जयपुर. प्रदेश में एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में विकास योजना तैयार करनी होगी ताकि बेतरतीब विकास कार्य से छुटकारा मिल सकें. साथ ही जोन की भूमि का आधुनिक आधारभूत पैटर्न पर विकास के लिए इसका उपयोग किया जा सके. इस संबंध में शुक्रवार को विधानसभा में इसके लिए राजस्थान नगर सुधार संशोधन विधायक 2020 को पारित किया गया. इससे पहले इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा. ज्यादातर विधायकों ने विधेयक को लाने के पीछे के प्रयोजन को गुलाब कोठारी वर्सेज राज्य सरकार प्रकरण से जोड़ा.
इस दौरान विधेयक में जोनल प्लान को परिभाषित नहीं करने का मुद्दा भी उठा तो विधेयक के लिए जनमत जानने के लिए फिर से प्रसारित करने की मांग भी की. इसके साथ ही भाजपा विधायकों ने जब इस विधेयक को लाने का प्रयोजन गुलाब कोठारी जजमेंट से भी जोड़ा. इस पर निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने भी कहा कि यह सही है. गुलाब कोठारी के जजमेंट की वजह से सरकार जो नियमन करना चाह रही है, वह नहीं कर पाएगी. इसीलिए यह बिल लाया गया हैं.
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लोढा ने कहा कि सरकार को फैसिलिटी एरिया डिफाइन करना चाहिए. पार्क, कॉम्प्लेक्स जैसी चीजों की शामिल करना चाहिए. लोढा ने कहा कि पृथ्वीराज नगर योजना में जो काम किया है, वह डीएलसी रेट के आधार पर आकलन करें तो यह 13 हजार करोड़ का घोटाला हैं. उऩ्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि गुलाब कोठारी जजमेंट की मंशा क्या थी, आपने पिछली डेट में सोसायटियों के पट्टे बनवा दिए.
उन्होंने कहा कि आप मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ा कर नियमन कर रहे हैं. जोनल प्लान के साथ-साथ सरकार को वित्तीय व्यवस्था करनी चाहिए, यह तय करना चाहिए कि कितनी ग्रीनरी है. आप गलियां मत ढूंढिए, जैसे पहले हाईकोर्ट के फैसले की धज्जियां उड़ाई हैं, वैसे नहीं किया जाए. जिन नागरिकों ने आप को वोट दिया है, उनके बच्चों को अच्छी बस्ती दीजिए, यह मेरा आग्रह है. विधेयक पर बोलते हुए किरण माहेश्वरी ने कहा कि राजस्थान में कुल 14 यूआईटी हैं.
विधेयक पर चर्चा करते हुए विधायक वासुदेव देवनानी ने भी इस बिल के प्रयोजन को लेकर गुलाब कोठारी वर्सेज राज्य सरकार केस का जिक्र किया. देवनानी ने कहा कि सरकार इस केस से उबरने के लिए गली ढूंढ रही है, लेकिन प्रदेश के 170 शहरों का पलीता लगा रही है. देवनानी ने कहा कि जो अविकसित शहर है, उनके लिए कोई मास्टर प्लान नहीं बताया गया है. उन्होंने विधेयक पर जनमत जानने के लिए मांग की हैं.
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विधेयक पर जवाब देते हुए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो मामले बताए हैं, उसमें से आप के समय घोटाले हुए हैं. इस पर राजेंद्र राठौड़ उठ खड़े हुए और बोले कि आपके हाथ किसने बांध रखे हैं, आप जांच कराओ. इस पर धारीवाल ने कहा कि हम जांच करा लेंगे, लेकिन आप की पोल तो ज्ञानचंद पारख ने ही खोल दी, जिनको आप अभी चुप करा रहे थे.
इसके बाद धारीवाल ने कहा कि एक लाख से नीचे की आबादी वाले छोटे शहरों का मास्टर प्लान ही जोनल प्लान है, वहां जोनल प्लान की जरूरत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जिन सदस्यों ने बिल पर अपनी बात रखी, वे जवाब सुनने के लिए सदन में मौजूद नहीं है. शहरों में जोनल प्लान बनाने के लिए कोर्ट के निर्देश थे, इसमें पहले जोन में विभाजित करने का प्रावधान था. धारीवाल ने स्पष्ट किया कि संशोधन में जोनल प्लान को परिभाषित किया गया है. मंत्री धारीवाल ने यह भी बताया कि बड़े शहरों में एक लाख की आबादी से ज्यादा होने पर ही जोन बनाए गए हैं. इसी के लिए संशोधन लाया गया हैं.