जयपुर. सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने नगरीय निकायों के लिए यूडी टैक्स जमा करवाने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करवाया है. जिसके माध्यम से सभी नगरीय निकायों में संपत्तियों के नगरीय विकास कर की गणना कर वसूली की जा सकेगी. साथ ही नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि सूचना पट्ट पर इसकी जानकारी अंकित कराई जाए. और आमजन को इस संबंध में अवगत कराकर ऑनलाइन सेवा प्रदत्त करना सुनिश्चित की जाए.
राजधानी में करीब 1 लाख 35 हजार यूडी टैक्स के बकाएदार हैं. जबकि प्रदेश में ये संख्या 2 लाख 94 हजार से अधिक है. कोरोना के कारण इस बार नगरीय निकायों में टैक्स जमा कराने के लिए शिविर नहीं लगाए जा सके. ऐसे में अब आम जनता को सहूलियत प्रदान करने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने नगरीय निकायों के लिए नगरीय विकास कर का ऑनलाइन सॉफ्टवेयर विकसित कराया है.
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग से विकसित कराए गए इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी नगरीय निकायों में स्थित संपत्तियों के नगरीय विकास कर की गणना कर वसूली की जा सकेगी. आमजन तक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की जानकारी पहुंचाने के लिए नगरी निकाय की वेबसाइट पर इसकी सूचना और ऑनलाइन सॉफ्टवेयर का लिंक अपलोड किया गया है. साथ ही नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि सूचना पट्ट पर इसकी जानकारी अंकित कराई जाए. और आमजन को इस संबंध में अवगत कराकर ऑनलाइन सेवा प्रदत्त करना सुनिश्चित की जाए.
पढ़ें- राज्य सरकार ने बकाया हाउस टैक्स और यूडी टैक्स पर फिर दी छूट, पेनल्टी की माफ
इससे पहले कोरोना काल को देखते हुए राज्य सरकार ने बकाया हाउस टैक्स और यूडी टैक्स पर छूट की अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ाई थी. जिसके तहत बकाया हाउस टैक्स में पेनल्टी पर 100% छूट दी है. जबकि बकाया गृह कर एकमुश्त जमा कराने पर मूल राशि में 50% छूट रही है. वहीं 2007 से 2011-12 तक का बकाया यूडी टैक्स एकमुश्त जमा कराने पर मूल राशि में 50% छूट मिलेगी. जबकि 2007 से 2020 तक की पेनल्टी में 100% की छूट मिलेगी.