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DGP in HC: झूठी जानकारी मामले में डीजीपी और गृह सचिव की पेशी आज - DGP in HC

पुलिस विभाग की ओर से अदालत में झूठी और गलत जानकारी देने और अदालती आदेश की पालना न करने पर सचिव और डीजीपी (DGP in HC) आज राजस्थान हाइकोर्ट में पेश होंगे.

DGP in HC
झूठी जानकारी मामले में डीजीपी और गृह सचिव की पेशी आज
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Published : Aug 5, 2022, 2:52 PM IST

जयपुर. राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर और गृह सचिव आज अदालत में पेश होंगे. दोनों अधिकारियों को कोर्ट ने झूठी जानकारी देने संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए तलब किया है. HC ने पूछा है कि पुलिस विभाग के इस रवैए को दूर करने के लिए क्या विभागीय कार्रवाई की गई और इसका क्या एक्शन प्लान है (DGP in HC). जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश गांजा तस्करी के मामले में आरोपी लूशी की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए थे. अदालत ने कहा कि बार-बार देखा जाता है कि पुलिस कोर्ट में झूठी, गलत और पुरानी जानकारी दे रही है. इससे न्याय की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है.

अदालत का मानना था कि झूठी जानकारी देना गंभीर मसला है और इससे व्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ और संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है. याचिका में कहा गया कि अजमेर के दरगाह थाना पुलिस ने गांजा तस्करी के मामले में याचिकाकर्ता का नाम एफआईआर में होने पर भी उसे आरोपी बनाया. वहीं कोर्ट में उसके खिलाफ गलत जानकारी देकर चार केस लंबित होना बताया, जबकि उसके खिलाफ दो केस ही लंबित हैं और वह दो केसों में बरी हो गई है.

पढ़ें-Rajasthan High Court: पुलिस विभाग में रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, राज्य सरकार को नया हलफनामा पेश करने के दिए निर्देश

अदालती की पालना में गत सुनवाई पर अजमेर एसपी चूनाराम जाट ने पेश होकर माना की पुलिस विभाग से गलती हुई है और जांच रिपोर्ट बनाने वाले पुलिसकर्मी को चार्जशीट दे दी गई है. वहीं सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि कोर्ट से बरी होने के बाद इसकी सूचना जेल प्रशासन को मिलती है, लेकिन संबंधित थाने में इसकी सूचना पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं है. संबंधित व्यक्ति ही थाने में अपने बरी होने के बारे में जानकारी देता है इसलिए जो रिपोर्ट पुलिस देती है, उसे कोर्ट में पेश किया जाता है. इस पर अदालत ने गृह सचिव और डीजीपी को 5 अगस्त यानी आज पेश होकर जानकारी देने को कहा.

जयपुर. राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर और गृह सचिव आज अदालत में पेश होंगे. दोनों अधिकारियों को कोर्ट ने झूठी जानकारी देने संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए तलब किया है. HC ने पूछा है कि पुलिस विभाग के इस रवैए को दूर करने के लिए क्या विभागीय कार्रवाई की गई और इसका क्या एक्शन प्लान है (DGP in HC). जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश गांजा तस्करी के मामले में आरोपी लूशी की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए थे. अदालत ने कहा कि बार-बार देखा जाता है कि पुलिस कोर्ट में झूठी, गलत और पुरानी जानकारी दे रही है. इससे न्याय की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है.

अदालत का मानना था कि झूठी जानकारी देना गंभीर मसला है और इससे व्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ और संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है. याचिका में कहा गया कि अजमेर के दरगाह थाना पुलिस ने गांजा तस्करी के मामले में याचिकाकर्ता का नाम एफआईआर में होने पर भी उसे आरोपी बनाया. वहीं कोर्ट में उसके खिलाफ गलत जानकारी देकर चार केस लंबित होना बताया, जबकि उसके खिलाफ दो केस ही लंबित हैं और वह दो केसों में बरी हो गई है.

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अदालती की पालना में गत सुनवाई पर अजमेर एसपी चूनाराम जाट ने पेश होकर माना की पुलिस विभाग से गलती हुई है और जांच रिपोर्ट बनाने वाले पुलिसकर्मी को चार्जशीट दे दी गई है. वहीं सरकारी वकील शेरसिंह महला ने कहा कि कोर्ट से बरी होने के बाद इसकी सूचना जेल प्रशासन को मिलती है, लेकिन संबंधित थाने में इसकी सूचना पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं है. संबंधित व्यक्ति ही थाने में अपने बरी होने के बारे में जानकारी देता है इसलिए जो रिपोर्ट पुलिस देती है, उसे कोर्ट में पेश किया जाता है. इस पर अदालत ने गृह सचिव और डीजीपी को 5 अगस्त यानी आज पेश होकर जानकारी देने को कहा.

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