जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को शिक्षा लोक कला संस्कृति विभाग की अनुदान मांगों पर सदन में बहस चल रही थी. इस बहस में शामिल होते हुए पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और भाजपा की मौजूदा विधायक किरण माहेश्वरी ने सरकार पर उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर फोकस करने की वजह विश्वविद्यालयों में कुलपति बदलने पर फोकस करने का आरोप लगाया. माहेश्वरी अपने संबोधन में गहलोत सरकार के जन घोषणा पत्र में शामिल शिक्षा से जुड़े उन बिंदुओं को भी सदन में गिनाया. जिस पर अब तक कोई काम नहीं किया गया.
गरीब सवर्ण समाज को नहीं मिल रहा आरक्षण का फायदा: माहेश्वरी
लेखानुदान की मांगों पर जारी बहस पर बोलते हुए किरण माहेश्वरी ने कहा कि केंद्र ने शैक्षणिक संस्थानों में भी गरीब स्वर्ण समाज के छात्रों के लिए सीटें बढ़ाने का प्रावधान किया. ताकि उन्हें आरक्षण का फायदा मिल सकें. राजस्थान में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय करीब 25 फीसदी तक सीटें बढ़ा दी गई. लेकिन, राजस्थान सरकार के विश्वविद्यालयों में अब तक ऐसा नहीं हुआ. माहेश्वरी का कहना था कि जब सीटे बढ़ेगी नहीं तो गरीब स्वर्ण समाज के छात्रों को आरक्षण का लाभ आखिर कैसे मिलेगा.
कुलपति बदलने के लिए सरकार ला रही कानून: माहेश्वरी
किरण माहेश्वरी ने कहा कि सरकार का ध्यान उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर नहीं है बल्कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को बदलने में है. यहीं कारण है कि प्रदेश के 11 विश्वविद्यालय ऐसे हैं. जहां अब तक स्थाई कुलपति नहीं है. माहेश्वरी ने सदन में उन विश्वविद्यालयों के नाम भी गिनाए. जहां अब तक स्थाई कुलपति नहीं है. माहेश्वरी ने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान विश्वविद्यालय में तैनात कुलपतियों को बदलने में है. जो पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में लगाए गए थे. महेश्वरी ने कहा कि इसके लिए सरकार जल्द ही कानून भी लाने जा रही है. लेकिन शिक्षा में राजनीति नहीं करना चाहिए.