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देवगुरु बृहस्पति का आज कुंभ राशि में प्रवेश, राजनीति में बदलाव और महंगाई से मिलेगी राहत - Jupiter

देवताओं के गुरु और सौर मंडल के महत्वपूर्ण ग्रह बृहस्पति (गुरु) आज कुंभ राशि में प्रवेश कर गए हैं. ज्योतिषियों का आकलन है कि इसके बाद राजनीति में बदलाव आएगा और लगातार बढ़ रही महंगाई से आमजन को राहत मिलेगी.

Devguru Jupiter,  Aquarius
देवगुरु बृहस्पति
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Published : Nov 20, 2021, 10:03 AM IST

जयपुर. देवताओं के गुरु और सौर मंडल के महत्वपूर्ण ग्रह बृहस्पति (गुरु) आज शनिवार को कुंभ राशि में प्रवेश कर गए हैं. ज्योतिषियों का आकलन है कि इसके बाद राजनीति में बदलाव आएंगे और लगातार बढ़ रही महंगाई से आमजन को राहत मिलेगी. स्थायी संपत्ति के दाम कम होने के भी आसार जताए जा रहे हैं.

पढ़ें- Horoscope Today 20 November 2021 राशिफल : वृषभ, कर्क, तुला और धनु राशि वालों को 'अर्थ लाभ'

दरअसल, गुरु का आज शनिवार को कुंभ राशि में प्रवेश हुआ है. कुंभ राशि पर शनि का स्वामित्व है. ज्योतिष में गुरु और शनि को सम माना गया है. इनमें शत्रु भाव नहीं होता है. गुरु ने नीच राशि मकर से निकल कुंभ में प्रवेश किया है. इसके साथ मकर राशि में बनी हुई गुरु-शनि की युति समाप्त हो जाएगी.

ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि गुरु के राशि परिवर्तन के बाद राज्यों में चुनावों के नतीजे सत्तारुढ़ सरकारों के पक्ष में नहीं होंगे. मंहगाई घटेगी और करों का बोझ कम होगा. देश में रोगों की कमी होगी. राशि परिवर्तन से जमीन, मकान सस्ते होंगे.

ज्योतिष के अनुसार, गुरु एक राशि में 13 महीने गोचर करते हैं. वक्री होने पर समय में बदलाव होता है. किसी भी राशि में दोबारा आने में गुरु को 12 साल का समय लगता है. गुरु का यह गोचर कर्क राशिवालों के पक्ष में रहेगा.

जयपुर. देवताओं के गुरु और सौर मंडल के महत्वपूर्ण ग्रह बृहस्पति (गुरु) आज शनिवार को कुंभ राशि में प्रवेश कर गए हैं. ज्योतिषियों का आकलन है कि इसके बाद राजनीति में बदलाव आएंगे और लगातार बढ़ रही महंगाई से आमजन को राहत मिलेगी. स्थायी संपत्ति के दाम कम होने के भी आसार जताए जा रहे हैं.

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दरअसल, गुरु का आज शनिवार को कुंभ राशि में प्रवेश हुआ है. कुंभ राशि पर शनि का स्वामित्व है. ज्योतिष में गुरु और शनि को सम माना गया है. इनमें शत्रु भाव नहीं होता है. गुरु ने नीच राशि मकर से निकल कुंभ में प्रवेश किया है. इसके साथ मकर राशि में बनी हुई गुरु-शनि की युति समाप्त हो जाएगी.

ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि गुरु के राशि परिवर्तन के बाद राज्यों में चुनावों के नतीजे सत्तारुढ़ सरकारों के पक्ष में नहीं होंगे. मंहगाई घटेगी और करों का बोझ कम होगा. देश में रोगों की कमी होगी. राशि परिवर्तन से जमीन, मकान सस्ते होंगे.

ज्योतिष के अनुसार, गुरु एक राशि में 13 महीने गोचर करते हैं. वक्री होने पर समय में बदलाव होता है. किसी भी राशि में दोबारा आने में गुरु को 12 साल का समय लगता है. गुरु का यह गोचर कर्क राशिवालों के पक्ष में रहेगा.

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