जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022-23 के बजट के जरिये सीएम गहलोत ने हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ घोषणा कर यह साफ कर दिया कि अब वे चुनावी मोड में आ चुके हैं. मिशन 2023 को ध्यान में रखते हुए इन घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए (Directions released to departments for implementation of budget announcements) हैं.
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने 2022-23 की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन को लेकर विभागों को निर्देश जारी किये हैं. आदेश में साफ कहा गया है कि जिस घोषणा में वित्तीय राशि की मंजूरी लेनी जरूरी नहीं है, उनमें प्रशासनिक विभाग बिना देरी के तुरंत आदेश करेगा. इसके साथ जिन घोषणाओं में वित्तीय राशि की मंजूरी नहीं लेनी हो और वित्त विभाग/डीओपी की सहमति जरूरी हो, ऐसे मुद्दों को जल्दी से जल्दी फाइल पर भेजने के निर्देश दिए हैं. आदेश में यह भी कहा गया है कि घोषणाओं को पूरा करने के लिए फाइल भेजी जाए, उसकी एक-एक कॉपी मुख्यमंत्री कार्यालय में भी भेजें.
पढ़ें: सरकार ने सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए बेहतरीन बजट पेश किया: मालवीय
चुनाव में नहीं बने मुद्दा : दरअसल सरकार के इस बजट के बाद विपक्ष लगातार इस बात के आरोप लगा रहा है कि सरकार ने सरकार ने घोषणाओं का अम्बार लगा कर जनता को खुश करने की कोशिश की है. आगामी 2023 के चुनाव में जनता को खुश किया जाए इसलिए इस तरह का बजट पेश किया गया है, लेकिन इस बजट में हुई घोषणा धरातल पर नहीं उतर सकती हैं.
विपक्ष के ये आरोप चुनाव में मुद्दा नहीं बने, इसलिए सरकार ने बजट घोषणा होने के साथ ही अब घोषणाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. सरकार की मंशा इसके पीछे यह भी है कि जब 1 साल बाद जनता के बीच में वोट मांगने जाएं, तो यह बता पाएं कि बजट में घोषित योजनाओं पर कितना काम हुआ.