जयपुर. राजस्थान बीज निगम के चेयरमैन के तौर पर मंगलवार को पूर्व विधायक और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज गुर्जर ने अपना (Dheeraj Gurjar Took Charge of Seed Corporation Chairman) पदभार संभाला. इस दौरान बड़ी तादाद में नेता और कार्यकर्ता धीरज गुर्जर के पदभार ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे. गुर्जर के पदभार में सीडब्लूसी सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, मंत्री लालचंद कटारिया, प्रताप सिंह खाचरियावास, भंवर सिंह भाटी, भजन लाल जाटव, राजेंद्र यादव समेत कई विधायक और नेता मौजूद रहे.
आज पदभार ग्रहण कार्यक्रम को धीरज गुर्जर का शक्ति प्रदर्शन के तौर पर (Power Performance of Congress National Secretary Dheeraj Gurjar) देखा जा रहा है. पदभार ग्रहण करने के बाद धीरज गुर्जर ने कहा कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के आशीर्वाद से मुझे यह जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा कि मैं बीज निगम के जरिए ऐसे बीज रोपुंगा कि किसानों को उन्नत बीज मिले ही. इसके साथ ही राजस्थान में कांग्रेस का कार्यकर्ता और कांग्रेस मजबूत हो और 2023 में कांग्रेस की सरकार बने. उन्होंने कहा कि किसानों को कैसे राहत मिल सके, इसका वह पूरा प्रयास करेंगे.
तीन साल से राजस्थान के साथियों से नहीं मिल सका, इसलिए जुटी भीड़ : बीज निगम के अध्यक्ष के तौर पर पदभार ग्रहण कार्यक्रम में बड़ी तादाद में धीरज गुर्जर के समर्थक कृषि भवन पहुंच गए और ऐसा पहली बार देखने को मिला कि किसी चेयरमैन ने नियुक्ति के बाद सभा की हो. ऐसी संख्या का असर पड़ा कि आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने सभा में ही एलान किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शाम 4 बजे धीरज गुर्जर और उनके समर्थकों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया है. इस दौरान धीरज गुर्जर ने कहा कि यह उनका शक्ति प्रदर्शन नहीं है. क्योंकि वह पिछले 3 साल से उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं और अपने कार्यकर्ताओं से नहीं मिल पा रहे थे, इसी के चलते प्रेम दिखाने के लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता यहां पहुंचा है.
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उत्तर प्रदेश के जीतने वाले विधायकों को बाड़ाबंदी की जरूरत नहीं : पांच राज्यों के चुनाव के बाद यह कहा जा रहा है कि राजस्थान में पंजाब, गोवा और झारखंड के विधायक प्रत्याशियों को राजस्थान में बाड़ाबंदी में लाया जा सकता है. चुनाव क्योंकि उत्तर प्रदेश में भी हो रहे हैं, ऐसे में उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के जीतने वाले विधायकों को राजस्थान में बाड़ाबंदी में लाने के सवाल पर (Dheeraj Gurjar on UP Assembly Election) धीरज गुर्जर ने कहा कि 30 सालों से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सुषुप्त अवस्था में थी.
प्रियंका गांधी के कुशल नेतृत्व का चमत्कार है, जिसके चलते आज वहां बड़ी रैलियां और सभाएं कांग्रेस के पक्ष में हो रही हैं और कांग्रेस पार्टी सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और इसका ऐतिहासिक नतीजा 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. बाड़ाबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता तो सपा और बसपा से लड़ते रहे. वह तो खुद ही फौलादी चट्टान हैं, उन्हें किसी जगह बाड़ाबंदी में लाने की जगह नहीं है. वह तो खुद दूसरों को अपने साथ जोड़ सकते हैं.
राजनीतिक नियुक्तियों से नाराज नेताओं को लेकर बोले- ऐसा परिवार ही क्या, जिसमें छोटी-मोटी कहासुनी न हो : राजस्थान में सोमवार को हुई राजनीतिक नियुक्तियों में ज्यादातर सदस्य बनाए गए नेता नाराज नजर आ रहे हैं. दो नेताओं ने तो अपना पद ग्रहण करने से इनकार भी कर दिया है. कांग्रेस नेताओं की नाराजगी पर धीरज गुर्जर ने कहा कि ऐसा परिवार किस काम का, जिसमें छोटी-मोटी कहासुनी न हो. यह सब छोटी- मोटी बातें चलती रहती हैं और कांग्रेस 2023 में वापसी करेगी. जिसकी शुरुआत इस बार राजनीतिक नियुक्तियों के तौर पर युवाओं को मिले मौके से हो चुकी है.
राजनीतिक नियुक्ति पाए नेताओं को मिला कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा, विधायकों पर संशय : इधर धीरज गुर्जर ने आज अपना पदभार ग्रहण किया, उधर दूसरी ओर सरकार ने बोर्ड और निगम में अध्यक्षों को मंत्री स्तर का दर्जा दे दिया. इनमें पूर्व मंत्री रहे चंद्रभान, ब्रजकिशोर शर्मा और रामेश्वर डूडी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है तो बाकी सभी अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा. हालांकि, यह पहले ही साफ हो चुका है कि विधायकों को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के चलते मंत्री पद का दर्जा नहीं मिल सकेगा, लेकिन बाकी सभी अध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा.