जयपुर. धरियावद-वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार के कारणों की समीक्षा के बजाय नेताओं के बयानों से उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के घाव हरे हो रहे हैं. खासतौर पर धरियावद सीट पर भाजपा प्रत्याशी चयन मामले (Dhariyawad BJP candidate selection) में पिछले दिनों आए पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के बयान से प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अपनी अनभिज्ञता जताई है.
पूनिया ने पिछले दिनों एक बयान में कहा था कि केंद्रीय नीतिगत निर्णय के चलते धरियावद में भाजपा संभावित जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट नहीं दे पाई. लेकिन राठौड़ कहते हैं की टिकट चयन से लेकर परिणाम तक भाजपा में सामूहिक निर्णय पर कार्य होता है. ऐसे में प्रत्याशी की घोषणा से लेकर उपचुनाव में उसे जिताने तक की जिम्मेदारी पार्टी से जुड़े तमाम कार्यकर्ता और नेताओं की सामूहिक होती है.
हालांकि जब राठौड़ से पूछा गया कि क्या पार्टी ने इस बार धरियावद सीट पर परिवारवाद को बढ़ावा ना देने की नीति के चलते संभावित जीतने वाले उम्मीदवार के बजाय अन्य उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया. इस पर राठौड़ ने यह कहते हुए खुद को इससे अलग कर लिया कि प्रत्याशी चयन का निर्णय केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड करती है, जिसके वे सदस्य नहीं है.
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गौरतलब है कि मौजूदा उपचुनाव में भाजपा ने धरियावद सीट पर सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे दिवंगत विधायक गौतम लाल मीणा के पुत्र कन्हैया लाल मीणा को टिकट न देकर स्थानीय भाजपा नेता खेत सिंह मीणा को प्रत्याशी बनाया था. उपचुनाव में भाजपा का यह प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहा. वहीं वल्लभनगर में भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत ही जप्त हो गई थी.