जयपुर. राज्य के एमएसएमई उद्यमों को वित्तीय, तकनीकी निर्यात और अन्य सहयोग और समन्वय के लिए उद्योग विभाग और सिडबी साथ मिलकर काम करेंगे. इसको लेकर शुक्रवार को उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा की उपस्थिति में उद्योग विभाग और सिडबी के बीच एक एमओयू संपन्न हुआ. उद्योग विभाग की आयुक्त अर्चना सिंह और सिडबी की ओर से महाप्रबंधक बलवीर सिंह की ओर से हस्ताक्षर किए गए.
एमओयू साइन होने के बाद उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई एक्ट में संशोधन कर राज्य उद्योग मित्र के माध्यम से पंजीयन कर तत्काल उद्योग शुरू करने का अवसर देते हुए सभी तरह की अनुमति और निरीक्षण 3 साल में के लिए मुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि अब वन स्टॉप शॉप आने से बड़े उद्योगों की स्थापना भी आसान हो जाएगी.
उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की ओर से ही सर्वाधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं. निर्यात में भी इनकी प्रभावी हिस्सेदारी है. ऐसे में राज्य सरकार एमएसएमई उद्योग की समस्याओं को समझने और उनके निराकरण के कदम उठा रही है. सिडबी के साथ समझौते भी इसी दिशा में बढ़ता कदम है.
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मीणा ने बताया कि एमएसएमई काउंसिल को 1 से बढ़ाकर 4 कर दिया गया है. अब सभी संभाग स्तर पर स्थापित करने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और उद्योग विभाग के संयुक्त प्रयासों से और बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे. मीणा ने कहा कि सिडबी सहयोग से प्रदेश में नावोंवेसी कलस्टर आधारित एप्रोच को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए शोध और अध्ययन में एमएसएमई उद्योग की स्थापना, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और मौजूदा हालातों का मूल्यांकन किया जाएगा.
परसादीलाल ने बताया कि इससे एमएसएमई उद्योग को प्रोत्साहन मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि सिडबी के साथ मिलकर प्रदेश में डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा. सिडबी के महाप्रबंधक बलबीर सिंह ने बताया कि सिडबी राजस्थान में उद्योग विभाग के साथ संबंध बनाए हुए है. एमएसएमई इकाइयों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी तरह की सहायता और सहयोग उपलब्ध कराएंगे.
उन्होंने बताया कि इसी तरह से समझौता देश के 11 प्रदेशों में किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सिडबी ने ग्रांट थामटन को परामर्शदाता एजेंसी बनाया है जो राज्य सरकार के संबंध बनाते हुए उद्योग आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति को अपनी रिपोर्ट देगी.