तिथि से लिए जा रहे ब्याज पर छूट के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं.

जयपुर. राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान के जरिए निजी खातेदारी में बसी कॉलोनियों को राहत देने की तैयारी कर रही है. साथ ही जून 1999 से पहले बसी ऐसी कॉलोनियां जो मास्टर प्लान के अनुरूप बसी हुई है, उन्हें भी जेडीए पट्टे जारी करेगा.

पढ़ें- झोटवाड़ा एलिवेटेड के 18 हजार 600 वर्ग मीटर जमीन का रास्ता होने लगा साफ

जयपुर विकास प्राधिकरण ने जेडीए की योजनाओं, गृह निर्माण सहकारी समिति, निजी खातेदारी की अनुमोदित योजनाओं में बचे हुए नियमन योग्य भूखंडों के पट्टे जारी करने का फैसला लिया है. जेडीए प्रशासन शहरों के संग अभियान में एक लाख पट्टे देने की तैयारी कर चुका है. जिन प्रकरणों में दिक्कत आ रही है, उनको दूर करने और निस्तारण करने के लिए एंपावर्ड कमेटी में फैसला लिया जाएगा.

दरअसल, जेडीए की योजनाओं में 2 लाख 7 हजार 738 भूखंडों में से 1 लाख 23 हजार 874 भूखंडों का पट्टा देना बाकी है. इनके लिए विशेष शिविर आयोजित किया जाएगा. वहीं, निजी खातेदारी की जमीन पर बसी 1361 आवासीय योजनाओं को भी प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी करने की तैयारी की गई है. इन कॉलोनियों में 1 लाख 832 भूखंड है. साथ ही 17 जून 1999 से पहले बसी ऐसी कॉलोनियों को भी पट्टे दिए जाएंगे, जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है लेकिन मास्टर प्लान के अनुरूप बची हुई है.

योजना प्रस्तावित संख्यापट्टों की संख्या
अनुमोदित खातेदारी 1036 50396
गैर अनुमोदित खातेदारी142 15819
गृह निर्माण सहकारी समिति99 26275

इसके साथ ही जेडीए अधिकारियों को पूर्व में स्वीकृत लेआउट प्लान में बचे हुए पट्टों की जानकारी तैयार करने, सुओमोटो आधार पर धारा 90 ए की कार्रवाई, सहकारी समितियों की बची हुई योजनाओं और जिनका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है, मास्टर प्लान में अनुमोदित व्यवसायिक दुकानें/शोरूम के संबंध में, रियासतकाल में बसी योजनाओं में प्रभावितों के संबंध में, पूर्व में लगे शिविर तिथि से लिए जा रहे ब्याज पर छूट के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं.

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