जयपुर. प्रदेश में विपक्ष में बैठी भाजपा में इन दिनों कई नेताओं की घर वापसी के चर्चे सुर्खियों में हैं. इस बीच एक दिग्गज जाट नेता की भी प्रदेश भाजपा में वापसी की चर्चा अब जोर पकड़ने लगी है. हम बात कर रहे हैं आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल को पूर्व में विधानसभा चुनाव हरा चुकी पूर्व पर्यटन मंत्री उषा पूनिया की, जो पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान अपने पति विजय पूनिया के साथ कांग्रेस का दामन थाम चुकी थीं.
राजे बन सकती हैं माध्यम...
उषा पुनिया ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके सरकारी निवास में पहुंच कर मुलाकात की थीं. जिसके बाद सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा आम हो चुकी है कि वसुंधरा राजे के माध्यम से पार्टी में उषा पूनिया की वापसी हो सकती है.
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ऐसे भी प्रदेश भाजपा में पिछले दिनों कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी की घर वापसी की चर्चाएं आम हैं. जबकि तिवाड़ी वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते हैं. ऐसी स्थिति में वसुंधरा से उषा पूनिया की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
यदि उषा पूनिया का नाम 'घर वापसी' के लिए आगे किया जाता है, तो राजे अपने घोर विरोधी हनुमान बेनीवाल के खिलाफ भाजपा में उनकी पुरानी विरोधी उषा पूनिया और विजय पूनिया को खड़ा कर सकेंगी. क्योंकि उषा ने पूर्व में विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल को शिकस्त दी थी.
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हालांकि, हनुमान बेनीवाल बीजेपी में नहीं हैं, लेकिन आरएलपी भाजपा की ही सहयोगी पार्टी है. बावजूद इसके, बेनीवाल लगातार वसुंधरा राजे के खिलाफ जहर उगलते आ रहे हैं. ऐसे में प्रदेश भाजपा नेताओं का एक खेमा घनश्याम तिवाड़ी की वापसी को लेकर जोर लगाता है, तो काउंटर में वसुंधरा राजे उषा पूनिया का नाम भी आगे करेंगी, ताकि पार्टी में उषा पूनिया की वापसी हो सके.
सुरेंद्र गोयल भी कर चुके हैं राजे से मुलाकात...
इससे पहले कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व मंत्री सुरेंद्र गोयल ने भी पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे से उनके निवास में जाकर मुलाकात की थी. तभी इस बात के चर्चे थे कि क्या सुरेंद्र गोयल वापस भाजपा में आ सकते हैं. हालांकि, सुरेंद्र गोयल और घनश्याम तिवाड़ी कांग्रेस में जरूर गए, लेकिन कांग्रेस के कार्यक्रमों में कभी नजर नहीं आए.