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DGGI Jaipur Action: टैक्स चोरी के सिंडिकेट का भंडाफोड़, फेक फर्म बनाकर 4521 करोड़ के फर्जी बिल किए जारी

डीजीजीआई जयपुर ने फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी का बड़ा भंडाफोड़ किया है. छापामार कार्रवाई में 4521 करोड़ के फर्जी बिल बनाकर टैक्स चोरी की गई (GST Fake Bill Scam in Jaipur).

DGGI Jaipur Action, GST Fake Bill Scam
DGGI Jaipur Action
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Published : Jan 14, 2022, 6:03 PM IST

Updated : Jan 14, 2022, 6:56 PM IST

जयपुर. डीजीजीआई (Directorate General of GST Intelligence) ने फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी के सिंडीकेट का भंडाफोड़ किया है. जयपुर यूनिट ने दिल्ली और कोलकाता में छापामार कार्रवाई करते हुए ये खुलासा किया. 636 फर्जी फर्म बनाकर 4521 करोड़ के फर्जी बिल जारी किए गए हैं. 741 करोड़ की आईटीसी क्लेम अवैध तरीके से उठाई गई (Big Tax Theft in Jaipur) है.

डीजीजीआई (DGGI Jaipur Action) ने बड़ी संख्या में फर्जी सिम, मोबाइल फोन, ईमेल और दस्तावेज जब्त किए हैं. डीजीजीआई ने मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार किया है. डीजीजीआई जयपुर यूनिट के एडीजी के मुताबिक कुछ फर्जी फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जो अपने व्यवसाय के प्रमुख स्थान पर मौजूद नहीं थी. इन फर्जी फर्मों के पीछे वास्तविक व्यक्तियों का पता लगाने के लिए जांच पड़ताल शुरू की गई. जहां से जीएसटी रिटर्न दाखिल किया था, उसका वास्तविक पता लगाया गया.

यह भी पढ़ें. Cyber Crime In Udaipur: साइबर ठगों ने लूटे थे 9 लाख 50 हजार रुपए, कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने करवाए रिफंड

जांच पड़ताल में सामने आया कि मालिक अपने वित्तीय खातों को बनाए रखने के लिए विभिन्न ग्राहकों को अपने सर्वर पर क्लाउड स्टोरेज की सेवाएं प्रदान करने में लगे हुए हैं. एक संदिग्ध सर्वर की जांच करने पर टेली डाटा में कुछ फर्मों का विवरण मिला. मालिक की तरफ से बताया गया कि इस टेली डाटा को कोलकाता स्थित एक सिंडिकेट की ओर से बनाया जा रहा है (4 thousand crore tax theft Jaipur). इसके बाद कोलकाता में फर्म के ठिकानों पर तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, चेक बुक, फर्मों के टिकट और सिम कार्ड समेत भारी मात्रा में कई दस्तावेज बरामद हुए.

यह भी पढ़ें. Online Fraud in Jaipur : दुबई में नौकरी लगाने का झांसा दे 2 लाख रुपए की ठगी

741 करोड़ आईटीसी क्लेम का लाभ उठाया

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज, मोबाइल और ईमेल के विश्लेषण पर पता चला कि यह व्यक्ति दिल्ली में सर्वर पर दूरस्थ रूप से डेटा का रखरखाव कर रहे हैं. टेली डाटा की जांच पड़ताल में सामने आया कि सिंडिकेट की ओर से 636 फर्जी फर्मों का संचालन किया जा रहा है. सिंडिकेट के मास्टर माइंड ने स्वीकार किया है कि इन फर्मों में केवल चालान जारी किए गए हैं और किसी भी सामान की आपूर्ति नहीं की गई. 4521 करोड़ के फर्जी बिल जारी करके 741 करोड़ आईटीसी क्लेम का लाभ लिया गया है.

जांच पड़ताल के दौरान जीएसटी की राशि इन फर्मों के आईटीसी खाता बही में उपलब्ध आईटीसी को उलट करके 4.52 करोड़ जमा करवाए गए हैं. फर्मों के विभिन्न बैंक खातों में पड़े 7 करोड़ रुपए को फ्रीज कर दिया गया है. मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है. डीजीजीआई मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

जयपुर. डीजीजीआई (Directorate General of GST Intelligence) ने फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी के सिंडीकेट का भंडाफोड़ किया है. जयपुर यूनिट ने दिल्ली और कोलकाता में छापामार कार्रवाई करते हुए ये खुलासा किया. 636 फर्जी फर्म बनाकर 4521 करोड़ के फर्जी बिल जारी किए गए हैं. 741 करोड़ की आईटीसी क्लेम अवैध तरीके से उठाई गई (Big Tax Theft in Jaipur) है.

डीजीजीआई (DGGI Jaipur Action) ने बड़ी संख्या में फर्जी सिम, मोबाइल फोन, ईमेल और दस्तावेज जब्त किए हैं. डीजीजीआई ने मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार किया है. डीजीजीआई जयपुर यूनिट के एडीजी के मुताबिक कुछ फर्जी फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जो अपने व्यवसाय के प्रमुख स्थान पर मौजूद नहीं थी. इन फर्जी फर्मों के पीछे वास्तविक व्यक्तियों का पता लगाने के लिए जांच पड़ताल शुरू की गई. जहां से जीएसटी रिटर्न दाखिल किया था, उसका वास्तविक पता लगाया गया.

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जांच पड़ताल में सामने आया कि मालिक अपने वित्तीय खातों को बनाए रखने के लिए विभिन्न ग्राहकों को अपने सर्वर पर क्लाउड स्टोरेज की सेवाएं प्रदान करने में लगे हुए हैं. एक संदिग्ध सर्वर की जांच करने पर टेली डाटा में कुछ फर्मों का विवरण मिला. मालिक की तरफ से बताया गया कि इस टेली डाटा को कोलकाता स्थित एक सिंडिकेट की ओर से बनाया जा रहा है (4 thousand crore tax theft Jaipur). इसके बाद कोलकाता में फर्म के ठिकानों पर तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, चेक बुक, फर्मों के टिकट और सिम कार्ड समेत भारी मात्रा में कई दस्तावेज बरामद हुए.

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741 करोड़ आईटीसी क्लेम का लाभ उठाया

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज, मोबाइल और ईमेल के विश्लेषण पर पता चला कि यह व्यक्ति दिल्ली में सर्वर पर दूरस्थ रूप से डेटा का रखरखाव कर रहे हैं. टेली डाटा की जांच पड़ताल में सामने आया कि सिंडिकेट की ओर से 636 फर्जी फर्मों का संचालन किया जा रहा है. सिंडिकेट के मास्टर माइंड ने स्वीकार किया है कि इन फर्मों में केवल चालान जारी किए गए हैं और किसी भी सामान की आपूर्ति नहीं की गई. 4521 करोड़ के फर्जी बिल जारी करके 741 करोड़ आईटीसी क्लेम का लाभ लिया गया है.

जांच पड़ताल के दौरान जीएसटी की राशि इन फर्मों के आईटीसी खाता बही में उपलब्ध आईटीसी को उलट करके 4.52 करोड़ जमा करवाए गए हैं. फर्मों के विभिन्न बैंक खातों में पड़े 7 करोड़ रुपए को फ्रीज कर दिया गया है. मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है. डीजीजीआई मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

Last Updated : Jan 14, 2022, 6:56 PM IST
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