जयपुर. जयपुर में घर-घर सफाई व्यवस्था फेल हो गई है. भुगतान बकाया होने के कारण बीवीजी कंपनी कचरा नहीं उठा रही है. इस मामले को लेकर ग्रेटर निगम मुख्यालय पर बैठक हुई. लेकिन बैठक में निपटारा होने के बजाए विवाद हो गया.
ग्रेटर नगर निगम आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह ने पार्षदों पर हाथापाई करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने की बात कही. वहीं महापौर ने इसे कमिश्नर की सस्ती लोकप्रियता हासिल करने वाला स्टंट बता दिया. उधर इस प्रकरण के बाद सफाई कर्मचारियों ने कमिश्नर के पक्ष में शनिवार को सामूहिक हड़ताल पर रहने की घोषणा की है.
विवाद निपटाने के लिए बैठक हुई और...
राजधानी में बीवीजी कंपनी और नगर निगम प्रशासन के बीच भुगतान को लेकर चल रहे विवाद से शहर की सफाई व्यवस्था कचरा हो गई. जब इस विवाद को निपटाने के लिये निगम मुख्यालय पर बैठक आयोजित की गई, तो वहां पर मर्यादाएं भी कचरा हो गई. निगम में महापौर और आयुक्त हमेशा से दो ध्रुव रहे हैं, जिसका ताजा उदाहरण ग्रेटर निगम बोर्ड के पहले साल में ही देखने को मिल गया.
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1500 टन कचरा नहीं उठा
दरअसल, बीवीजी कंपनी के कर्मचारियों की हड़ताल से शहर में एक ही दिन में करीब 1500 टन कचरा नहीं उठा. हूपर बंद रहे, डोर टू डोर कचरा संग्रहण हो नहीं पाया. ऐसे में महापौर ने इस व्यवस्था के लिए दूसरे विकल्प को लेकर बैठक बुलाई. लेकिन इस बैठक में आयुक्त सहमत नहीं हुए. आयुक्त ने आरोप लगाया कि बीजेपी के पार्षदों ने उन्हें पकड़ कर रोका और विरोध करने पर उनके साथ हाथापाई भी की. उन्होंने बताया कि महापौर ने बीवीजी कंपनी के भुगतान की पत्रावली पर वार्ता के लिए कक्ष में बुलाया. जब वहां पहुंचे तो बीजेपी के 10 पार्षद पहले से वहां मौजूद थे. जिन्होंने उन पर दबाव बनाया कि पत्रावली पर वैकल्पिक व्यवस्था के आदेश आज की तारीख में जारी करें. जबकि बीवीजी कंपनी पर उच्च न्यायालय ने 8 सप्ताह तक कोई भी कार्रवाई नहीं किए जाने का निर्देश दिया हुआ है.
पार्षदों पर पिटाई करने के आरोप
उन्होंने कहा कि चूंकि 3:45 बजे उन्हें कलेक्ट्रेट में कोरोना कंट्रोल की बैठक में जाना था. उस का हवाला देते हुए जब जगह छोड़ी तो एक पार्षद ने गेट पर पैर लगाकर रास्ता बंद कर दिया, और तीन पार्षदों ने उनके साथ मारपीट की. असभ्य भाषा का भी प्रयोग किया. इस संबंध में अब पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी.
उन्होंने कहा कि वहां मौजूद व्यक्तिगत होमगार्डों ने उनके सपोर्टिंग स्टाफ को भी अंदर आने से रोका. उन्होंने इसे एक सोची-समझी गुंडागर्दी और दबाओ बनाने की राजनीति बताया. वहीं उन्होंने कहा कि बीवीजी कंपनी काम नहीं कर रही, इस संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई है, वहीं से अंतिम फैसला लिया जाएगा.
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महापौर का आरोप- सस्ती लोकप्रियता का स्टंट
उधर, महापौर ने बैठक के दौरान किसी भी तरह की गरमा-गरमी होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए, इसे कमिश्नर की सस्ती लोकप्रियता का स्टंट बताया. उन्होंने कहा कि कमिश्नर खुद को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं. कचरा सड़कों पर पड़ा है, और कमिश्नर साहब की काम करने की नियत नहीं. कंपनी हड़ताल पर है, और वैकल्पिक व्यवस्था कमिश्नर साहब कर नहीं पा रहे. वहीं उन्होंने होमगार्डों पर की जा रही कार्रवाई को जघन्य अपराध बताते हुए इस संबंध में कारण जानने के लिए नोटिस भेजने की बात कही.
इस प्रकरण के बाद निगम के सफाई कर्मचारियों ने कमिश्नर के पक्ष में उतर कर मेयर की गाड़ी को रोकने का प्रयास भी किया. बीजेपी पार्षदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही कमिश्नर के साथ हुई हाथापाई के विरोध में कर्मचारियों ने शनिवार को ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में सामूहिक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया.
ऐसे में ये बात तो है कि जहां पहले ही बीवीजी कंपनी के हड़ताल पर होने से शहर की सफाई व्यवस्था बिगड़ी हुई है. वहीं इस विवाद के बाद सफाई कर्मचारियों के भी सामूहिक हड़ताल पर जाने से शहर की सफाई व्यवस्था का बट्टा बैठना तय है.