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केंद्र सरकार अमीरों के लिए ला रही सभी योजनाएं : भरत सिंह

प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून का लगातार विरोध किया जा रहा है. वहीं, सोमवार को कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल देश के गरीबों को लेकर सोच रखते थे, लेकिन आज सोच ये है कि जो भी योजना लाई जा रही है वो देश के अमीर आदमी को सोच कर लाई जा रही है.

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कृषि कानून में संशोधन को लेकर की गई चर्चा
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Published : Nov 2, 2020, 5:59 PM IST

जयपुर. राजस्थान में सोमवार को कृषि कानूनों के संशोधन पर चर्चा हो रही है. इस चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो गुजरात के दो लोग फ्रंट में थे, एक महात्मा गांधी और दूसरे सरदार पटेल.

कृषि कानून में संशोधन को लेकर की गई चर्चा

आज भी देश में दो गुजरात के लोग फ्रंट में हैं, एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे गृह मंत्री अमित शाह. महात्मा गांधी और सरदार पटेल देश के गरीबों को लेकर सोच रखते थे, लेकिन आज सोच ये है कि जो भी योजना लाई जा रही है वो देश के अमीर आदमी को सोच कर लाई जा रही है.

आज सोच ये है कि अमीर आदमी का फायदा जिसमें हो रहा है वही योजना लाई जा रही है. इसी रास्ते पर हमारा देश चल रहा है. नोटबंदी हुई थी तो प्रधानमंत्री ने कहा कि अमीर रोएगा और गरीब हंसेगा, लेकिन हुआ उल्टा. गरीब रोड पर चला और लाइन में खड़ा-खड़ा मरा और जब लॉकडाउन हुआ उस समय जैसे पाकिस्तान अलग हुआ था तो लोग पैदल चले थे उसी तरीके से पैदल चला, क्योंकि गांधी के मंत्र को हम भूल गए.

पढ़ें- मंत्री चांदना ने गुर्जरों के दो धड़ों में बंटे होने से किया इनकार, कहा- सारी मांगें मानी अब कुछ नहीं बचा

अब फिर हम गरीब आदमी की बात नहीं कर रहे अमीर आदमी की सोच रहे हैं. राजस्थान के कानून से गरीब आदमी और किसान का फायदा होगा. प्रधानमंत्री ने हाल ही में सरदार पटेल की मूर्ति को नमन किया, वह तो मूर्ति थी अगर सरदार पटेल होते तो वह ठोकर मार देते. भरत सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी सूट-बूट में वकालत करने गए थे वो लंगोटी में आ गए. यहां तो लंगोटी जो पहनते हैं वह सूट-बूट में राजनीति कर रहे हैं और देश महात्मा गांधी के रास्ते से भटक रहा है.

जयपुर. राजस्थान में सोमवार को कृषि कानूनों के संशोधन पर चर्चा हो रही है. इस चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के विधायक भरत सिंह ने कहा कि 1947 में जब देश आजाद हुआ तो गुजरात के दो लोग फ्रंट में थे, एक महात्मा गांधी और दूसरे सरदार पटेल.

कृषि कानून में संशोधन को लेकर की गई चर्चा

आज भी देश में दो गुजरात के लोग फ्रंट में हैं, एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे गृह मंत्री अमित शाह. महात्मा गांधी और सरदार पटेल देश के गरीबों को लेकर सोच रखते थे, लेकिन आज सोच ये है कि जो भी योजना लाई जा रही है वो देश के अमीर आदमी को सोच कर लाई जा रही है.

आज सोच ये है कि अमीर आदमी का फायदा जिसमें हो रहा है वही योजना लाई जा रही है. इसी रास्ते पर हमारा देश चल रहा है. नोटबंदी हुई थी तो प्रधानमंत्री ने कहा कि अमीर रोएगा और गरीब हंसेगा, लेकिन हुआ उल्टा. गरीब रोड पर चला और लाइन में खड़ा-खड़ा मरा और जब लॉकडाउन हुआ उस समय जैसे पाकिस्तान अलग हुआ था तो लोग पैदल चले थे उसी तरीके से पैदल चला, क्योंकि गांधी के मंत्र को हम भूल गए.

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अब फिर हम गरीब आदमी की बात नहीं कर रहे अमीर आदमी की सोच रहे हैं. राजस्थान के कानून से गरीब आदमी और किसान का फायदा होगा. प्रधानमंत्री ने हाल ही में सरदार पटेल की मूर्ति को नमन किया, वह तो मूर्ति थी अगर सरदार पटेल होते तो वह ठोकर मार देते. भरत सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी सूट-बूट में वकालत करने गए थे वो लंगोटी में आ गए. यहां तो लंगोटी जो पहनते हैं वह सूट-बूट में राजनीति कर रहे हैं और देश महात्मा गांधी के रास्ते से भटक रहा है.

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